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    अार्मी प्रमुख रावत का दावा, युद्ध के लिए हम हमेशा तैयार हैं

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 03 Jan 2017 10:02 PM (IST)

    सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि हम युद्ध के लिए हमेशा तैयार हैं, यह तो हमारा काम है लेकिन इस तरह की चीजों से सीमावर्ती इलाके बुरी तरह प्रभावित होंगे। ...और पढ़ें

    नई दिल्ली(एएनअाई)। नव नियुक्त सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता भारतीय सेना का मनोबल बढ़ाना और हर जवान को यह महसूस कराना है कि वे हमारी ताकत हैं। दूसरी प्राथमिकता तकनीकी रूप से उपकरणों और हथियारों को आधुनिक बनााना ताकि जवान और बेहतर तरीके से वे हमारी सीमा की रक्षा कर सकें।

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    सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि हम युद्ध के लिए हमेशा तैयार हैं, यह तो हमारा काम है लेकिन इस तरह की चीजों से सीमावर्ती इलाके बुरी तरह प्रभावित होंगे। उन्होंने पीएम ने भी यही कहा था कि जो आने वाले युद्ध होंगे, इंटेन्स और छोटे होंगे। इस के लिए हम तैयार हैं। सतर्क रहना जरूरी है। अोअारअोपी मुद्दे पर सेना प्रमुख ने कहा, एक सीमा तक मांगो को पूरा किया जाता है। जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पूर्व सैनिकों से अनुरोध है कि घर लौट आएं।

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    सेना प्रमुख के चयन में किसी प्रक्रिया की अवहेलना नहीं हुई : पर्रिकर
    वहीं सेना प्रमुख के चयन को लेकर पहली बार रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि 'मुझे नहीं मालूम कि वरिष्ठता को लेकर कोई सिद्धांत लिखा हुआ है। आर्मी चीफ के लिए सभी उम्मीदवार (लेफ्टिनेंट जनरल) बहुत अच्छे थे। इसीलिए चयन में देरी हुई'।

    रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रकिया कहीं नहीं कहती कि वरिष्ठता पैमाना होगी। यदि ऐसा होगा तो यह सिर्फ एक कंप्यूटर जनित प्रक्रिया हो जाएगी। फिर किसी का आकलन करने, आईबी की रिपोर्ट्स मंगवाने और तमाम आधार देखने की क्या जरुरत रह जाएगी। फिर तो केवल आपकी जन्मतिथि ही आपके सेना प्रमुख बनने का आधार बनेगी। आप चयन के लिए पूरा प्रोसिजर पढ़िए। इसमें किसी प्रक्रिया की अवहेलना नहीं हुई है'।

    रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा, पिछले दो सालों में रक्षा विभाग ने कई अहम मुद्दों का समाधान किया है। अब तक 19 लाख 70 हजार को ओआरओपी की पेंशन दी जा चुकी है। ओआरओपी के कुल 99 प्रतिशत एलिजिबल केस जनवरी तक एड्रेस कर लिए जाएंगे।