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    हमसे डरने लगा है चीन, जमीन देने का तो सवाल ही नहीं : एंटनी

    By Edited By:
    Updated: Sat, 07 Sep 2013 07:33 AM (IST)

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। चीन के भारत का कोई नया इलाका कब्जाने या सेना को गश्त से रोकने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि चीनियों को भारतीय जमीन को देने का सवाल ही नहीं है। एंटनी ने यहां तक कहा कि सीमा के इलाकों में भारत के ढांचागत विकास से चीन डरने लगा है। चीनी घुसपैठ की घटनाओं को लेकर संसद में उठी चिंताओं के जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए हरसंभव उपाए किए जाएंगे।

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। चीन के भारत का कोई नया इलाका कब्जाने या सेना को गश्त से रोकने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि चीनियों को भारतीय जमीन देने का सवाल ही नहीं है। एंटनी ने यहां तक कहा कि सीमा के इलाकों में भारत के ढांचागत विकास से चीन डरने लगा है। चीनी घुसपैठ की घटनाओं को लेकर संसद में उठी चिंताओं के जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए हरसंभव उपाए किए जाएंगे।

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    पढ़ें : चीन के साथ तनाव की घटनाओं को रोकने में जुटा भारत

    जानिए, हालिया घटनाएं

    राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के प्रमुख और पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन की सरकार को सौंपी रिपोर्ट के हवाले से आई खबरों में चीन द्वारा 640 किमी जमीन कब्जाने की बात कही गई थी। इस मामले को गुरुवार और शुक्रवार को लोकसभा में भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने उठाया तथा सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव समेत कई नेताओं ने अपनी चिंता जताते हुए रक्षा मंत्री से स्पष्टीकरण मांगा।

    विपक्षी हंगामे के बाद दिए बयान में एंटनी ने कहा कि पूर्व विदेश सचिव ने अपनी रिपोर्ट में चीन द्वारा भारतीय जमीन कब्जाने की कोई बात नहीं कही है।

    एंटनी के अनुसार सरन 2 से 9 अगस्त के बीच लद्दाख के दौरे पर गए थे। उनकी रिपोर्ट में लद्दाख व पड़ोसी क्षेत्रों के बीच संपर्क सुनिश्चित करने व आवश्यक सीमावर्ती ढांचागत निर्माण की प्रगति की समीक्षा की गई। राज्यसभा में भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद की ओर से लद्दाख में कमजोर ढांचागत निर्माण और चीनी घुसपैठ के सवालों पर एंटनी ने माना कि पड़ोसी मुल्क के मुकाबले वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय इलाकों में सड़क नेटवर्क उतना बेहतर नहीं है।

    हालांकि रक्षा मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत भी तेजी से अपने सैन्य ढांचे को सुधार रहा है, जिससे चीन को डर लगने लगा है। उन्होंने सेना की दो माउंटेन डिविजन बनाने, नई स्ट्राइक कोर तैयार करने व अग्रिम इलाकों में कई हवाई पंिट्टयों को खड़ा करने जैसी उपलब्धियों को भी गिनाया।

    रक्षा मंत्री के मुताबिक इस ढांचागत सुधार के कारण ही अब दोनों ओर की सेनाएं पहले के मुकाबले अधिक नजदीक आ गई हैं। उन्होंने माना कि दोनों ओर से सैनिक गश्ती दलों के बीच आमने सामने की स्थिति भी आती रहती है।

    सरन की रिपोर्ट के बारे में चल रही अटकलों के बीच रक्षा मंत्री ने कहा, 'मैं सदन को यकीन दिलाता हूं कि भारत का अपने इलाके के किसी भी हिस्से को चीन को देने का कोई सवाल ही नहीं है।' सरकार राष्ट्रीय हित की सुरक्षा के लिए सीमावर्ती इलाकों में देश की क्षमताओं को मजबूत करना जारी रखेगी। चीनी घुसपैठ के मामले पर शुक्रवार को सरकार विपक्ष के निशाने पर थी। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वह लगातार इस मामले को उठा रहे हैं कि भारत के लिए चीन खतरा बन रहा है। उन्होंने चीन के प्रति रक्षा नीति को लेकर सरकार की तीखी आलोचना भी की।

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