नई टीम बनाएंगे अन्ना
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने आंदोलन को धार देने के लिए नई टीम बनाएंगे। वर्तमान टीम के प्रमुख सदस्यों पर आरोप लग रहे हैं कि वे अपने राजनीतिक एजेंडे के तहत अन्ना को बहका कर रहे हैं। इसके अलावा उन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे हैं। ऐसे में टीम अन्ना उन आरोपों की जांच कराने के लिए सेवानिवृत्ता न्यायाधीश से संपर्क कर रही है।

रालेगण सिद्धि। प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने आंदोलन को धार देने के लिए नई टीम बनाएंगे। वर्तमान टीम के प्रमुख सदस्यों पर आरोप लग रहे हैं कि वे अपने राजनीतिक एजेंडे के तहत अन्ना को बहका कर रहे हैं। इसके अलावा उन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे हैं। ऐसे में टीम अन्ना उन आरोपों की जांच कराने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश से संपर्क कर रही है।
हजारे ने सोमवार को यहां कहा कि नई टीम में अल्पसंख्यकों, आदिवासियों, दलितों और युवाओं को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
नई टीम बनाने की प्रक्रिया कब शुरू होगी इस बारे में बताए बिना उन्होंने कहा कि वर्तमान कोर कमेटी के सभी सदस्यों की राय है कि कमेटी में अधिक लोगों की भागीदारी हो।
उन्होंने कहा कि वह सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को टीम में प्रतिनिधित्व देना चाहते हैं। हजारे ने यह भी कहा कि पुरानी कोर कमेटी मात्र ढाई माह के लिए थी लेकिन नई कमेटी का कार्यकाल अधिक दिनों का होगा। किसी को भी यह शिकायत नहीं रहेगी कि उन्हें मौका नहीं मिला। युवाओं को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलेगा।
अन्ना ने कहा कि उन्हें और उनकी टीम को किसी का डर नहीं है। उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि उनकी टीम के किसी भी सदस्य ने गलत आचरण या अनियमितता की हो तो उसका सुबूत दे।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लग रहे हैं।
बेदी पर विमान किराया बढ़ाकर लेने का आरोप है जबकि केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने चंदे में मिली रकम अपने ट्रस्ट के खाते में डाल दी। अन्ना ने कहा, 'जिन लोगों को लोकपाल आंदोलन से डर है, वे हमारे समर्थकों और सहयोगियों को निशाना बनाकर टीम को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें डर है कि मजबूत लोकपाल की व्यवस्था लागू हो जाएगी तो उनका राजनीतिक करियर खतरे में पड़ जाएगा।'
उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार महंगाई और भ्रष्टाचार जैसी मुख्य समस्याओं का हल नहीं निकाल रही है लेकिन इन मुद्दों को उठाने वालों पर कीचड़ उछाल रही है।
अन्ना हजारे जन लोकपाल विधेयक के प्रभाव का वास्तविकता से अधिक आकलन कर रहे हैं। भ्रष्टाचार को सरकार की व्यापक रणनीति, नौकरशाही और न्यायपालिका के संयुक्त प्रयास से ही समाप्त किया जा सकता है-दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव।
महंगाई ने सरकार को हिलाकर रख दिया है। ममता बनर्जी की टीएमसी और करुणानिधि की पार्टी डीएमके बेचैन हैं। अगर ये सरकार गिराने के लिए समर्थन वापस ले लें तो टीम अन्ना इसका श्रेय लेने की कोशिश कर सकती है- बाल ठाकरे, शिवसेना प्रमुख।
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