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    परिजनों ने कोर्ट में पूछा, प्राइवेट पार्ट पर कैसे थी चोट

    By Edited By:
    Updated: Thu, 19 Sep 2013 08:53 AM (IST)

    कालकाजी में 13 सितंबर को एनआरआइ छात्र अनमोल की हत्या के मामले में उसके परिजनों ने बुधवार को साकेत कोर्ट के समक्ष पुलिस जांच पर सवाल उठाए। अदालत के समक्ष छात्र के परिजनों ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि उनके बेटे के शरीर के गुप्तांग पर इतनी चोट के निशान कहां से आए? पुलिस के अनुसार मृतक अनमोल

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    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कालकाजी में 13 सितंबर को एनआरआइ छात्र अनमोल की हत्या के मामले में उसके परिजनों ने बुधवार को साकेत कोर्ट के समक्ष पुलिस जांच पर सवाल उठाए। अदालत के समक्ष छात्र के परिजनों ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि उनके बेटे के शरीर के गुप्तांग पर इतनी चोट के निशान कहां से आए? पुलिस के अनुसार मृतक अनमोल सरना की हत्या 13 सितंबर को आयोजित की गई एक पार्टी में हुए झगड़े के दौरान हुई थी। अदालत इस मामले में आरोपी परनेल शाह शाह व रिथम गिरहोत्र की जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रही थी, तभी ये दलीलें दी गईं। ये दोनों गुरुवार तक पुलिस रिमांड पर हैं। अब इनकी जमानत अर्जियों पर अदालत 20 सितंबर को सुनवाई करेगी।

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    पढ़ें: एनआरआइ युवक के करीबियों ने की न्याय की मांग

    महानगर दंडाधिकारी दीपक वासन के समक्ष मृतक अनमोल के परिजनों के वकील अक्षय कुमार शर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उसके गुप्तांग के पास चोट के निशान पाए गए हैं। उसके घुटनों में भी चोट लगी है। ऐसे में ऐसा कुछ हुआ था, जिससे उनका बेटा बचकर भागना चाहता था। सच्चाई मामले के चारों आरोपियों के सिवाय कोई नहीं जानता है। इसके अलावा मृतक की मां ने भी कोर्ट के समक्ष सवाल उठाया कि प्राथमिकी में यह नहीं बताया गया कि फ्लैट के अंदर खून के धब्बे कैसे पाए गए? ऐसे में पुलिस की कहानी संदेह पैदा कर रही है।

    इंसाफ के लिए कैंडिल मार्च निकाला अनमोल की हत्या में उसके चारों दोस्तों शिवांग, माधव भंडारी, रिझ व प्रणिल साह को आरोपी न बनाए जाने से नाराज अनमोल के परिजनों, रिश्तेदारों व दोस्तों ने बुधवार को फिर कैंडिल मार्च निकाला और इंसाफ दिलाने की मांग की। शाम को करीब 400 लोग अनमोल के पिता की कैलाश कालोनी स्थित ड्राईक्लीन की दुकान पर इकट्ठा हुए और वहां के एक पार्क से कैंडिल मार्च की शुरूआत की। करीब 200-200 की संख्या में दो ग्रुपों में बंटकर लोग हाथों में कैंडिल लिए पैदल मार्च करते हुए शिवांग व माधव के घर तक गए। एक ग्रुप ने शिवांग के जीके-एक, पम्पोश इंक्लेव स्थित घर के बाहर पहुंचकर कैंडिल जलाकर नारेबाजी की और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया।

    दूसरे ग्रुप ने माधव के कैलाश कालोनी स्थित घर के बाहर जाकर वहा कैंडिल जलाकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। दोनों जगहों पर करीब एक-एक घंटे तक बैठकर लोग पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।

    अनमोल की मां सुषमा ने सीबीआइ जांच कराने की मांग की। उनका कहना था कि अनमोल को जानबूझ कर ज्यादा ड्रग्स दिया गया और उसके दोस्तों ने कम ड्रग्स ली, ताकि वे लोग उसकी हत्या कर सकें।

    पुलिस पर फर्जी तरीके से केस खोलने का आरोप लगाने पर डीसीपी पी करुणाकरन का कहना है कि पुलिस की थ्योरी सही है। जांच में रेल रोड पैटर्न इंज्यूरी मैच कर गया। अगर किसी के शरीर पर लाठी से प्रहार करने के निशान मिलते हैं तो इस पैटर्न से जांच की जाती है। जांच से साफ हो गया है कि गार्डो ने डंडे मारे थे।

    मेरे पिता को गलत फंसाया गया अनमोल की हत्या में सुरक्षा गार्ड नरेश मिश्र को आरोपी बनाए जाने पर उनकी बेटी मंजू का कहना है कि उसके पिता को फंसाया गया है। बिहार के दरभंगा की रहने वाली मंजू डीयू से स्नातक है और पिता व छोटे भाई के साथ संगम विहार में किराये पर रहती है। मंजू का कहना है कि उसके पिता दस वर्षो से साउथ पार्क अपार्टमेंट में हेड गार्ड तैनात थे। वहां के सभी उनके स्वभाव से अच्छी तरह वाकिफ हैं। वह किसी की हत्या नहीं कर सकते हैं। 13 सितंबर को ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। सोमवार को जब वह पिता से मिलने कालकाजी थाने गई, तब उसे बताया गया कि पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया जाएगा, लेकिन मंगलवार को पता चला कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी माली हालत ऐसी नहीं है कि वह पिता को जमानत करवा सके।

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