सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश था अमरनाथ यात्रियों पर हमला
अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले के बाद पहली बार गृहमंत्री के साथ मुलाकात के दौरान महबूबा मुफ्ती ने ताजा सुरक्षा तैयारियों के बारे में बताया। ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कश्मीर और डोकलाम पर विपक्षी नेताओं को भरोसे में लेने के बाद सरकार घाटी में सुरक्षा तैयारियों को नई धार देने में जुट गई है। इस सिलसिले में जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। महबूबा ने कश्मीर में विदेशी ताकतों की घुसपैठ की लड़ाई बताते हुए कहा कि इसमें चीन का शामिल हो जाना चिंताजनक है।
अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले के बाद पहली बार गृहमंत्री के साथ मुलाकात के दौरान महबूबा मुफ्ती ने ताजा सुरक्षा तैयारियों के बारे में बताया। महबूबा का कहना था कि अमरनाथ यात्रियों पर हमले के पीछे आतंकियों की साजिश पूरे देश में सांप्रदायिक दंगा भड़काने की थी। लेकिन केंद्र सरकार ने जिस तरह से पूरे मामले को संभाला, वह काबिले तारीफ है। इस दौरान अमरनाथ की बाकी बची यात्रा की सुरक्षा तैयारियों पर विस्तार से चर्चा हुई। महबूबा मुफ्ती ने बताया कि राज्य पुलिस आतंकियों के खात्मे के लिए केंद्रीय सैन्य बलों के साथ पूरी तरह सहयोग कर काम रही है।
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लगभग एक घंटे की मुलाकात के बाद महबूबा ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि घाटी की समस्या काननू-व्यवस्था की समस्या नहीं है। बल्कि यह एक युद्ध है, जिसमें बाहरी ताकतें शामिल हैं। कश्मीर में चीन की ओर से ताजा बयानों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए पूरे देश को एकजुट प्रयास करना होगा। डोकलाम में बढ़ती तनातनी के बीच चीन की सरकारी मीडिया ने कश्मीर विवाद में हस्तक्षेप की धमकी दी थी। उनका कहना था कि जिस तरह से भारत डोकलाम में भूटान की ओर से चीन से उलझ गया है कि उसी तरह चीन भी पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में भी हस्तक्षेप कर सकता है।
महबूबा मुफ्ती ने साफ कर दिया कि विदेशी ताकतों से साथ इस लड़ाई से पार पाना अकेले राज्य सरकार के बस में नहीं है। शुक्रवार की बैठक में बनी राजनीतिक एकजुटता पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रियों पर हमला करने के बावजूद आतंकी देश का सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने में सफल नहीं हो सके। ऐसे कठिन समय में पूरा सहयोग देने के लिए उन्होंने गृहमंत्री को धन्यवाद दिया।
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यह पहली बार है कि महबूबा मुफ्ती ने सभी पक्षों के साथ बातचीत के जरिये समस्या के सुलझाने की बात नहीं कही। इसके बजाय उन्होंने समस्या के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ बताते हुए पूरे देश को एकजुट होकर इससे निपटने का आह्वान किया है। इसके पहले महबूबा हमेशा अलगाववादी समेत सभी पक्षों से बातचीत की वकालत करती रही है। इससे संकेत मिलता है कि महबूबा को घाटी में स्थायी शांति लाने की केंद्र सरकार की रणनीति पर भरोसा होने लगा है। सरकार की ओर से विपक्षी नेताओं को भी अगले दो-तीन महीनों में कश्मीर की हालात में सुधार का भरोसा दिया गया था।
वहीं महबूबा में धारा 370 को लेकर कश्मीर घाटी में फैलाई जा रही भ्रांतियों का जबाव दिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी विधेयक पास करने के बाद राष्ट्रपति ने साफ कर दिया है कि अनुच्छेद 370 को बदला नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हमारे जज्बात के साथ जुड़ा हुआ है और इसे हटाना भारी भूल साबित हो सकती है।

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