संसद में इलाहाबाद विवि की गूंज, स्मृति इरानी ने लगाया कुलपति को धमकाने का आरोप
स्मृति ईरानी ने सपा पर कुलपति को धमकाने का आरोप लगाया। वहीं सपा नेता रामगोपाल यादव ने मंत्रालय पर ग्रामीण छात्रों को उपेक्षित करने का दोषी बताया। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर (पीजी) में दाखिले के लिए ऑफलाइन परीक्षा की इजाजत को लेकर चल रहे छात्र आंदोलन के मामले पर बुधवार को संसद में सरकार और सपा के बीच काफी विवाद हुआ। एक ओर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सपा पर कुलपति को धमकाने का आरोप लगाया। वहीं सपा नेता रामगोपाल यादव ने मंत्रालय पर ग्रामीण छात्रों को उपेक्षित करने का दोषी बताया।
स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में शून्य काल के दौरान इस मामले पर हो रही चर्चा के दौरान सपा पर हमला करते हुए कहा, 'इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने केंद्र सरकार को बताया है कि नौ तारीख की सुबह उत्तर प्रदेश की एक खास राजनीतिक पार्टी से जुड़ी 30 गाडि़यां पहुंचीं और इसके लोग छात्र संघ के प्रदर्शन का समर्थन करने की घोषणा करते हुए कुलपति और विश्वविद्यालय को धमकी देने लगे। यह बात विश्वविद्यालय ने केंद्र सरकार को कही है।' उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी कोई और नहीं बल्कि सपा ही है। विश्वविद्यालय की कानून-व्यवस्था में दखल न देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, 'अगर विश्वविद्यालय में कोई कानून-व्यवस्था की समस्या हो तो उसकी जानकारी राज्य सरकार को दें या केंद्र को दें। लेकिन किसी कुलपति को धमकाना किसी विश्वविद्यालय के काम-काज के लिहाज से अच्छा साबित नहीं होने वाला।' ईरानी ने कहा कि अब तक ऑनलाइन तरीके से 1,20,500 छात्रों के दाखिले हो चुके हैं। इसके बावजूद विश्वविद्यालय पर राजनीतिक दबाव है और उसने इसे ऑफलाइन भी करवाने का फैसला किया है। लेकिन विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को ध्यान रखते हुए केंद्र इसमें दखल नहीं कर रहा।
सदन में यह मामला सपा सांसद अरविंद कुमार सिंह ने उठाया था। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की पीजी परीक्षा सिर्फ ऑनलाइन करवाए जाने को ले कर छात्रों में बहुत नाराजगी है। इसलिए मंत्री को इसमें दखल देना चाहिए। सपा के चौधरी मुनव्वर सलीम, विशंभर प्रसाद निषाद, नीरज शेखर और आलोक तिवारी के साथ ही जदयू के केसी त्यागी ने भी इस मामले में छात्रों की मांग का समर्थन किया। सपा नेता रामगोपाल यादव ने इस पूरे मामले में केंद्र को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि सिर्फ ऑनलाइन होने की वजह से ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्र परीक्षा नहीं दे पाएंगे। अगर छात्रों को समस्या हो रही है तो राजनीतिक दलों को तो उनके बारे में सोचना ही होगा। इसी तरह यादव ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कुव्यवस्था का आरोप लगाते हुए कहा, 'कल ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा है कि केंद्र के दखल की वजह से उनका काम करना मुश्किल हो गया है। विश्वविद्यालय आगे नहीं बढ़ पा रहा है।'

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