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    मंदिरों में सबको मिले प्रवेश का अधिकार: भागवत

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Fri, 02 Oct 2015 09:13 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव में दलित-महादलित वोटों को लेकर चल रही सियासत के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सबको मंदिर में प्रवेश, पानी का सामूहिक स्रोत व अंतिम संस्कार के लिए समान श्मशान स्थल की व्यवस्था होनी चाहिए।

    हरिद्वार। बिहार विधानसभा चुनाव में दलित-महादलित वोटों को लेकर चल रही सियासत के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सबको मंदिर में प्रवेश, पानी का सामूहिक स्रोत व अंतिम संस्कार के लिए समान श्मशान स्थल की व्यवस्था होनी चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि सप्ताह में एक दिन सामूहिक भजन व भोजन पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए। देश की एकता के लिए सभी मत, पंथ व संप्रदाय एकजुट हों, हमारी संस्कृति में कट्टरता की जगह नहीं है।
    उत्तरी हरिद्वार के निष्काम सेवा ट्रस्ट आश्रम में शुक्रवार से संघ की पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र (उत्तरांचल, मेरठ व ब्रज प्रांत) की तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई। पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि समाज के एकमत होने से सामाजिक एकता को बल मिलेगा।

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    सामाजिक मजबूती की पहली शर्त सामाजिक समरसता है। समाज के अंतिम व्यक्ति तक समरसता की अनुभूति हो इसके लिए सम्मिलित प्रयास की जरूरत है, जहां समरसता की कड़ी कमजोर होगी, वहीं समाज को तोडऩे वाली शक्तियां प्रभावी होंगी। सामाजिक-धार्मिक संगठनों को संवाद बढ़ना होगा और सामाजिक सद्भावना के लिए मिलजुलकर काम करना होगा।

    संघ प्रमुख ने कहा कि परिवारिक मूल्यों में गिरावट के चलते हिंदू समाज में कमजोरी आ रही है। व्यवस्था की मजबूती के लिए सप्ताह में एक दिन सामूहिक भोजन व भजन पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि देव संस्कृति ही हिंदू संस्कृति है। जब देव संस्कृति प्रभावी थी तब विश्व में कोई युद्ध नहीं था। संस्कृति को छोड़ने से समस्या बढ़ी।

    मोहन भागवत ने कहा कि हमारी संस्कृति मानवता की भलाई के लिए काम करती है। इमसें कट्टरता का कोई स्थान नहीं है। मतांतरण के कारण देश में ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्व खड़े हो गए जो देश को हानि पहुंचा रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि देश की एकता के लिए सभी मत, पंथ, संप्रदाय एकजुट होकर चलें तभी देश सुरक्षित रहेगा।
    पांच बिंदुओं पर है चर्चा
    संघ की तीन दिन की बैठक में उत्तरांचल, मेरठ व ब्रज प्रांत की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा होनी है। बैठक में गौ संवर्धन, ग्राम विकास, परिवार प्रबोधन, सामाजिक समरसता, धर्म जागरण विषय रखे गए हैं। जिसमें 24 पदाधिकारी भाग ले रहे हैं।

    गांव व गौ केंद्र में
    बैठक के पहले दिन संघ प्रमुख ने गौ संवर्धन पर भी विचार रखे। उन्होंने कहा कि गौ आधरित खेती समाज के ध्यान में आ रही है। भारतीय नस्ल की गाय के औषधीय गुणों के परिणाम सब अनुभव कर रहे हैं। इसलिए गौ संर्वधन के कार्यों को गति देनी होगी। गांवों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में भी योजना बनाकर कार्य करने का समय है।
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