मैं तो रथ पर निकल रहा हूं..आगे पार्टी और जनता जाने-अखिलेश
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लगता है कि गुरुवार से शुरू होने वाली रथयात्रा अगले चुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत की नींव रखेगी। उनका मानना है कि हाल की पारिवारिक कलह ने अगर
दिलीप अवस्थी, लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लगता है कि गुरुवार से शुरू होने वाली रथयात्रा अगले चुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत की नींव रखेगी। उनका मानना है कि हाल की पारिवारिक कलह ने अगर पार्टी की उम्मीदों पर कोई सवालिया निशान छोड़ा है तो उनकी यात्रा उसका माकूल जवाब देगी।
बुधवार को एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा 'इस यात्रा के बाद साफ दिख जाएगा कि पार्टी और उसका कार्यकर्ता एक है। बाकी पार्टियों के मुकाबले हम अब भी काफी आगे हैं।' 12 सितंबर से चल रही पारिवारिक कलह के कारण जहां अपने पिता और चाचाओं के बीच घिरे अखिलेश अभिमन्यु से दिखाई दिए, लेकिन वहीं पार्टी के भविष्य के नेता के रूप में भी काफी जोरदारी से वह उभरे।
वह कहते हैं, 'देखिए मैं तो रथयात्रा पर निकल रहा हूं, आगे पार्टी जाने और जनता। मैं राजनीति को तिकड़म नहीं प्रदेश और लोगों के आगे बढ़ने का जरिया समझता हूं।'
इस रथयात्रा को लेकर पिछले दो सप्ताह से अखिलेश काफी संवेदनशील रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि वह स्वयं एक-एक चीज का ध्यान रख रहे हैं। जैसे रथ पहले पूर्व दिशा में जाएगा फिर कुछ दूर जाकर वापस मुड़ेगा, जहां उन्हें सभाएं करनी हैं।
तीन अलग-अलग पंडितों से रथ चलने का मुहूर्त निकलवाया गया है और उसे चलाने वाले ड्राइवरों को विशिष्ट प्रशिक्षण दिया गया है। अपने यूथ ब्रिगेड के घनिष्ठ साथियों से भी अखिलेश रोजाना सारी तैयारियों का जायजा लेते रहे हैं। अखिलेश कहते हैं कि रथ यात्रा के दौरान चाय-कॉफी, पूड़ी-सब्जी के पैकेट भी रहेंगे। पूरी यात्रा अलग-अलग चरणों में होगी।
बुधवार को 'दैनिक जागरण' द्वारा उठाए गए सवालों और जनता को इस रथयात्रा की भीड़-भाड़ से होने वाली परेशानियों की आशंका को लेकर भी अखिलेश काफी संजीदा हैं। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि स्कूली बच्चों, बीमारों और यात्रियों को होने वाली किसी भी असुविधा पर तुरंत एक्शन लें और ट्रैफिक डाइवर्जन इस तरह से प्लान करें कि आम जनता को कम से कम परेशानी हो।
'अब डेमोक्रेसी में जनता से रूबरू होने के आखिर यही सब तो रास्ते हैं। हमने पांच साल में क्या किया और अब आगे क्या करेंगे यह तो हमें बताना ही होगा।' लेकिन, सत्ता में रहकर इस तरह के शक्ति प्रदर्शन की क्या आवश्यकता है? इस सवाल के उत्तर में अखिलेश पूछते हैं, 'आप ही बताओ मुझे क्या करना चाहिए?
अगर मेरी यात्रा में भीड़ नहीं हो तो आप ही लोग सबसे पहले कहोगे कि इसकी तो हवा निकल गई। इसके साथ तो लोग ही नहीं हैं और अगर भीड़ होगी तो कहते हो कि आम जनता को परेशानी होगी। आप बताओ कि क्या करना चाहिए?'
यह पूछने पर कि क्या मुख्य उद्देश्य है इस रथयात्रा का, अखिलेश कहते हैं कि मुख्य उद्देश्य तो जनता से अगले चुनाव के लिए सहयोग मांगने का है, लेकिन साथ में जनता को हम यह भी दिखाना चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी हमेशा की तरह फिर एकजुट है।
हमारे नेता और कार्यकर्ता दोनों ही बखूबी जानते हैं कि हम एक साथ हैं तो ही सरकार बनेगी और हमारा हर नेता जो सब मुझसे हर तरह से वरिष्ठ है यह चाहता है कि हमारी सरकार फिर से बने।
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