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अकाली दल (लोंगोवाल) का कांग्रेस में विलय, कैप्टन ने किया स्वागत

पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले आज अकाली दल लोंगोवाल का कांग्रेस में विलय हो गया। इसकी घोषणा खुद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री केप्टन अमरिंदर सिंह ने की।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 17 Apr 2016 02:28 PM (IST)Updated: Sun, 17 Apr 2016 09:11 PM (IST)
अकाली दल (लोंगोवाल) का कांग्रेस में विलय, कैप्टन ने किया स्वागत

चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले आज शिरोमणि अकाली दल लोंगोवाल का कांग्रेस में विलय हो गया।इसकी औपचारिक घोषणा खुद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने की। उन्होंने अकाली दल लोंगोवाल के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि वह कांग्रेस में शामिल अपने नए साथियों का दिल से स्वागत करते हैं। इनके पार्टी से जुड़ने पर कांग्रेस को और मजबूती मिलेगी।

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पूर्व मुख्यमंत्री और तमिलनाडु के पूर्व राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला की पत्नी सुरजीत कौर बरनाला इस दल की अध्यक्ष हैं। नई दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शकील अहमद, प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन अम¨रदर सिंह और कैंपेन कमेटी की चेयरपर्सन अंबिका सोनी की मौजूदगी में सुरजीत कौर बरनाला ने अपनी पार्टी का बिना शर्त कांग्रेस में विलय का एलान किया।इस अवसर पर उनके पुत्र गगनजीत सिंह बरनाला और पौत्र सिमर प्रताप बरनाला समेत कई वरिष्ठ व करीबी नेता मौजूद थे।

चुनाव में सीएम उम्मीद्वार से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस बारे में चुनाव के बाद घोषणा करेंगे। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक राज्य में कांग्रेस के प्रचार की कमान संभालने वाले प्रशांत किशोर से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए कैप्टन ने कहा कि वह केवल प्रचार की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं न कि पार्टी को मैनेज करने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है।

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बरनाला परिवार के साथ प्रदेश कांग्रेस प्रधान कैप्टन अम¨रदर सिंह के नजदीकी रिश्ते रहे हैं और धूरी विधानसभा हलके के उपचुनाव में भी कांग्रेस ने बरनाला के पौत्र सिमर प्रताप बरनाला को पार्टी प्रत्याशी बनाया था। तभी से यह चर्चा थी कि अकाली दल (लौंगोवाल) का कांग्रेस में विलय हो जाएगा। कैप्टन अम¨रदर बरनाला सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।बरनाला परिवार हालांकि पिछले करीब एक दशक से कोई चुनाव नहीं जीत सका है मगर संगरूर व बरनाला जिले में इस परिवार का खासा आधार है। इससे पहले मनप्रीत बादल भी नई दिल्ली में ही पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब का कांग्रेस में विलय कर चुके हैं। विधान सभा चुनाव में इसका कांग्रेस को फायदा भी मिल सकता है।


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