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    गाजा पर बहस में सरकार की किरकिरी

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    Updated: Thu, 17 Jul 2014 10:58 PM (IST)

    गाजा में इजरायली हमलों के खिलाफ संसद में चर्चा से बच रही सरकार को बड़ा झटका लगा है। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने इस बाबत बहस न कराने को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की दलील खारिज कर दी है। चर्चा कराने पर अड़े विपक्ष और सरकार के बीच जारी सियासी गतिरोध के बीच लगातार दूसरे दिन भी सदन नहीं चल सका।

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गाजा में इजरायली हमलों के खिलाफ संसद में चर्चा से बच रही सरकार को बड़ा झटका लगा है। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने इस बाबत बहस न कराने को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की दलील खारिज कर दी है। चर्चा कराने पर अड़े विपक्ष और सरकार के बीच जारी सियासी गतिरोध के बीच लगातार दूसरे दिन भी सदन नहीं चल सका। खासी मशक्कत और किरकिरी के बाद तय हो सका कि बहस सोमवार को होगी। सत्तारूढ़ खेमे के बीच तालमेल की गड़बड़ी से उपजे इस संकट ने विपक्ष को बैठे-बैठाए सरकार को घेरने का मौका दे दिया।

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    विदेश मंत्री ने बुधवार को मसले पर बहस न कराने को लेकर सभापति को पत्र लिखा था। सभापति ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि जिन प्रावधानों का हवाला देते हुए विदेश मंत्री ने बहस न कराने का आग्रह किया है, वे मान्य नहीं हैं। सभापति ने व्यवस्था देने के साथ ही सदन के नेता और वित्त व रक्षा मंत्री अरुण जेटली की ओर से लिखे पत्र का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि गाजा मामले पर बहस 17 जुलाई को न रखी जाए। अंसारी ने स्पष्ट कर दिया कि बहस का समय सरकार के साथ सहमति से ही तय हो सकता है। वहीं, कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष गुरुवार को ही बहस कराने पर अड़ा था, जिसके चलते गतिरोध बरकरार रहा। सभापति की ओर से दी गई व्यवस्था की व्याख्या को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच दिनभर बहस चलती रही। विपक्ष सभापति के फैसले के अधार पर पिछले दिन की कार्य सूची में लगी अल्पकालिक चर्चा को बढ़ाने पर अड़ा था।

    नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार चर्चा से भाग नहीं सकती। विपक्ष इस मामले में सभापति से भी उलझता रहा। वहीं, सरकार व सत्तारूढ़ खेमे के सांसद गाजा की बजाए रेल बजट, भारतीय मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना की कार्रवाई व इराक में फंसे भारतीयों की स्थिति पर चर्चा को अधिक अहम बता रहे थे। संसदीय कार्यमंत्री का कहना था कि सरकार चर्चा के लिए सहमति जता चुकी है। समय तय कर इसे करा लिया जाएगा। रस्साकशी के बीच राज्यसभा में गुरुवार को न तो प्रश्नकाल हो सका और न ही रेल बजट पर चर्चा आगे बढ़ सकी। नतीजतन सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करने से पहले उपसभापति पीजे कुरियन ने सरकार का सहयोग न मिलने पर नाराजगी जताई। बहरहाल, अगले सप्ताह का संसदीय कामकाज तय करने के लिए हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में किसी तरह रास्ता निकला कि अब इजराइल-फलस्तीन विवाद पर बहस सोमवार को होगी। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को बहस टालने का फैसला भी विदेश मंत्री के पूर्व निर्धारित यात्रा कार्यक्रम के मद्देनजर लिया गया। मंगलवार शाम संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश जावड़ेकर ही विपक्ष की ओर से अल्पकालिक चर्चा के नोटिस पर बहस का आग्रह कर रहे थे। इसके बाद बुधवार को विदेश मंत्री ने यह कहते हुए चौंका दिया कि इस चर्चा को लगाने से पहले उनसे मंत्रणा ही नहीं की गई। स्वराज ने दो मित्र देशों से जुड़े मामले पर चर्चा न कराने के आग्रह के साथ सभापति को पत्र लिखा था।

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