Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आदर्श घोटाले में शिंदे को सीबीआइ की क्लीन चिट

    By Edited By:
    Updated: Thu, 19 Sep 2013 07:53 PM (IST)

    मुंबई [जागरण संवाददाता]। मुंबई के बहुचर्चित आदर्श घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को इस मामले में पाक साफ करार दिया है। बांबे हाई कोर्ट में गुरुवार को हलफनामा देकर सीबीआइ ने कहा कि उसे मुख्यमंत्री के रूप में शिंदे द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करने के कोई सुबूत नहीं मिले हैं।

    मुंबई [जागरण संवाददाता]। मुंबई के बहुचर्चित आदर्श घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को इस मामले में पाक साफ करार दिया है। बांबे हाई कोर्ट में गुरुवार को हलफनामा देकर सीबीआइ ने कहा कि उसे मुख्यमंत्री के रूप में शिंदे द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करने के कोई सुबूत नहीं मिले हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नहीं पेश हो सकी आदर्श घोटाले की जांच रिपोर्ट

    सीबीआइ ने यह हलफनामा सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण वटगांवकर के आवेदन के जवाब में दाखिल किया है। वटगांवकर ने शिंदे को इस घोटाले का आरोपी बनाने की मांग की थी। उन्होंने तर्क दिया था कि आदर्श सोसायटी की 31 मंजिला इमारत में शिंदे का एक बेनामी फ्लैट है और उन्होंने मेजर एन.डब्ल्यू.खानखोजे को सोसायटी का सदस्य बनाने की सिफारिश की थी। सीबीआइ ने हलफनामे में कहा कि शिंदे द्वारा खानखोजे के लिए सिफारिश करने की बात पूर्व विधान परिषद सदस्य कन्हैयालाल गिडवानी ने आदर्श जांच आयोग के सामने कही थी।

    शिंदे को बचाने के लिए नहीं पेश हुई आदर्श जांच रिपोर्ट

    चूंकि अब गिडवानी का निधन हो चुका है, इसलिए उनसे इस तथ्य की पुष्टि नहीं करवाई जा सकती। ज्ञात हो कि गिडवानी आदर्श सोसायटी के संस्थापकों में से एक थे। सीबीआइ के अनुसार शिंदे के साथ मेजर खानखोजे के संबंधों की भी पुष्टि नहीं हो सकी है, जिसके आधार पर यह माना जाए कि शिंदे ने उनके लिए सिफारिश की होगी।

    वटगांवकर ने अपने आवेदन में यह भी कहा था कि शिंदे ने आदर्श जांच आयोग के सामने माना है कि आदर्श सोसायटी को भूखंड आवंटित करने की फाइल उनके सामने आई थी। जिलाधिकारी एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों की जांच के बाद शिंदे के पास पहुंची इस फाइल में 71 में से सिर्फ 20 नाम सोसायटी की सदस्यता हासिल करने के योग्य पाए गए थे। शिंदे ने शेष 51 लोगों की योग्यता जांचने या उनके स्थान पर दूसरे लोगों को सदस्य बनाने के निर्देश दिए थे। वटगांवकर का कहना है कि शिंदे के इस निर्देश के बाद ही आदर्श सोसायटी में बेनामी सदस्यों को शामिल करने की प्रक्रिया तेज हुई।

    सीबीआइ ने कहा है कि इस बात के भी कोई सुबूत नहीं मिले है कि शिंदे ने सोसायटी को भूमि आवंटन से पहले इन 51 सदस्यों को शामिल करने के निर्देश दिए। ज्ञात हो कि आदर्श सोसायटी को भू-आवंटन शिंदे के मुख्यमंत्रित्वकाल में ही हुआ था।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर