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    नहीं पेश हो सकी आदर्श घोटाले की जांच रिपोर्ट

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    Updated: Fri, 02 Aug 2013 09:29 PM (IST)

    मुंबई, जागरण संवाददाता। महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र का अंतिम दिन भी आदर्श घोटाले की जांच रिपोर्ट के बगैर ही बीत गया। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण यह कहकर रिपोर्ट पेश करने से कतरा गए कि उक्त रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) तैयार न होने से यह रिपोर्ट अभी पेश नहीं की जा सकती। मुंबई के कुलाबा क्षेत्र में कारगि

    मुंबई, जागरण संवाददाता। महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र का अंतिम दिन भी आदर्श घोटाले की जांच रिपोर्ट के बगैर ही बीत गया। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण यह कहकर रिपोर्ट पेश करने से कतरा गए कि उक्त रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) तैयार न होने से यह रिपोर्ट अभी पेश नहीं की जा सकती।

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    मुंबई के कुलाबा क्षेत्र में कारगिल युद्ध की विधवाओं के नाम पर बनी आदर्श सोसायटी में हुई अनियमितताओं में तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम चर्चा में हैं। इनमें से एक मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण को तो अपना पद भी इसी विवाद के कारण गंवाना पड़ा। मुख्यमंत्रियों के अलावा करीब एक दर्जन नौकरशाह एवं पूर्व सैन्य अधिकारी भी इसके लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं। जनवरी 2011 में इस घोटाले की जांच के लिए मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। आयोग को दो बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट देनी थी। पहला, आदर्श सोसायटी की इमारत राज्य सरकार की जमीन पर बनी है अथवा सेना की जमीन पर। दूसरा, सिर्फ छह मंजिलों के लिए प्रस्तावित इमारत को 31 मंजिलों तक पहुंचाने में कौन-कौन दोषी हैं? आयोग पहले बिंदु पर दी गई अपनी अंतरिम रिपोर्ट में साफ कर चुका है कि आदर्श सोसायटी की इमारत राज्य सरकार की ही जमीन पर बनी है।

    दूसरे बिंदु पर अपनी 700 पृष्ठों की रिपोर्ट उसने इसी वर्ष राज्य विधानमंडल के बजट सत्र के अंतिम दिन मुख्यसचिव को सौंपी थी। इसलिए तब यह रिपोर्ट सदन में पेश नहीं की जा सकी। माना जा रहा था कि मानसून सत्र में यह रिपोर्ट इस पर हुई कार्रवाई रिपोर्ट के साथ पेश की जाएगी। तीन पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के नाम इस विवाद से जुड़े होने के कारण विपक्ष को भी रिपोर्ट के सदन में रखे जाने का बेसब्री से इंतजार था। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इस इमारत में कई नेताओं के बेनामी फ्लैट होने का आरोप लगाया था। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने इसी सत्र में रिपोर्ट पेश किए जाने का आश्वासन भी दिया था। लेकिन शुक्रवार को मानसून सत्र का अंतिम दिन बीतने के समय मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने विधान परिषद में घोषणा की कि एटीआर तैयार न होने के कारण अभी आदर्श घोटाले के जांच आयोग की रिपोर्ट पेश नहीं की जा सकती। इस घोषणा के बाद मुख्यमंत्री को विपक्ष के विरोध का सामना भी करना पड़ा।

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