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'आप' बढ़ाएगी भाजपा की दुश्वारी

लखनऊ [अवनीश त्यागी]। दिल्ली में धमाकेदार एंट्री के बाद आम आदमी पार्टी [आप] का उत्तर प्रदेश की ओर रुख भाजपा के लिए तमाम दुश्वारियां लेकर आएगा। खासतौर से शहरी क्षेत्रों में भाजपा को आप की सीधी चुनौती झेलनी होगी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र व नगरीय इलाकों को अपने चुनावी एजेंडे में शामिल कर आप अपना मिशन यूपी पांच जनवरी को कानपुर

By Edited By: Published: Mon, 30 Dec 2013 12:11 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2013 12:13 PM (IST)
'आप' बढ़ाएगी भाजपा की दुश्वारी

लखनऊ [अवनीश त्यागी]। दिल्ली में धमाकेदार एंट्री के बाद आम आदमी पार्टी [आप] का उत्तर प्रदेश की ओर रुख भाजपा के लिए तमाम दुश्वारियां लेकर आएगा। खासतौर से शहरी क्षेत्रों में भाजपा को आप की सीधी चुनौती झेलनी होगी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र व नगरीय इलाकों को अपने चुनावी एजेंडे में शामिल कर आप अपना मिशन यूपी पांच जनवरी को कानपुर से शुरू करेगी।

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आम आदमी पार्टी के सियासी उभार से भाजपा का शहरी वोट बैंक खिसकने का खतरा इसलिए भी अधिक है क्योंकि पार्टी के अधिकतर प्रमुख नेता उत्तर प्रदेश से ही ताल्लुक रखते हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र [एनसीआर] के वर्करों की आप की दिल्ली फतेह में अहम भूमिका भी रही है। वरिष्ठ कार्यकर्ता रामोत्तार शर्मा का कहना है एनसीआर के 12 में से आठ संसदीय क्षेत्रों में चौंकाने वाले नतीजे आएंगे। प्रदेश के सभी प्रमुख नगरों में युद्धस्तर पर मुहिम छेड़ कर सदस्यता बढ़ाने का काम हो रहा है। पांच को कानपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन से मिशन यूपी होगा। इसके बाद स्थानीय मुद्दों को लेकर सम्मेलनों का सिलसिला चलता रहेगा।

पढ़ें : वादे पूरे नहीं किए तो समर्थन पर विचार करेगी कांग्रेस: शकील

आप के इस अभियान से भाजपा नेतृत्व के कान खड़े हैं। महानगरों में पकड़ के भरोसे भाजपा ने यूपी में 40 से ज्यादा सांसद जीतने का लक्ष्य तय किया है। गत निकाय चुनाव में करीब 24 फीसद मत लेने वाली भाजपा की मुश्किलें इसलिए अधिक होगी क्योंकि आप का एजेंडा और कार्यशैली युवा वर्ग और मध्यवर्गीय परिवारों को खूब भा रहा है। आप की जनसभाओं में वंदेमातरम व भारत माता की जय जैसे नारे लगाती भीड़ भाजपाइयों की नींद उड़ाए है क्योंकि अभी तक भाजपा की जनसभाओं में ही ऐसे नारे लगाने वाले जमा होते थे।

वीआइपी सीटों पर विशेष रणनीति :

अमेठी से कुमार विश्वास को प्रत्याशी घोषित कर आप ने प्रमुख संसदीय क्षेत्रों पर दमदार उपस्थिति दर्ज कराने का संकेत दिया है। सूत्रों का कहना है प्रदेश में सभी केंद्रीय मंत्रियों की सीटों के अलावा प्रमुख भाजपा नेताओं को उनके क्षेत्रों में ही घेरने की रणनीति है। कथनी व करनी में अंतर को मुद्दा बना कर आप अपने विरोधियों पर चुनावी हमले तेज करेगी। गाजियाबाद, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ, आगरा वाराणसी व बरेली समेत सभी महानगरों में चुनौती देने के लिए भाजपा एवं अन्य दलों में उपेक्षित चल रहे स्वच्छ छवि वाले नेताओं से संपर्क साधा जा रहा है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का कहना है आप को गंभीरता से लेते हुए सही समय पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

शहरी क्षेत्रों में पार्टीवार वोट फीसद :

पार्टी वर्ष 2000 2006 2012

भाजपा 22.22 22.81 22.80

सपा 18.23 23.14 25.45

कांग्रेस 10.87 13.34 12.73

बसपा 17.21 23.94

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