काला चंदा : एसआइटी जांच को सुप्रीम कोर्ट जाएगी 'आप'
चंदे के चक्रव्यूह में फंसे आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भाजपा ने नए सिरे से विज्ञापन के जरिये घेरा है। भाजपा ने इस विज्ञापन में फर्जी कंपनियों से फंडिंग पर आप से हिसाब मांगा है। वहीं आप ने इसकी जांच के लिए एसआइटी गठित करने को लेकर
नई दिल्ली।चंदे के चक्रव्यूह में फंसे आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भाजपा ने नए सिरे से विज्ञापन के जरिये घेरा है। भाजपा ने इस विज्ञापन में फर्जी कंपनियों से फंडिंग पर आप से हिसाब मांगा है। वहीं आप ने इसकी जांच के लिए एसआइटी गठित करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।
आप नेता योगेंद्र यादव ने आवाम (आप वालंटियर्स एक्शन मंच) द्वारा पार्टी पर दो करोड़ रुपये का काला धन लेने के आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चंदा लेने के मामले में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। कुछ लोग भ्रामक माहौल बना आप की छवि खराब करने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी मामले की जांच के लिए मुख्य न्यायाधीश से सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में एक एसआइटी गठित करने की मांग करेगी। उन्होंने कहा कि आज सुबह साढ़े दस बजे मैं, आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह और आशीष खेतान सुप्रीम कोर्ट जाकर मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र सौपेंगे।
यादव ने कहा कि पार्टी कांग्रेस और भाजपा को भी चिट्ठी लिखेगी और साफ राजनीति के लिए एसआइटी जांच पर समर्थन मांगेगी। उन्होंने कहा कि यदि वे एसआइटी की जांच के लिए हां करते हैं तो आज ही इसकी घोषणा हो जाएगी।
उधर, भाजपा ने मंगलवार को विज्ञापन जारी आप पर नए सिरे से हमला किया है। विज्ञापन में लिखा है कि 'फर्जी कंपनियों से मैं काले धन का चंदा भी खाउंखा और राजनीति में फर्जी स्वच्छता की पुंगी भी बजाउंगा। कार्टून में कुछ लोगों को एक मशीन में बोरियों से काला धन डालते हुए दिखाया गया है। इसके दूसरी तरफ एक आदमी मफलर और टोपी लगाए है जिसके हाथ में कटोरा है जिस पर चंदा लिखा है। मशीन में दूसरी ओर से चेक निकलते हुए दिखाए गए हैं। इस मशीन की चिमनी से ईमानदारी का धुआं निकल रहा है।
गौरतलब है कि दिल्ली में गरमा चुके चुनावी माहौल के बीच अन्ना आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आप के पुराने सदस्यों के एक मंच आवाम ने सोमवार को आप पर दो करोड़ रुपये का काला धन लेने का आरोप लगाया है। आवाम ने कहा है कि आप ने 5 अप्रैल, 2014 को चार कंपनियों के माध्यम से 50-50 लाख रुपये लिए। ये कंपनियां झुग्गी-झोपड़ी के पते पर पंजीकृत हैं। इन कंपनियों के बारे में कोई खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड नहीं है। जब कंपनियों के पते पर जांच की गई, तो पाया गया कि वहां कोई कंपनी नहीं है।
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