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    विश्व में अब शक्तिशाली देश के तौर पर होती है भारत की पहचान- अमेरिका

    By Monika minalEdited By:
    Updated: Wed, 31 Aug 2016 02:34 PM (IST)

    अपने चौथे भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने दिल्ली में आईआईटी छात्रों को संबोधित करते हुए भारत की जमकर तारीफ की।

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    नई दिल्ली। भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने आज आईआईटी दिल्ली में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अब भारत की पहचान वैश्विक स्तर पर एक शक्तिशाली देश के रूप में होती है। उन्होंने कहा कि मैं जहाँ भी जाता हूँ वहां एक मजबूत बहस, और एक दूरदर्शी विजन मिलता हैं। यह शायद भारत के डीएनए में है।

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    एक राष्ट्र अकेले नहीं जीत सकता चरमपंथियों से लड़ाई

    आईआईटी के छात्रों से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें हिंसक आतंकवाद के मूल कारणों पर हमला करना होगा और इसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी क्योंकि आंतकवाद से हर देश को नुकसान हो रहा है। केरी ने कहा कि अलकायदा, लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों का मुकाबला कोई एक राष्ट्र अकेले नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि, ऐसे समय में जब दूसरे देश फौज के बल पर मुद्दों को सुलझा रहे हैं वहीं भारत-अमेरिक कानून के जरिए मुद्दों को सुलझाने में भरोसा रखते हैं इसका ताजा उदाहरण भारत और बांग्लादेश के बीच समुद्री सीमा विवाद का है, भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान किया।

    पढ़ें- 'कराची के घटनाक्रम पर है अमेरिका की नजदीकी नजर'

    दिल्ली की बारिश को लेकर चुटकी

    साथ दिल्ली में हो रही तेज बारिश पर चुटकी लेते हुए स्टूडेंट्स से पूछ लिया कि ‘आप लोग क्या यहां नाव से आए हैं?’ बता दें कि केरी की दिल्ली दौरे के दौरान यहां काफी तेज बारिश हो रही है। जिसके कारण केरी को दिक्कत का सामना भी करना पड़ रहा है। सोमवार को बारिश के कारण केरी दिल्ली की सड़कों पर काफी देर तक जाम में फंसे रहे और आज यूएस दूतावास के सूत्रों ने बताया कि केरी के कई दौरे बारिश के कारण रद्द कर दिए गए हैं।

    आतंकवाद का खात्मा करे पाकिस्तान

    भारत और पाक के बीच संवाद जारी है। जो कि थमी हुई प्रक्रिया को शुरु करने का तरीका है। ये स्पष्ट हआ है कि पाकिस्तान ने अपने यहां से जारी आंतकवाद को रोकने के लिए कदम उठाए हैं। लेकिन पाकिस्तान को बचे हुए सभी आंतकवादियों का खात्मा करना चाहिए, जो कि दोनों देशों की बीच रिश्ते को मिटाने पर तुले हैं।

    अफगानिस्तान में शांति कायम करना अमेरिका की जिम्मेदारी

    अफगानिस्तान पर पूछे गए सवाल पर कहा कि ‘वहां पर शांति और स्थिरता बनाए रखना अमेरिका की जिमे्मदारी है। साथ ही कहा कि ऐसे समय में जब सभी देश बल के प्रयोग से मुद्दों का समाधान करने में जुटे है, ऐसे में अमेरिका-भारत नियम के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था पर काम कर रहे हैं। मेरा मानना है कि हमें उग्रवाद के पनपने की वजहों पर हमला करना चाहिए। हमें इस दिक्कत के तमाम वजहों को समझने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। क्योंकि ये हर स्थान, जगह और देश में फैला है।

    राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत संबंध

    राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री मोदी ने एक व्यक्तिगत संबंध स्थापित किया है, जो कि दोनों देशों के वीजन के लिए फायदेमंद है। लिहाजा हम भी उनके कदमों से प्रोत्साहित हैं। साथ ही भारत सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि भारतीय सरकार ने जीएसटी विधेयक पास और दिवालियापन खत्म करने के लिए कई नए कानून पारित किए हैं, जो कि विदेशी निवेश में बदलाव लाएंगे। अगले साल भारत ग्लोबल उद्यमिता शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी करेगा, जिससे भारतीय उद्यमियों की असाधारण प्रतिभा को दुनिया के सामने लाने में मदद मिलेगी। असंभव को साकार करना भारत और अमेरिका का इतिहास है। ध्रुवीकरण कहीं भी अच्छा नहीं है। यह असहिष्णुता और सरकारों की हताशा को दर्शाता है।

    पढ़ें- अमेरिकी विदेशमंत्री जॉन केरी का काफिला जाम में फंसा

    अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति ओबामा और पीएम मोदी के बीच जो सहमति बनी है, उसी दिशा में दोनों देश एक-एक कदम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने आर्थिक सुधारों को लेकर कई फैसले किए हैं,जिनमें से जीएसटी एक है, विदेशी निवेश के मामलों में भी बदलाव लाया गया है। केरी ने कहा कि ध्रुवीकरण कहीं भी अच्छा नहीं है, यह असहिष्णुता और हताशा को दर्शाता है।

    इससे पहले कल मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने अपनी समकक्ष सुषमा स्वराज की प्रशंसा करते हुए कहा, ''वह भारत और यहां के लोगों की जबर्दस्त पैरोकार हैं भारत व अमेरिका दोनों देशों के बीच गहरे होते रिश्ते का गवाह है।" वहीं उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा संदेश दिया है। अपने इस दौरे में वे भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मिले। मुलाकात के दौरान उन्होंने कई बार सुषमा कहकर संबोधित करते हुए उनके 'गंभीर विमर्श और साझेदारी के लिए' आभार प्रकट किया।

    जानें इस संबंध में अहम बातें-

    - जॉन केरी का यह चौथा भारत दौरा है।

    - भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को पांच गुना बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने की है।

    - वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगे। केरी ने कहा, हम अच्छे और बुरे आतंकियों के बीच अंतर नहीं करते हैं। पठानकोट पर जनवरी में हुए आतंकी हमले और 26/11 में शामिल हमलावरों के लिए भारत ने पाकिस्तान को दंड देने की मांग की जिसका समर्थन अमेरिका ने भी किया। इस बात को याद करते हुए केरी ने कहा, ‘आतंक तो आतंक है।‘

    - विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बड़े आतंकी हमलों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘मैंने जॉन केरी को बताया कि पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा, जैश व डी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।'

    - केरी ने इस बात की पुष्टि की कि अमेरिका की दिग्गज कंपनी वेस्टिंगहाउस द्वारा 6 न्यूक्लियर रिएक्टर्स का निर्माण के बारे में समझौते पर प्रगति हुई। केरी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि हम अपने असैन्य परमाणु सहयोग को नए रिएक्टरों के रूप में देखेंगे जो बिजली वितरित करेगा।‘

    - स्वराज ने कहा कि 48 देशों के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह या एनएसजी, में शामिल होने के लिए भारत के दावे के समर्थन के लिए अमेरिका को धन्यवाद कहा है।

    - इस साल के बाद होने वाले एनएसजी मीटिंग के पहले उच्च स्तरीय टीम में शामिल होने के भारत के दावे को आगे बढ़ाने का अमेरिका ने वादा किया है।

    - रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर व उनके समकक्ष अमेरिकी रक्षा सचिव एश्टन कार्टर ने वाशिंगटन में कल एक समझौता किया जिसके तहत दोनों देशों के बीच रक्षा मामलों के संबंधों को मजबूती मिली।

    - दोनों देश अब एक दूसरे के मिलिट्री बेस का उपयोग कर सकेंगे। रक्षा मंत्री पर्रीकर ने इस बात पर जोर दिया कि नया समझौता इस बात की अनुमति नहीं देता कि भारत में अमेरिकी बेस की स्थापना कि जाए।

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