जम्मू-कश्मीर में हर तरफ तबाही, 50 और लोगों की मौत
जम्मू-कश्मीर में बारिश और बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को राजौरी जिले की थन्नामंडी तहसील में मकान पर मलबा गिरने से 13 लोगों की मौत के साथ पूरे राज्य में 50 लोगों की जान चली गई। पिछले तीन दिन में जम्मू-कश्मीर में मरने वालों का आंकड़ा 120 के पार पहुंच गया है। घायलों व बह चुके लोगों की अभी पक्की संख्या ही किसी के पास नहीं है। जम्मू और कश्मीर संभाग में 300 से अधिक गांव जलमग्न हो चुके हैं। शहर की सड़कें नदी में तबदील हैं
जागरण न्यूज नेटवर्क, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में बारिश और बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को राजौरी जिले की थन्नामंडी तहसील में मकान पर मलबा गिरने से 13 लोगों की मौत के साथ पूरे राज्य में 50 लोगों की जान चली गई। पिछले तीन दिन में जम्मू-कश्मीर में मरने वालों का आंकड़ा 120 के पार पहुंच गया है। घायलों व बह चुके लोगों की अभी पक्की संख्या ही किसी के पास नहीं है। जम्मू और कश्मीर संभाग में 300 से अधिक गांव जलमग्न हो चुके हैं। शहर की सड़कें नदी में तबदील हैं और कई इलाकों से संपर्क पूरी तरह कट चुका है। अनगिनत कच्चे-पक्के मकान, स्कूल, सरकारी इमारतें व अन्य भवन ढह चुके हैं। बिजली-पानी सहित बुनियादी ढांचे को भी काफी नुकसान पहुंचा है। चिनाब, झेहलम सहित लगभग सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सेना ने जम्मू में ऑपरेशन 'मेघ राहत' और कश्मीर में 'मिशन सहायता' शुरू किया है। इसके अलावा पुलिस के साथ दिल्ली व पंजाब से पहुंची नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की टीमों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। पूरे राज्य में विभिन्न अभियानों के तहत शुक्रवार को दो सौ पर्यटकों सहित 2000 से ज्यादा लोगों को बचाया गया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार देर रात तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद शुक्रवार को भी दिनभर राहत अभियान का जायजा लिया और बाद रात को फिर डट गए।
वहीं राजौरी की नौशहरा तहसील में गत गुरुवार को बाढ़ में बही बारातियों की बस की तलाश कर 27 लोगों के शव बरामद कर लिए गए। इस हादसे में दूल्हे सहित 60 से अधिक बाराती बह गए थे।
राजौरी की मंजाकोट तहसील में एक युवती व एक बच्चे की पानी में बहने से मौत हो गई। इस बीच, राजौरी की दरहाल तहसील के बड़ी दरहाल क्षेत्र में मलबे के नीचे दबने से महिला की मौत हो गई। जिले की सुंदरबनी तहसील के पैली गांव में भी नदी में बहने से व्यक्ति की मौत हो गई।
पुंछ में जिले के विभिन्न हिस्सों में जमीन धंसने एवं पस्सियां गिरने से 14 लोगों की मौत हो गई। शुक्रवार देर रात साब्जियां क्षेत्र में मलबे के नीचे दबने से पांच लोगों की मौत हो गई। इसी तरह से सुरनकोट तहसील के हिल काका क्षेत्र में भी जमीन धंसने से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इसमें भी पांच लोगों की जान चली गई। इस बीच, छेला ढांगरी में मलबे में दबने से एक व मंडी तहसील के गगड़ियां क्षेत्र में मकान के मलबे में दबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। एक महिला की पुंछ और एक की सुरनकोट में भी मौत हुई है।
जम्मू में अखनूर के परगवाल के साथ सतवारी, मढ़, आरएसपुरा, सांबा जिले के रामगढ़ में भी कई गांव पानी में डूबे हुए हैं। खौड़ में मनावर तवी से भी एक युवती का शव मिला है। अकेले अखनूर तहसील के परगवाल से ही 30 गांवों से तीन हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया गया है। जम्मू संभाग में तीन दशक के बाद ऐसी बारिश हुई है।
रियासी जिले की माहौर तहसील के चसाना इलाके में मकान ढहने से दो महिलाओं की मौत हो गई। उधर, माहौर इलाके में नाले में फरमान अली, शमीम अख्तर व नसीम बह गए।
कश्मीर में भी बाढ़ से शुक्रवार को छह और लोगों की मौत हो गई। यहां भी हालात बद से बदतर बने हुए हैं। इस बीच, सेना की उत्तरी कमान के प्रवक्ता कर्नल एसडी गोस्वामी ने बताया कि सेना की 85 टुकड़ियां ऑपरेशन मेघ राहत में जुटी हुई हैं। इनमें से 60 कश्मीर में लोगों के बचाव में जुटी हैं। वहीं पंजाब से पहुंची एनडीआरएफ की छह टीमों में शामिल पांच सौ के करीब कर्मी राहत अभियान को तेजी देने में जुट गए हैं।
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