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जम्मू-कश्मीर में भूस्खलन से 75 की मौत

जम्मू-कश्मीर में पिछले 48 घंटों से हो रही भारी बारिश कहकर बनकर टूटी है। गुरुवार को बाढ़ और भूस्खलन में 65 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। बुधवार को भी नौ लोगों की मौत हो गई थी। बाढ़ में अब तक कितने लोग बह चुके हैं, इसका अभी प्रशासन को भी पक्का अंदाजा नहीं हैं।

By Edited By: Published: Fri, 05 Sep 2014 12:16 AM (IST)Updated: Fri, 05 Sep 2014 07:46 AM (IST)

जम्मू [जागरण ब्यूरो]। जम्मू-कश्मीर में पिछले 48 घंटों से हो रही भारी बारिश कहकर बनकर टूटी है। गुरुवार को बाढ़ और भूस्खलन में 75 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। बुधवार को भी नौ लोगों की मौत हो गई थी। बाढ़ में अब तक कितने लोग बह चुके हैं, इसका अभी प्रशासन को भी पक्का अंदाजा नहीं हैं। वहीं भारी बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन से जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद हो जाने से सैकड़ों वाहन रास्ते में में फंसे हुए हैं। मुगल रोड का भी काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।

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इसके अलावा बाढ़ से राज्य में करीब 15 पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। कई इलाकों को जोड़ने वाली सड़कें भी बह चुकी हैं। भूस्खलन से सैकड़ों कच्चे-पक्के घर भी गिर गए हैं। वहीं भारी बारिश व भूस्खलन के चलते माता वैष्णो देवी की यात्रा भी शाम चार बजे बंद कर दी गई। भूस्खलन से यात्रा मार्ग पर तीन श्रद्धालु घायल हुए हैं। वहीं भद्रवाह से मणिमहेश यात्रा पर गए करीब 70 श्रद्धालु भी रास्ते में फंसे हुए हैं।

झेलम, चिनाब सहित लगभग सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और प्रशासन ने बाढ़ के लिए नया अलर्ट जारी किया है। इस बीच सरकार ने एहतियातन राज्य में तीन दिन के लिए सभी शिक्षण संस्थान बंद कर दिए हैं। साथ ही जम्मू और कश्मीर के मंडलायुक्त को राहत व बचाव कार्य के लिए दस-दस करोड़ जारी किए गए हैं। इस बीच, लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए सेना ने ऑपरेशन मेघ राहत शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।

बाढ़ और बारिश से जम्मू और कश्मीर संभाग दोनों ही जगह भारी तबाही हुई है। राजौरी जिले के नौशहरा में गुरुवार दोपहर को बारातियों की पूरी बस बाढ़ में बह गई, जिससे 50 लोगों की मौत की आशंका है। बहे लोगों की तलाश की जा रही है। इस हादसे में चार घायलों को बचा लिया गया है। बाढ़ से राजौरी व पुंछ में कई पक्के मकान भी बह गए हैं।

इसके साथ सरकारी बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं कश्मीर में सीमा पर क्रास एलओसी ट्रेड भी अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।

सेना ने जम्मू संभाग में ऑपरेशन मेघ राहत छेड़ दिया है। वहीं कश्मीर में निचले इलाकों में बाढ़ से लोगों को बचाने में सेना जुटी हुई है। कश्मीर में भी भारी तबाही हुई है। नौशहरा, राजौरी, थन्नामंडी व पुंछ इलाकों में भी सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। सेना ने जम्मू संभाग में दौ सौ से अधिक लोगों को बाढ़, भूस्खलन से बचाकर सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया। वहीं सीमावर्ती राजौरी, पुंछ जिलों में राहत अभियान को तेजी देने के लिए सेना ने अपनी मेडिकल व इंजीनिय¨रग टीमें तैनात की हैं। लोगों को पानी सप्लाई करने के लिए सेना ने अपने बड़े जेनरेटर सेट भी उपलब्ध करवाए हैं।

वहीं प्रशासन ने जम्मू संभाग में अभी पंद्रह लोगों के मारे जाने की ही पुष्टि की है। इसी बीच, सेना की 35 बीआरटीएफ ने भी अभियान चलाकर हाईवे को खोलने का काम तेज कर दिया है।

उधर पंजाब के अमृतसर में हुई मूसलाधार बारिश से दो जर्जर इमारतें जमींदोज हो गई और एक युवक की मौत। फाजिल्का में आलमशाह नहर दो जगह से टूट गई है जिससे सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई।

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