खून-खराबे पर आमादा पाक, ना 'पाक' हरकत जारी
संयुक्त राष्ट्र महासभा में मुंह की खाने और कश्मीर राग में विश्व समुदाय की ओर से कोई दिलचस्पी न दिखाने से खिसियाए पाकिस्तान की सेना भारतीय सीमांत इलाकों में खून-खराबा पर आमादा हो गई है। ठीक बकरीद के मौके पर वर्ष 2003 के बाद संघर्ष विराम उल्लंघन की सबसे बड़ी वारदात में पाकिस्तानी रेंजरों ने जम्मू के अरनिया सेक्टर में भारी गोलीबारी कर पांच ग्रामीणों की जान ले ली। 34 घायलों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, जम्मू। संयुक्त राष्ट्र महासभा में मुंह की खाने और कश्मीर राग में विश्व समुदाय की ओर से कोई दिलचस्पी न दिखाने से खिसियाए पाकिस्तान की सेना भारतीय सीमांत इलाकों में खून-खराबा पर आमादा हो गई है। ठीक बकरीद के मौके पर वर्ष 2003 के बाद संघर्ष विराम उल्लंघन की सबसे बड़ी वारदात में पाकिस्तानी रेंजरों ने जम्मू के अरनिया सेक्टर में भारी गोलीबारी कर पांच ग्रामीणों की जान ले ली। 34 घायलों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें दो की हालत गंभीर है। बीएसएफ ने भी माकूल जवाब दिया। जवाबी कार्रवाई में सीमा पार भी चार लोगों के मरने और तीन के घायल होने की सूचना है।
सोमवार रात साढ़े आठ बजे के बाद पाकिस्तान ने फिर सांबा जिले के रामगढ़ के अलावा जम्मू के आरएसपुरा, अरनिया व अखनूर समेत करीब तीन दर्जन भारतीय चौकियों पर गोले बरसाने शुरू कर दिए। दहशत में आए सैकड़ों ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर शरण के लिए कूच करने लगे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री अरुण जेटली और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पाकिस्तान की नापाक हरकत पर तीखा आक्रोश व्यक्त किया है।
नियंत्रण रेखा के बाद रविवार की मध्य रात्रि से गोलाबारी में तेजी लाते हुए पाकिस्तान ने दस सीमांत चौकियों का निशाना बना रिहायशी इलाकों पर बड़े आकार के मोर्टार दागे। इसमें एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। सबसे अधिक मोर्टार अरनिया कस्बे, माशे दे कोठे व काकू दे कोठे इलाके में गिरे। पाकिस्तान की गोलीबारी को देखते हुए बीएसएफ ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। सीमांत क्षेत्रों से लोगों को पीछे हटने के लिए कहा गया है। प्रशासन ने पलायन करने वालों के लिए राहत शिविर भी बना दिए हैं।
गोलाबारी का सिलसिला रात साढ़े 11 बजे शुरू होते ही क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। कई परिवार गोलों से बचने के लिए घरों से बाहर आकर छिप गए। गोलाबारी सोमवार सुबह छह बजे तक जारी रही। इसके बाद कई इलाकों से सैकड़ों ग्रामीणों के पलायन का सिलसिला जारी हो गया। अरिनया सेक्टर की पंचायत जबोवाल, त्रेवा, अला, काकू दे कोठे, चानना, चंगिया, पिंडी, कदवाल गांवों से लोग पलायन कर सुरक्षित स्थानों पर आ गए हैं। पलायन की यह स्थिति गत अगस्त में भी बन गई थी। भारी गोलाबारी से उपजे हालात का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अरनिया का दौरा कर प्रभावितों की सुध ली।
वही बीएसएफ के डीजी डीके पाठक ने जम्मू पहुंच कर सुरक्षा हालात का जायजा लेने के साथ मेडिकल कालेज अस्पताल में जाकर घायलों से मुलाकात की। इस बीच परगवाल में फंसे सीमांतवासियों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए सेना ने चिनाब दरिया में अपने दो स्टीमर लगाए। देर रात लोगों को सुरक्षित इलाकों तक पहुंचाया गया।
चकना-दा-बाग में बंटी मिठाई, वाघा पर नहीं :
पाकिस्तान की ओर से भारी गोलीबारी के बावजूद सोमवार सुबह पुंछ जिले के चकना-दा-बाग में दोनों देशों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ। इस कार्यक्रम में कोई अधिकारी तो शामिल नहीं हुआ, केवल जवानों ने ही यह रस्म अदा की। वहीं पंजाब के वाघा बार्डर पर दोनों देशों के संबंधों में तनाव का असर देखने को मिला। पाकिस्तानी रेंजरों ने बीएसएफ को ईदी नहीं भेजी। पड़ोसी देश के इस व्यवहार पर बीएसएफ ने भी मिठाई नहीं भेजी।
किसने, क्या-कहा:
''पाकिस्तान को अपनी नापाक हरकतें बंद कर देनी चाहिए। उसे समझना होगा कि भारत में अब समय बदल गया है।''
-राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री
''भारतीय सेना पाकिस्तान को जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। सीमा पार से हो रही गोलीबारी का उचित जवाब दिया जा रहा है।''
-अरुण जेटली, केंद्रीय रक्षा मंत्री
''कश्मीर मसले पर अंतरराष्ट्रीय जगत का ध्यान आकर्षित न कर पाने के कारण पाकिस्तान अपना गुस्सा भोले-भाले ग्रामीणों पर उतार रहा है।''
-उमर अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर
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