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पांच भारतीय इस बार राष्ट्रमंडल लघु कथा अवार्ड की दौड़ में

राष्ट्रमंडल लघु कथा सम्मान (कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी प्राइज) की दौड़ में पांच भारतीय भी शामिल हैं। इनमें चार लेखक व एक अनुवादक है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 01 Apr 2016 05:26 PM (IST)Updated: Fri, 01 Apr 2016 05:37 PM (IST)
पांच भारतीय इस बार राष्ट्रमंडल लघु कथा अवार्ड की दौड़ में

नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल लघु कथा सम्मान (कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी प्राइज) की दौड़ में पांच भारतीय भी शामिल हैं। पांच में चार लेखक व एक अनुवादक हैं। 2016 के लिए 11 देशों के लेखकों की 26 कहानियों को चुना गया है। कॉमनवेल्थ फाउंडेशन की ओर से आयोजित साहित्यिक आयोजन का यह पांचवां संस्करण है। इसमें दो हजार से पांच हजार शब्दों की अंग्रेजी भाषा की कहानियों को शामिल किया जाता है।

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अंग्रेजी में अनुवादित कहानियां भी इस पुरस्कार की दौड़ में होती हैं। भारत से पराशर कुलकर्णी (काउ एंड कंपनी), कीर्तिका पांडे (डर्टी व्हाइट स्ट्रिंग्स), सुमित रे (गिरधर मैंशन), विनायक वर्मा (इंस्टेंट कर्मा) शामिल हैं। इनके अलावा जानेमाने अनुवादक अरुणव सिन्हा भी इस सूची में हैं।

उन्होंने बांग्लादेशी लेखक सुमन रहमान की कहानी निरपराध घुम का अंग्रेजी में अनुवाद किया है। इस साल के लिए 47 देशों से चार हजार लघु कथाएं भेजी गई थीं। विजेताओं के नाम चार मई को घोषित किए जाते हैं। इन्हें ढाई हजार पौंड (2.37 लाख रुपये) का नकद पुरस्कार दिया जाता है। समग्र विजेता भी चुना जाता है, जिनके नाम की घोषणा सितंबर में की जाती है।

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