दूसरे दिन भी नहीं सुधरे सहारनपुर के हालात, कर्फ्यू के साथ विमान से निगरानी
धार्मिक स्थल की जमीन के विवाद में सांप्रदायिक दंगे में झुलसा उप्र का सहारनपुर जिला दूसरे दिन रविवार को भी सुलगता रहा। शनिवार पूरी रात छिटपुट ¨हसा व आगजनी की घटनाएं होती रहीं और पूरे दिन कर्फ्यू जारी रहा, जिसमें आधा दर्जन दुकानों में लूटपाट की गई। इस दौरान शहर के हालात पर निगरानी के लिए मानवरहित हवाई वाहनों [यूएवी] की मदद ली गई।
सहारनपुर [जागरण संवाददाता]। धार्मिक स्थल की जमीन के विवाद में सांप्रदायिक दंगे में झुलसा उप्र का सहारनपुर जिला दूसरे दिन रविवार को भी सुलगता रहा। शनिवार पूरी रात छिटपुट ¨हसा व आगजनी की घटनाएं होती रहीं और पूरे दिन कर्फ्यू जारी रहा, जिसमें आधा दर्जन दुकानों में लूटपाट की गई। इस दौरान शहर के हालात पर निगरानी के लिए मानवरहित हवाई वाहनों [यूएवी] की मदद ली गई। पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात रहे और अफवाहों के बीच तनावपूर्ण हालात बना रहा।
उधर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सहारनपुर के हालात की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी। गृहमंत्री ने उन्हें सहारनपुर में शनिवार को भड़के दंगे पर राज्य सरकार की ओर से भेजी गई रिपोर्ट और हालात सामान्य करने में स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए भेजे गए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की भी जानकारी दी।
दरअसल, राजनाथ सिंह यूपीएससी विवाद पर उच्च स्तरीय बैठक के लिए गए फैसले की जानकारी देने प्रधानमंत्री से मिलने गए थे। आधे घंटे तक चली मुलाकात में सहारनपुर पर बातचीत हुई। इसमें राजनाथ सिंह ने बताया कि ¨हसा की खबर मिलते ही उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात कर हालात को काबू करने के लिए केंद्रीय मदद की पेशकश की थी। बाद में राज्य सरकार के अनुरोध पर अर्द्धसैनिक बलों की छह कंपनियां वहां भेजी। उन्होंने कहा कि स्थिति पर वे खुद नजर रखे हुए हैं और हालात तेजी से सुधर रहे हैं।
सहारनपुर की स्थिति पर मंथन और कर्फ्यू हटाने के लिए आला अफसर भी दिनभर बैठकें करते रहे। शहर के गली-मोहल्लों में कई जगह जमा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पथराव में सीआरपीएफ के दो जवान भी घायल हुए, जबकि दहशत में एक वृद्धा की मौत हो गई। जिलाधिकारी संध्या तिवारी के मुताबिक स्थित नियंत्रण में है और हत्या और बलवे के नौ मुकदमें दर्ज कर 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रविवार को लूटपाट और मारपीट की छिटपुट वारदातों ने अफसरों को दिनभर दौड़ाए रखा।
बताया गया कि खलासी लाइन स्थित मस्जिद वाली गली में शनिवार देर रात हुए शोर शराबे के कारण वृद्धा मेहरु निशां की दहशत में मौत हो गई। इसके अलावा शनिवार रात कई स्थानों पर हुए पथराव के दौरान सीआरपीएफ कमांडर अतर सिंह और जवान लाल बाबू चौधरी घायल हो गए। प्रशासन व सरकार भी शहर में शांति बहाल करने के लिए दिनभर प्रयास में लगे रहे।
दहकते शहर में दहशत की चुप्पी
दंगे के बाद मोहल्ले की गलियों से लेकर हाइवे तक सन्नाटा पसरा हुआ है, जिसे पुलिसकर्मियों के बूटों की आवाज तोड़ती है। बच्चे और महिलाएं घरों की खिड़कियों से झांकते हैं और सुरक्षाबलों की टुकड़ियां देख दहशत से पीछे हट जाते हैं। कुछ घरों में रोजमर्रा की चीजें भी नहीं थी, लेकिन जरूरत से ज्यादा जान की फिक्र है। महानगर का दिल कहे जाने वाले घंटाघर से रोज लाखों की भीड़ गुजरती है।
यहां से उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली के लिए गाडि़यां जाती हैं, लेकिन आज सब सूना पड़ा है। ईद के दो दिन पहले भी मस्जिद में नमाज के समय कोई नहीं पहुंचा। यहां भी अर्द्वसैनिक बल के जवान तैनात थे। आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन साल में पश्चिमी उप्र में सांप्रदायिक ¨हसा की 50 घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें लगभग 80 से अधिक लोग मारे गए। मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत, बुलंदशहर, शामली समेत शायद ही ऐसा कोई जिला हो, जहां सांप्रदायिक ¨हसा न दिखी हो।
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