मुंबई धमाका: मेनन ने लगाई फांसी न देने की गुहार
1993 मुंबई बम धमाके में फांसी की सजा पाए अब्दुल रजाक याकूब मेनन ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की। याकूब ने सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार याचिका पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया।
नई दिल्ली। 1993 मुंबई बम धमाके में फांसी की सजा पाए अब्दुल रजाक याकूब मेनन ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की। याकूब ने सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार याचिका पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया।
गौरतलब है कि याकूब मेमन मुंबई बम धमाकों का मुख्य साजिशकर्ता है। मेमन ने दाऊद इब्राहिम और फरार अभियुक्त अपने भाई टाइगर मेमन के साथ मिलकर मुंबई बम धमाकों की साजिश रची थी। याकूब पिछले 20 साल से जेल में है।
मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसी मामले में अवैध हथियार रखने के दोषी अभिनेता संजय दत्त छह साल की सजा सुनाई गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च, 2013 को याकूब मेमन की फांसी पर मुहर लगाते हुए कहा था कि वह मामले में मुख्य साजिशकर्ता है और इसकी भूमिका अन्य दोषियों से भिन्न है, जबकि 10 अन्य दोषियों को मुंबई की टाडा कोर्ट से सुनाई गई फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। सुप्रीम कोर्ट याकूब मेमन की पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर चुका है। इतना ही नहीं राष्ट्रपति भी उसकी दया याचिका भी ठुकरा चुके हैं।
राष्ट्रपति से दया याचिका ठुकराए जाने के बाद जून 2014 में याकूब मेमन ने सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को संविधानपीठ के पास भेज दिया था।