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बिजनौर विस्फोट में सिमी के आतंकियों पर शक

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले बिजनौर के एक मकान में शुक्रवार को हुए विस्फोट के तार मध्य प्रदेश की खंडवा जेल से फरार स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सदस्यों से जुड़ते नजर आ रहे हैं। विधानसभा उप चुनाव के ठीक एक दिन पहले हुए इस विस्फोट के मामले में एटीएस तथा आइबी की टीम भले ही सक्रिय हो गई हैं, लेकिन

By Edited By: Published: Sun, 14 Sep 2014 12:00 PM (IST)Updated: Sun, 14 Sep 2014 12:00 PM (IST)
बिजनौर विस्फोट में सिमी के आतंकियों पर शक

लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले बिजनौर के एक मकान में शुक्रवार को हुए विस्फोट के तार मध्य प्रदेश की खंडवा जेल से फरार स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सदस्यों से जुड़ते नजर आ रहे हैं। विधानसभा उप चुनाव के ठीक एक दिन पहले हुए इस विस्फोट के मामले में एटीएस तथा आइबी की टीम भले ही सक्रिय हो गई हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश पुलिस अभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

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अभी तक की तफ्तीश में मिले साक्ष्यों के आधार पर यूपीएटीएस ने मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों से सारी जानकारी साझा की है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी आइबी और राज्य सरकार की एजेंसियों को संदेह है कि इस धमाके में विस्फोटक तैयार कर रहे लोग भी घायल हुए हैं, लिहाजा अस्पतालों की भी निगरानी कराई जा रही है। बिजनौर के जाटान की मलिन बस्ती के एक मकान में विस्फोट के बाद पुलिस अधिकारियों को मौके से विस्फोटक सामग्री के अलावा असलहे भी मिले, जिससे आतंकी साजिश का अंदेशा हुआ था। यूपीएटीएस के आइजी राजीव सब्बरवाल और एसटीएफ टीम भी मौके पर पहुंची थी।

एटीएस को इस विस्फोट में एक अक्टूबर 2013 में मध्य प्रदेश के खंडवा जेल से सिपाहियों की हत्या करने के बाद फरार सिमी के सदस्य जाकिर, गुडडू, एजाजुददीन और अमजद का हाथ होने का संदेह है। लिहाजा जांच अधिकारी फरारी के बाद पकड़े गए अबुल फैजल से पूछताछ की तैयारी में है। मौके पर बरामद वस्तुओं को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जांच एजेंसियां बिजनौर के पड़ोसी जिलों और गांव-गलियारे में क्लीनिक चलाने वाले डाक्टरों पर नजर रख रही है। जांच अधिकारियों का मानना है कि वहां पर विस्फोट उच्च शक्ति वाला था, लिहाजा मौके पर मौजूद लोग घायल जरूर हुए होंगे और उन्हें इलाज के लिए कही न कहीं ले जाया जाएगा। ऐसे में उन्हें पकड़ना आसान होगा। माना जा रहा है कि फरार आतंकियों ने बिजनौर में शरण ली थी और यह लोग मजदूर बनकर रह रहे थे। इनका इरादा पश्चिमी उत्तर प्रदेश को दहलाने का था।

उधर बिजनौर के पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार ने बताया कि मामले को एटीएस तथा आइबी की टीम देख रही है, इसलिए हम अभी कुछ नहीं कर रहे हैं। बिजनौर पोस्ट आफिस से मिले सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है।

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