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    कांग्रेस के गले पड़ा 84 का दंगा

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    Updated: Thu, 30 Jan 2014 07:32 AM (IST)

    आम चुनाव से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का टीवी पर दिया गया पहला साक्षात्कार पार्टी को बेहद भारी पड़ रहा है। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की आशंका से गुजरात दंगों पर बहुत आक्रामक रुख अपनाने से बचती रही कांग्रेस के कंधों पर राहुल की टिप्पणी के बाद सिख दंगों का भूत एक बार फिर सवार हो गया है।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आम चुनाव से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का टीवी पर दिया गया पहला साक्षात्कार पार्टी को बेहद भारी पड़ रहा है। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की आशंका से गुजरात दंगों पर बहुत आक्रामक रुख अपनाने से बचती रही कांग्रेस के कंधों पर राहुल की टिप्पणी के बाद सिख दंगों का भूत एक बार फिर सवार हो गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 30 साल बाद 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करने की उपराज्यपाल नजीब जंग से मांग की है।

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    केजरीवाल ने कहा कि वह शुक्रवार को दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक में एसआइटी गठन का प्रस्ताव लाएंगे और इस पर चर्चा होगी। भाजपा और अकाली दल ने भी एसआइटी जांच का समर्थन कर कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। हैरान-परेशान कांग्रेस भी केजरीवाल के इस कदम का विरोध करने की स्थिति में नहीं है और उसने भी कहा कि किसी भी विधिसम्मत जांच का वह समर्थन करेगी।

    दरअसल, सिख दंगों का जिन्न फिर से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के टीवी पर दिए गए पहले साक्षात्कार के बाद बोतल से निकल आया है। राहुल ने माना था कि कांग्रेस के कुछ नेता भी दंगों में शामिल थे। साथ ही उन्होंने गुजरात दंगों को सरकार प्रायोजित बताते हुए सिख दंगों से उसकी तुलना न करने की बात भी कही थी। इस बयान के बाद राजनीति सरगर्म हो गई और 'आग में घी' दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डाल दिया।

    केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात कर दंगों की जांच एसआइटी से कराने की मांग करते हुए अपना प्रतिवेदन दिया। करीब आधा घंटे चली इस बैठक में उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री के निवेदन पर विचार किए जाने और प्रधानमंत्री को इससे अवगत करवाने का आश्वासन दिया। केजरीवाल ने जंग से मुलाकात के बाद कहा भी कि यह हमारे घोषणा पत्र का भी हिस्सा है। इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा और इस पर चर्चा की जाएगी। दिल्ली सरकार में नंबर दो मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल ने हमारे प्रस्ताव पर सहमति की मुहर लगाई है।

    उधर, अकाली दल और भाजपा ने भी कांग्रेस पर हमला तेज कर दिया है। अकाली दल के प्रदेशाध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने कहा कि राहुल ने जब दंगों में कांग्रेसियों की संलिप्तता स्वीकार ली है तो अब इसमें माफी नहीं बल्कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। एसआइटी से इसकी जांच की मांग करते हुए मंजीत ने गुरुवार सुबह से 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरना देने का एलान भी किया। भाजपा के प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने भी केजरीवाल सरकार द्वारा एसआइटी जांच की मांग का स्वागत किया, लेकिन दिल्ली सरकार से अपेक्षा की कि वह कांग्रेस पर कार्रवाई के लिए दबाव भी बनाएगी। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस किसी भी विधिसम्मत जांच के पक्ष में है।

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