अलगाववादियों की साजिश को ठेंगा, 190 कश्मीरी नौजवान बने फौजी
दीक्षांत समारोह के बाद अपने पिता कमरदीन के साथ खड़े फिरदौस खान से जब सेना में भर्ती होने के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि वह टंगडार से है।
श्रीनगर, (नवीन नवाज)। पाकिस्तान और अलगाववादियों की साजिश को ठेंगा दिखाते हुए 190 कश्मीरी नौजवान एक वर्ष के कठिन प्रशिक्षण के बाद जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री का हिस्सा बन गए। स्थानीय युवाओं ने अलगाववादियों के दुष्प्रचार का जवाब देते हुए विधिवत रूप से राष्ट्रीय एकता व अखंडता की शपथ ली।
श्रीनगर के रंगरेथ स्थित जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री रेजीमेंटल सेंटर में घने कोहरे और ठंडी हवाओं के बीच जब सूरज भी खुलकर बादलों से पार नहीं झांक पा रहा था तो इन्हीं रंगरूटों का जोश दीक्षांत समारोह देखने आए लोगों को ठंड में गर्मी का अहसास करा रहा था।
लेफ्टिनेंट जनरल व जेकलाई के कमांडेंट राजेश शर्मा ने परेड की सलामी ली। दीक्षांत समारोह के बाद अपने पिता कमरदीन के साथ खड़े फिरदौस खान से जब सेना में भर्ती होने के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि वह टंगडार से है। अगर फौज न हो तो यहां लोगों की जिंदगी को पाकिस्तानी फौज और इस्लाम के नाम पर नारा देने वाले जिहादी पूरी तरह दोजख बना दे।
एक पूर्व सैनिक इश्तियाक अहमद ने कहा कि कौन कहता है कि यहां लोग फौज से नफरत करते हैं। नफरत वही करते हैं, जिनके घर में रोटी इसी नफरत की गैस पर पकती है। वह खुद रिटायर्ड सूबेदार मेजर हैं। बड़ा बेटा इस समय पूर्वाेत्तर में तैनात है। अगर फौज गलत होती तो छोटा बेटा मुख्तार आज यहां फौजी नहीं बनता।
समारोह में मौजूद कर्नल रैंक के एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें समझ में नहीं आता यहां जो लोग फौज की आलोचना करते हैं, किस आधार पर करते हैं। जब फौज में भर्ती शुरू होती है तो हजारों की तादाद में नौजवान भर्ती होने आते हैं। कई युवक मजाक में उनसे कहते हैं कि जनाब अगर भर्ती नहीं करोगे तो पत्थर चलाएंगे।
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