बदली सरकारें ना बदला बयान, होते रहे हमले ना मिला इंसाफ
आतंकवादियो ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के मुख्यालय को निशाना बनाया है। इस हमले में17 जवान शहीद हो गए हैं।
नई दिल्ली। मुंबई पर हुए 26/11 अटैक को तकरीबन 8 साल हो गए लेकिन देश में आतंकवादी हमले कम नहीं हुए। एक निश्चित समय अंतराल के बाद कोई ना कोई आतंकवादी घटना सामने आती रही। हर बार आला नेतृत्व ने आतंकवादियो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। लेकिन अभी तक इस क्षेत्र में देश कोई सफलता हाथ नहीं लग पाई। इस साल की शुरूआत में जहां आतंकवादियों ने पठानकोट एयरफोर्स बेस को निशाना बनाया था तो आज आतंकवादियो ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के मुख्यालय को निशाना बनाया। पठानकोट हमले में देश ने अपने 7 जवानों को खोया था तो आज उन सपूत शहीदों की संख्या 17 है। हर बार आतंकवादी अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने में कामयाब हो रहे हैं।
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साल 2008 में हुए मुंबई हमले की पूरे विश्व ने निंदा की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश से वादा किया कि इस हमले के पीछे के असली गुनहगारों को बख्शा नहीं जाएगा। उस वक्त आनन-फानन में गृहमंत्री चिदंबरम ने अमेरिकी स्टाइल में एक नई जांच एजेंसी एनआईए के गठन की घोषणा की।
साल 2008 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी विधेयक संसद में रखा गया। कहा गया कि एनआईए आतंकवाद से जुड़े मामलों के प्रति समर्पित होकर काम करेगी। देश में जिस तरह का गुस्सा था, उसे देखते हुए किसी ने भी उस वक्त संसद में मुखर होकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी विधेयक का विरोध नहीं किया। लेकिन आज 8 साल बाद भी इस आतंकवादी घटना को अंजाम देने वाले आतंकी पाकिस्तान में खुले घूम रहे है।
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इस साल की शुरूआत में एक और आतंकवादी घटना सामने आई जिसमे आतंकवादियों की बेखौफ घिनौनी करतूत दिखाई दी। इस बार आतंकवादियों ने पठानकोट एयरबेस को निशाना बनाया। इस घटना को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने सेना की वर्दी में आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला बोल दिया था। उस वक्त आतंकियों से एनएसए, सेना और पंजाब पुलिस के बीच हुई फायरिंग में 4 आतंकी मारे गए जबकि 7 सैन्यकर्मी भी शहीद हो गए। आला नेतृत्व की तरफ से फिर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया। लेकिन अभी तक इस हमले से जुड़े आतंकवादी पहुंच से बाहर है।
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