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भूकंप के कंपन में 1689 परमाणु बमों के विस्फोट जितनी ऊर्जा

तीन दिन पहले नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप से सिर्फ इलाहाबाद ही नहीं तकरीबन आधा देश अनायास ही नहीं हिला। दरअसल धरती में दस किमी अंदर उतनी ऊर्जा बनी, जितनी 1689 परमाणु बमों को फोड़े जाने से बनती। इसीलिए शायद पृथ्वी के सामान्य होने की प्रक्रिया धीमी है और जब

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 09:10 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2015 09:55 AM (IST)

इलाहाबाद । तीन दिन पहले नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप से सिर्फ इलाहाबाद ही नहीं तकरीबन आधा देश अनायास ही नहीं हिला। दरअसल धरती में दस किमी अंदर उतनी ऊर्जा बनी, जितनी 1689 परमाणु बमों को फोड़े जाने से बनती। इसीलिए शायद पृथ्वी के सामान्य होने की प्रक्रिया धीमी है और जब तब कंपन हो रहा है।

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भू एवं ग्रहीय विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. जयंत नाथ त्रिपाठी के मुताबिक नेपाल के भूकंप में करीब 34.88 मेगाटन टीएनटी ऊर्जा निकली है। इसी वजह से काठमांडू व अन्य पड़ोसी शहरों में बर्बादी हुई। वह इसे ईश्वर की कृपा ही मानते हैं कि भारत में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। यदि इतनी क्षमता वाला भूकंप भारत के हिस्से में आता तो जानमाल की अकल्पनीय तबाही होती। डा. त्रिपाठी कहते हैं कि अब भी आफ्टर शॉक लग रहे हैं। यह अलग बात है कि वह लोगों को महसूस नहीं हो रहे हैं। रविवार रात करीब 10 बजे पांच से अधिक तीव्रता वाला झटका आया और फिर छह झटके चार से अधिक तीव्रता वाले रहे।

पढ़ें : भूकंप से धराशायी नेपाल की अर्थव्यवस्था

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