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    लापता लोगों का पता लगाने में मदद कर रहे फेसबुक और गूगल

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Mon, 27 Apr 2015 08:10 PM (IST)

    नेपाल में भूकंप के बाद हजारों नजरें अपनों को तलाश रही हैं। वे कहां हैं इसकी जानकारी देने और यदि लापता हैं तो उनकी मदद के लिए गूगल ने 'पर्सन फाइंडर' औ ...और पढ़ें

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    काठमांडू। नेपाल में भूकंप के बाद हजारों नजरें अपनों को तलाश रही हैं। वे कहां हैं इसकी जानकारी देने और यदि लापता हैं तो उनकी मदद के लिए गूगल ने 'पर्सन फाइंडर' और फेसबुक ने 'सेफ्टी चेक' फीचर एक्टिवेट किया है।

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    गूगल का पर्सन फाइंडर एक ऐसा एप है जो लोगों को प्राकृतिक एवं मानवीय आपदा के बाद दोस्तों और परिजनों से फिर से जुड़ने में मदद करता है। शनिवार को नेपाल में आए जबरदस्त भूकंप के बाद गूगल ने इसे विशेष रूप से वहां के लोगों की मदद के लिए तैयार किया है। गूगल के होम पेज 'डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट गूगल डॉट कॉम डॉट एनपी' पर इस एप का लिंक है।

    सर्च बार के ठीक नीचे 'रिसोर्सेज रिलेटेड टू नेपाल अर्थक्वेक' पर क्लिक किया जा सकता है। ईकांतिपुर ऑनलाइन की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वेबसाइट का दावा है कि अब तक इसके पास 5300 रिकार्ड हैं जिनपर यह नजर रख रहा है। इसमें किसी को खोजने के लिए सिर्फ 'आइ एम लुकिंग फॉर समवन' यानी 'मैं किसी को तलाश रहा हूं' पर केवल क्लिक करना है। यदि उस व्यक्ति का कोई रिकार्ड नहीं मिलता तो लापता व्यक्ति का एक नया रिकार्ड बनाया जा सकता है।

    इसी तरह से किसी को किसी व्यक्ति विशेष की जानकारी मिलने पर वह 'मेरे पास किसी के बारे में जानकारी है।' बटन पर क्लिक कर सकता है। उस व्यक्ति की तस्वीर और उसका विस्तृत विवरण डाला जा सकता है। गूगल के इंजीनियरों ने सबसे पहले इस एप को वर्ष 2010 में हैती में आए भूकंप में लॉंच किया था जिसमें जिसमें एक लाख से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

    इसी तरह फेसबुक ने नेपाल के भूकंप को देखते हुए 'सेफ्टी चेक' फीचर को एक्टिवेट कर दिया है। इसमें फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले वैसे लोग यदि आपदाग्रस्त इलाके में हैं तो अपने दोस्तों और परिजनों को यह बता सकते हैं कि वे सुरक्षित हैं। फेसबुक के इंजीनियरों ने इस फीचर को 2011 में जापान में आए भूकंप और सुनामी के बाद विकसित किया था।