Move to Jagran APP

विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट भारत में

देश की पहली मेगा सोलर पावर परियोजना का रास्ता साफ हो गया है। 4,000 मेगावाट क्षमता की यह परियोजना राजस्थान में जयपुर के पास लगाई जाएगी। इसे सरकारी क्षेत्र की छह प्रमुख कंपनियां- भेल, पावरग्रिड, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन, सतलुज जल विद्युत निगम, हिंदुस्तान साल्ट्स और राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स मिलकर लगाएंगी। इसके

By Edited By: Published: Thu, 30 Jan 2014 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2014 09:30 AM (IST)
विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट भारत में

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की पहली मेगा सोलर पावर परियोजना का रास्ता साफ हो गया है। 4,000 मेगावाट क्षमता की यह परियोजना राजस्थान में जयपुर के पास लगाई जाएगी। इसे सरकारी क्षेत्र की छह प्रमुख कंपनियां- भेल, पावरग्रिड, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन, सतलुज जल विद्युत निगम, हिंदुस्तान साल्ट्स और राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स मिलकर लगाएंगी। इसके लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

loksabha election banner

इस प्रोजेक्ट के बाद ऐसी अन्य सोलर पावर परियोजनाएं लगाने का काम भी जल्द शुरू होगा। परियोजना के पहले चरण में एक हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा, जो वर्ष 2017 तक शुरू हो जाएगा। शेष 3,000 मेगावाट क्षमता का विस्तार दूसरे चरण में किया जाएगा। इसमें अतिरिक्त तीन वर्ष का समय लगेगा।

उधार की बिजली से रोशन हो रहे सरकारी आवास

यह अपने आप में अनूठी परियोजना होगी। दुनिया के किसी भी देश में एक जगह पर इतनी बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना नहीं लगाई गई है। भारत में सूरज से बिजली बनाने की परियोजना का भविष्य इससे तय होगा। इसके लिए गठित कंपनी में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी (26 फीसद) भारत हैवी इलेक्टिकल्स (भेल) को दी गई है। इसमें सोलर एनर्जी की 23, हिंदुस्तान सॉल्ट्स की 16, सतलुज जल विद्युत निगम की 16 फीसद और राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स की 3 फीसद हिस्सेदारी है।

बिजली दरों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकेंगी सरकारें

इन सभी साझेदार कंपनियों के बीच एक समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किया गया। यह प्लांट न सिर्फ देश की बिजली जरूरत को पूरा करेगा, बल्कि ताप, जल और परमाणु बिजली घर लगने से पर्यावरण को होने वाली हानि भी नहीं होगी। साथ ही इससे पैदा होने वाली बिजली सस्ती भी होगी।

ऐसे तो उद्योगों से महंगी हो जाएगी घरों की बिजली

एक अनुमान के मुताबिक भारत को मिलने वाली सूरज की रौशनी से 5,000 खरब किलोवाट बिजली हर वर्ष पैदा की जा सकती है। यह देश की बिजली जरूरत से कई गुना ज्यादा है, लेकिन इसका बहुत ही कम हिस्सा ही इस्तेमाल हो पाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.