जीवन पर्यत मिलेगा रिवर्स मॉरगेज स्कीम का फायदा
बुढ़ापे में अपना घर गिरवी रख नियमित आमदनी हासिल करने वाली स्कीम को सरकार ने अब और बेहतर बना दिया है। रिवर्स मॉरगेज नाम से जानी जाने वाली इस योजना में संशोधन कर दिया गया है। 200
नई दिल्ली। बुढ़ापे में अपना घर गिरवी रख नियमित आमदनी हासिल करने वाली स्कीम को सरकार ने अब और बेहतर बना दिया है। रिवर्स मॉरगेज नाम से जानी जाने वाली इस योजना में संशोधन कर दिया गया है। 2008 में शुरू की गई इस स्कीम के तहत अभी तक साठ साल की उम्र के बाद कोई भी व्यक्ति अपने रिहायशी मकान को बैंक के पास गिरवी रख सकता था। इसके बदले में उसे बैंक से 20 साल तक हर माह एक निश्चित रकम मिलती रहती है। इस दौरान पति और पत्नी दोनों घर के स्वामी की तरह अपने मकान में रह सकते हैं।
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस स्कीम में संशोधन के संबंध में अपनी ओर से अधिसूचना जारी की है। ताजा बदलाव के बाद अब रिवर्स मॉरगेज के जरिये लोन लेने वाले व्यक्ति को ताउम्र बैंक की ओर से एक निश्चित राशि मिलती रहेगी। बैंक की ओर से ऋण के रूप में इस रकम का भुगतान अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के साथ ही शुरू हो जाता है।
कौन संचालित करता है यह स्कीम
यह स्कीम नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) और इसके पास पंजीकृत अन्य बैंकों व हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां संचालित करती हैं। इस स्कीम के अंतर्गत कर्ज लेने वालों को आयकर छूट भी मिलती है।
कैसे काम करती है यह स्कीम
बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी की ओर से मासिक भुगतान कर्ज लेने वाले की मृत्यु या उस मकान को स्थायी रूप से छोड़ने तक जारी रहता है। इसके बाद उस घर को बेचकर समूचे अवधि के सूद समेत कर्ज राशि वसूल कर ली जाती है। इसके अलावा लोन लेने वाला या उसका वारिस भी ब्याज सहित मूलधन चुकाकर गिरवी रखे गए घर को छुड़ा सकता है। ऐसी सूरत में मॉरगेज यानी गिरवी रखे घर को बेचने की जरूरत नहीं होगी।
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