सुधार संबंधी बिल लटकने से सदमे में दलाल स्ट्रीट
दलाल स्ट्रीट में लगातार दो सत्रों से जारी तेजी मंगलवार को फुर्र हो गई। विदेशी बाजारों में कमजोरी के बीच प्रमुख सुधार संबंधी बिलों के लटकने की आशंका में निवेशकों ने शेयरों में चौतरफा बिकवाली की।
मुंबई । दलाल स्ट्रीट में लगातार दो सत्रों से जारी तेजी मंगलवार को फुर्र हो गई। विदेशी बाजारों में कमजोरी के बीच प्रमुख सुधार संबंधी बिलों के लटकने की आशंका में निवेशकों ने शेयरों में चौतरफा बिकवाली की। इससे बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 629.82 अंक यानी 2.29 फीसद गोता लगाकर 26877.48 अंक पर पहुंच गया। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 198.30 अंक यानी 2.38 फीसद लुढ़ककर 8126.95 अंक पर बंद हुआ। बाजार में इस गिरावट से निवेशकों को दो लाख चार हजार करोड़ रुपये की चपत लगी।
न्यूनतम वैकल्पिक कर यानी मैट के मुद्दे पर सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन के बावजूद विदेशी निवेशकों की चिंता बनी हुई है। डॉलर के मुकाबले रुपये का 64 के स्तर के आसपास बने रहने का भी बाजार की कारोबारी धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा। इसके अलावा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और भूमि अधिग्रहण बिल के राज्यसभा में अटकने से सरकार के आर्थिक सुधारों में विलंब की आशंकाएं बढ़ गई। खुदरा महंगाई और आइआइपी के आंकड़े बाजार बंद होने के बाद जारी हुए। इनको लेकर भी निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाए रखा।
तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 27502.91 अंक पर कमजोर खुला। यही इसका ऊंचा स्तर भी रहा। शुरू से ही बाजार को मंदडि़यों ने अपनी गिरफ्त में रखा। इनकी बिकवाली के झोंके में अंतिम कारोबारी घंटों में सेंसेक्स ने 26837.39 अंक का निचला स्तर छुआ।
बीएसई के सूचकांकों में रीयल एस्टेट, पावर, कंज्यूमर गुड्स, बैंकिंग और मेटल खंड की कंपनियों के शेयरों को बिकवाली की ज्यादा मार पड़ी। सेंसेक्स की तीस कंपनियों में 28 के शेयर टूटे, जबकि दो में बढ़त दर्ज की गई।
रुपया 32 पैसे टूटा
दो सत्रों की तेजी के बाद मंगलवार को रुपये की कीमत में कमजोरी आई। यह डॉलर के मुकाबले 32 पैसे लुढ़ककर 64.18 के स्तर पर बंद हुआ। आयातकों और कुछ बैंकों की ओर से डॉलर की ताजा मांग निकलने से रुपये की कीमत प्रभावित हुई। शेयर बाजारों की गिरावट का भी भारतीय मुद्रा की कीमत पर प्रतिकूल असर पड़ा।
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