मोदी मंत्र भुनाएंगी म्यूचुअल फंड कंपनियां, जिलों को लिया जाएगा गोद
बिक्री बढ़ाने के लिए बाजार-विस्तार का मोदी मंत्र म्यूचुअल फंड कंपनियों के सिर चढ़कर बोल रहा है। इन कंपनियों ने अर्धशहरी क्षेत्रों में म्यूचुअल फंड बाजार का विस्तार करने की खातिर जिलों को गोद लेना शुरू किया है। साथ ही, कस्बाई ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए एफडी से मिलती-जुलती नियतकालिक योजना
नई दिल्ली [अवनीश कुमार मिश्र]। बिक्री बढ़ाने के लिए बाजार-विस्तार का मोदी मंत्र म्यूचुअल फंड कंपनियों के सिर चढ़कर बोल रहा है। इन कंपनियों ने अर्धशहरी क्षेत्रों में म्यूचुअल फंड बाजार का विस्तार करने की खातिर जिलों को गोद लेना शुरू किया है। साथ ही, कस्बाई ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए एफडी से मिलती-जुलती नियतकालिक योजनाओं (क्लोज एंडेड स्कीम) की झड़ी भी लगा दी है।
भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग इस समय तकरीबन 10.6 लाख करोड़ रुपये का प्रबंधन कर रहा है। इस राशि का करीब 87 फीसद केवल 15 शहरों से आता है। इसमें 74 फीसद भागीदारी पांच महानगरों-मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलूर के निवेशकों की है। बाजार नियामक सेबी की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक टियर टू और टियर थ्री शहरों के वाशिंदे न तो म्यूचुअल फंड से ज्यादा वाकिफ हैं, न ही म्यूचुअल फंडों की वहां अधिक मौजूदगी है।
इसे देखते हुए देश की प्रमुख म्यूचुअल फंड कंपनियों ने वित्तीय साक्षरता के लिहाज से जिलों को गोद लेना शुरू किया है। शेयर बाजार में मौजूदा तेजी और कस्बाई इलाके की निवेश संबंधी मानसिकता को देखते हुए म्यूचुअल फंड कंपनियों ने बहुत सारे नियतकालिक फंड लांच किए हैं। इस समय तकरीबन आठ स्कीमों के न्यू फंड ऑफर चल रहे हैं जिनमें से सात स्कीम क्लोज एंडेड हैं।
इन योजनाओं में निवेश किया गया धन निर्दिष्ट समय के लिए अवरुद्ध हो जाता है पर रिटर्न के मामले में ऐसे फंड बेहतर साबित हुए हैं।एचडीएफसी म्यूचुअल फंड (एमएफ) ने पिथौरागढ़, चमोली, अल्मोड़ा और इलाहाबाद सहित नौ जिलों को गोद लिया है तो रिलायंस कैपिटल के पास मथुरा, कानपुर, जबलपुर और झांसी सहित कुल 19 जिले हैं। एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के एक अधिकारी ने बताया कि गोद लिए हुए जिलों में वित्तीय साक्षरता अभियान चलाने के साथ-साथ वितरक भी नियुक्त किए जा रहे हैं।
इन इलाकों में म्यूचुअल फंड की बिक्री में क्रमिक बढ़ोतरी हुई है। यूटीआइ म्यूचुअल फंड के एक अधिकारी ने बताया कि कस्बाई इलाकों के लोग एफडी जैसी स्कीमों की मांग करते हैं पर सेबी इसकी इजाजत नहीं देता। इसे देखते हुए वहां नियतकालिक फंड और कैपिटल प्रोटेक्शन फंड बेचे जा रहे हैं। यूटीआइ ने हरिद्वार, गया और जयपुर सहित 12 जिलों को गोद लिया है।
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