अमेरिकी कंपनियों के सामने मोदी रखेंगे नई सरकार का एजेंडा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान निवेश आकर्षित करने का कोई मौका नहीं छोड़ने वाले। इसके लिए नई सरकार के गठन के बाद देश में बदले माहौल को भुनाने की वह पूरी कोशिश करेंगे। यही वजह है कि मोदी अपनी यात्रा के दौरान ऐसी छह अमेरिकी कंपनियों के सीईओ से निजी मुलाकात करेंगे, जो भारत में अगले कुछ दिनों के भीतर बड़ा निवेश कर सकती हैं। यह बैठक 2
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान निवेश आकर्षित करने का कोई मौका नहीं छोड़ने वाले। इसके लिए नई सरकार के गठन के बाद देश में बदले माहौल को भुनाने की वह पूरी कोशिश करेंगे। यही वजह है कि मोदी अपनी यात्रा के दौरान ऐसी छह अमेरिकी कंपनियों के सीईओ से निजी मुलाकात करेंगे, जो भारत में अगले कुछ दिनों के भीतर बड़ा निवेश कर सकती हैं। यह बैठक 29 सितंबर को होगी। इनमें आइबीएम, जीई, केआरआर, बोइंग, ब्लैकरॉक और गोल्डमैनसैक्श शामिल हैं।
इसके अलावा मोदी इसी दिन 11 अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के एक समूह से अलग से भी मुलाकात करेंगे। इन कंपनियों के नाम का चयन काफी सोच विचार कर किया गया है। इनमें से कुछ कंपनियां ऐसी हैं जो भारत में पहले से ही काफी बड़ा निवेश कर चुकी हैं और आगे भी निवेश बढ़ाने की योजना बना रही हैं। जिन छह कंपनियों के सीईओ से मोदी मुलाकात करेंगे उनमें से तीन वित्तीय सलाहकार कंपनियां हैं। ये भारत में निवेश करने वाले विदेशी वित्तीय संस्थानों को प्रमुखता से सलाह देती हैं।
मोदी मास्टरकार्ड और सिटीग्रुप जैसी कंपनियों के सीईओ से भी समूह में मिलेंगे, जिनकी भूमिका भारत में बढ़नी तय है। इस बैठक में भारत में पहले ही घरेलू नाम बन चुकी पेप्सीको और गूगल जैसी कंपनी के सीईओ भी शामिल होंगे। साथ ही मेडिकल क्षेत्र की कंपनी हॉस्पीरा भी है जो भारत में बड़ा निवेश करने की इच्छा जता चुकी है। इनके अलावा कारगिल, मर्सिडीज बेंज, कैटरपिलर सरीखी कंपनियों के सीईओ भी सामूहिक बैठक में शामिल होंगे।
वित्तीय क्षेत्र की तीनों सलाहकार व निवेश कंपनियों-गोल्डमैनसैक्श, ब्लैकरॉक और केकेआर के सीईओ से मोदी व्यक्तिगत भेंट करेंगे। इन कंपनियों की सलाह पर अरबों डॉलर का निवेश इधर से उधर होता है। मोदी इन तीनों कंपनियों के सीईओ से भारत के बारे में उनके विचार सुनेंगे। साथ ही उन्हें सरकार की तरफ से उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी देंगे।
बोइंग : भारत का तेजी से बढ़ता विमानन उद्योग अमेरिकी विमान कंपनी बोइंग के लिए दुनिया का सबसे अहम बाजार बन गया है। अब यह दुनिया का सबसे बड़ा एविएशन हब बनने वाला है। यहां 500 हवाई जहाजों का बाजार बन सकता है। साथ ही भारत में सैन्य जहाजों की भी भारी मांग होगी। ऐसे में मोदी बोइंग के सीईओ जेम्स मेर्नेनी से उनकी भारत की भावी निवेश योजना पर बात कर सकते हैं।
आइबीएम : अमेरिकी कंप्यूटर हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर फर्म आईबीएम भारत में सबसे ज्यादा निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों में शामिल है। यह सबसे ज्यादा रोजगार देने वाली विदेशी कंपनी भी है। मोदी कंपनी की सीईओ गिनी रोमेटी से यह समझने की कोशिश करेंगे कि भारत उनकी भावी योजना में कहां फिट बैठता है।
जीई : जनरल इलेक्ट्रिक यानी जीई के लिए भारत का महत्व बढ़ता जा रहा है। कंपनी भारत में बड़ी मशीन की आपूर्ति करने से लेकर परमाणु रिएक्टर लगाने तक में पैर फैला रही है। भारत में स्वच्छ ऊर्जा को लेकर कंपनी खासी उत्साहित है। यह मोदी का भी पसंदीदा विषय है।
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