भारत में चीन से बड़े निवेश की उम्मीद
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अगले सप्ताह होने वाली भारत यात्रा के दौरान देश में बड़े निवेश की उम्मीद की जा रही है। इस दौरान चीन भारत के मैन्यूफैक्च¨रग क्षेत्र में औद्योगिक पार्क स्थापित करने का एलान कर सकता है। सरकार को उम्मीद है कि चीनी राष्ट्रपति की यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों की दिशा में बड़ा बदलाव ल
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अगले सप्ताह होने वाली भारत यात्रा के दौरान देश में बड़े निवेश की उम्मीद की जा रही है। इस दौरान चीन भारत के मैन्यूफैक्च¨रग क्षेत्र में औद्योगिक पार्क स्थापित करने का एलान कर सकता है। सरकार को उम्मीद है कि चीनी राष्ट्रपति की यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगी।
माना जा रहा है कि चीन गुजरात और महाराष्ट्र में पांच अरब डालर के निवेश से दो औद्योगिक पार्क स्थापित करने की घोषणा कर सकता है। अपने मंत्रालय के सौ दिन के कामकाज का ब्योरा देते हुए वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चीन के राष्ट्रपति की यह यात्रा दोनों देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के मौजूदा द्विपक्षीय व्यापार में भारत का घाटा काफी अधिक है। सरकार इसे लेकर चिंतित भी है। इसलिए चाहती है कि चीन भारतीय बाजार में अपने उत्पाद निर्यात करने के बजाय यहीं निर्माण करे। चीन में निर्माण और भारत में बिक्री हमारे देश के हित में नहीं है।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि जहां तक दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्तों का सवाल है भारत भी चीन के बाजार में अपने उत्पादों की पहुंच और ज्यादा बढ़ाना चाहता है। चीन के साथ कारोबारी रिश्तों को लेकर हो रही बातचीत में यह भी एक मुद्दा है। चिनफिंग की आगामी भारत यात्रा में भी इस मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है। चीन के प्रधानमंत्री 17 सितंबर को तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचेंगे। उनका यह दौरा अहमदाबाद से शुरू होगा।
दोनों देशों के बीच 2013-14 में 65.85 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ। इसमें भारत को 35 अरब डॉलर का व्यापार घाटा (आयात-निर्यात का अंतर) हुआ। इसके उलट चीन ने भारत में अप्रैल, 2000 से लेकर जून, 2014 के बीच सिर्फ 41 करोड़ डॉलर का निवेश भारत में किया है।
जल्द घोषित होगी विदेश व्यापार नीति
सरकार जल्द ही विदेश व्यापार नीति का एलान करेगी। वाणिज्य व उद्योग मंत्री ने कहा कि राजग सरकार की यह नीति पहले की नीतियों से एकदम अलग होगी। सरकार इसमें मैन्यूफैक्च¨रग क्षेत्र में लंबी अवधि के निवेश को प्रोत्साहन देगी।
इसके अलावा सरकार सेवाओं के निर्यात को भी प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए सेवाओं पर एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला आयोजित करने का फैसला भी लिया गया है। साथ ही विदेश व्यापार नीति में प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने संबंधी कदम उठाए जा सकते हैं।
अभी नहीं घटेगा सोने पर आयात शुल्क
सोने के घटे आयात से सरकार के चालू खाते के घाटे में आई कमी के बावजूद फिलहाल सोने के आयात शुल्क में कमी के आसार नहीं है। सीतारमण ने इस बारे में स्पष्ट कर दिया है। माना जा रहा है कि आयात शुल्क बढ़ाने के बाद सोने का आधिकारिक आयात तो घटा है। लेकिन इसकी तस्करी के मामलों में वृद्धि हुई है। इस मामले में वाणिज्य मंत्री ने कहा 'मैं यह नहीं कह सकती कि आयात शुल्क में वृद्धि की वजह से सोने की तस्करी बढ़ी है। लेकिन अभी आयात शुल्क घटाने का तत्काल कोई विचार नहीं है।'
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