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आर्थिक एकीकरण का सूत्रपात करेगा जीएसटी

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भारत में आर्थिक एकीकरण का सूत्रपात करेगा। शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह दावा किया। उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस पर हमला बोला। कहा कि संविधान संशोधन विधेयक को पारित होने का रास्ता रोक विपक्षी दल देश की प्रगति में अड़ंगा डाल रहा

By Murari sharanEdited By: Published: Sat, 09 May 2015 09:31 PM (IST)Updated: Sun, 10 May 2015 04:33 PM (IST)

मुंबई। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भारत में आर्थिक एकीकरण का सूत्रपात करेगा। शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह दावा किया। उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस पर हमला बोला। कहा कि संविधान संशोधन विधेयक को पारित होने का रास्ता रोक विपक्षी दल देश की प्रगति में अड़ंगा डाल रहा है।

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तीन सामाजिक सुरक्षा स्कीमों की यहां लांचिंग करते हुए जेटली बोले कि पूरा देश एक बाजार बन जाएगा और यह भारत का आर्थिक एकीकरण होगा। जो जीएसटी संविधान संशोधन बिल में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं, वे देश का भला नहीं चाहते हैं। केंद्र के एक्साइज ड्यूटी व सर्विस टैक्स और राज्यों के वैट, प्रवेश कर एवं चुंगी जैसे सभी अप्रत्यक्ष कर जीएसटी के अंतर्गत आ जाएंगे।

नई व्यवस्था के पक्ष में कई विपक्षी दल भी हैं। जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को पारित होने से रोकने के लिए उनके (कांग्रेस) पास संख्या बल नहीं हैं। जो जीएसटी के विरोध में हैं, वे संसद सत्र के विस्तार पर सवाल उठाते हुए इसे लटकाए रखने की नई रणनीति तैयार कर रहे हैं। जीएसटी के लागू होने से राज्यों को लाभ होगा।

समस्त भारत एक जैसा बाजार बन जाएगा, जहां वस्तुओं और सेवाओं का स्थानांतरण बिना रोकटोक हो सकेगा। इसकी मदद से तेज आर्थिक विकास को हासिल किया जा सकता है। भारत में सिर्फ सात-आठ फीसद नहीं, बल्कि दहाई में बढ़ने की क्षमता है।

जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक इस हफ्ते की शुरुआत में लोकसभा से पारित हो गया। अब यह राज्यसभा में लंबित है। राज्यसभा में राजग सरकार बहुमत में नहीं है। संविधान संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों से दो-तिहाई मत से पारित होने की जरूरत होती है।

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