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अब 31 अगस्त तक दाखिल करें आयकर रिटर्न, जारी हुआ नया फॉर्म

आखिरकार सरकार ने आयकर रिटर्न (आइटीआर) दाखिल करने के लिए तीन पेज का नया फॉर्म जारी कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने इस फॉर्म की अधिसूचना रविवार को जारी कर दी। अब रिटर्न दाखिल करते वक्त विदेशी यात्राओं और निष्क्रिय बैंक खातों का ब्योरा नहीं देना होगा। नया फॉर्म आने

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 31 May 2015 02:18 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2015 08:00 AM (IST)
अब 31 अगस्त तक दाखिल करें आयकर रिटर्न, जारी हुआ नया फॉर्म

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आखिरकार सरकार ने आयकर रिटर्न (आइटीआर) दाखिल करने के लिए तीन पेज का नया फॉर्म जारी कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने इस फॉर्म की अधिसूचना रविवार को जारी कर दी। अब रिटर्न दाखिल करते वक्त विदेशी यात्राओं और निष्क्रिय बैंक खातों का ब्योरा नहीं देना होगा। नया फॉर्म आने में हुई देरी के चलते सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख भी एक महीना बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है।

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वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आइटीआर-2 व आइटीआर-2ए केवल तीन पन्ने का होगा। अन्य ब्योरे अनुसूचियों के माध्यम से देने होंगे। नया आइटीआर-2ए फॉर्म ऐसे व्यक्ति या अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ) के लिए है जिन्हें कोई पूंजीगत लाभ, कारोबार या पेशेवर आय नहीं होती है और जिनके पास कोई विदेशी आय या संपत्ति नहीं है।

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इस बार आयकर रिटर्न दाखिल करने की सुविधा एक महीने के लिए बढ़ा दी गई है। वेतनभोगी कर्मचारियों या जिनकी कोई पेशेवर कारोबारी आय नहीं है उन्हें आइटीआर1 या आइटीआर 2 में रिटर्न हर साल 31 जुलाई तक भरना होता है। जहां तक विदेश यात्राओं का ब्योरा देने संबंधी विवादास्पद प्रावधान का सवाल है, तो वित्त मंत्रालय के मुताबिक अब करदाता को केवल अपना पासपोर्ट नंबर देना होगा। इसके अनुसार, 'विदेश यात्राओं के ब्योरे के संबंध में, अब प्रस्ताव किया गया है कि फॉर्म आइटीआर-2 व आइटीआर-2ए में केवल पासपोर्ट नंबर (अगर हो) देना होगा। विदेश यात्राओं व खर्च का ब्योरा देने की जरूरत नहीं होगी।

इसके साथ ही मंत्रालय ने उन निष्क्रिय बैंक खातों का विवरण देने की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी है जिनमें बीते तीन साल से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। यानी करदाता को वित्त वर्ष में अपने सक्रिय बचत बैंक खाते की संख्या व आइएफएस कोड देना होगा। इन खातों में राशि की जानकारी नहीं देनी होगी। इस फॉर्म के पहले प्रारूप का विरोध होने के बाद सरकार ने उसे वापस ले लिया था। इसके बाद ही मंत्रालय यह नया सरल रूप लेकर आया है।

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