छोटे कारोबारियों के लिए जीएसटी से छूट की सीमा बढ़ा सकती है सरकार
सरकार जीएसटी से छूट की सीमा बढ़ा सकती है। फिलहाल, मॉडल जीएसटी विधेयक में सालाना दस लाख रूपये तक का करोबार करनेवाले व्यापारी को बाहर रखा गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। छोटे कारोबारियों को राहत देने के इरादे से सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट की सीमा को बढ़ा सकती है। फिलहाल मॉडल जीएसटी विधेयक में सालाना 10 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों को जीएसटी के दायरे से रखने का प्रस्ताव किया गया है। माना जा रहा है कि विभिन्न पक्षों से सुझावों के आधार पर इसे बढ़ाया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार जीएसटी से छूट प्राप्त कारोबार की सीमा 10 से 25 लाख रुपये के बीच में तय कर सकती है। फिलहाल अलग-अलग राज्यों में मूल्यवर्धित कर (वैट) से छूट प्राप्त सालाना कारोबार की सीमा भिन्न-भिन्न है। अधिकतर राज्यों में सिर्फ पांच लाख रुपये तक के कारोबार को ही वैट से छूट प्राप्त है। वहीं पूर्वोत्तर के राज्यों तथा कुछ संघ शासित क्षेत्रों में तो यह सीमा और भी कम है। सेवा कर से छूट की सीमा भी 10 लाख रुपये है। ऐसे में सभी राज्यों की दलील है कि जीएसटी से छूट की सीमा 10 लाख रुपये ही रखी जाए। कारोबार इससे अधिक होने पर व्यापारी को जीएसटी के दायरे में लाया जाए।
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दूसरी ओर केंद्र का विचार है कि सालाना 25 लाख रुपये से कम के कारोबार को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए। सालाना कारोबार इससे अधिक होने पर ही जीएसटी के दायरे में आए। ऐसा होने पर बहुत से छोटे व्यवसाइयों को सहूलियत होगी। असल में जीएसटी को धरातल पर उतारने में जो प्रमुख चुनौतियां हैं, उनमें से एक अहम चुनौती यह भी है कि कितने कारोबार को जीएसटी से बाहर रखा जाए। ऐसे में जीएसटी को अमल में लाने के लिए आने वाले दिनों में केंद्र और राज्यों को इस मुद्दे पर बीच का रास्ता निकालना होगा।
राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति ने मॉडल जीएसटी विधेयक का जो मसौदा तैयार किया है उसमें भी मात्र 10 लाख रुपये सालाना कारोबार को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। केंद्र ने जून में यह मसौदा आम लोगों की टिप्पणी के लिए जारी किया था। बताया जाता है कि इस मसौदे पर सरकार को अब तक 40,000 से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके हैं और इनमें से बहुत से सुझाव जीएसटी से छूट की सीमा बढ़ाने के संबंध में ही है। ऐसे में जीएसटी से छूट की सीमा बढ़ायी जा सकती है।
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सरकार ने एक अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा है। इसके लागू होने पर केंद्र सरकार के केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, सेवा कर, अतिरिक्त सीमा शुल्क, विशेष अतिरिक्त सीमा शुल्क और राज्यों के वैट, मनोरंजन कर, केंद्रीय बिक्री कर, चुंगी और प्रवेश कर, क्रय कर, विलासिता कर और लॉटरी तथा सट्टेबाजी पर कर जैसे कई प्रकार के परोक्ष टैक्स समाप्त हो जाएंगे।