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मानसून में होगी धनवर्षा, जानिए- किसे होगा कितना फायदा

केंद्र सरकार ने संशोधनों के साथ सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें मंजूर कर ली। ये जनवरी से लागू होंगी।

By Anand RajEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 12:44 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 02:09 PM (IST)
मानसून में होगी धनवर्षा, जानिए- किसे होगा कितना फायदा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में मानसून पहली जुलाई को पहुंचने वाला है। इससे दो दिन पहले केंद्र सरकार ने अपने एक करोड़ कर्मचारियों के लिए धनवर्षा कर दी। सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को बुधवार को स्वीकार कर लिया। इससे केंद्र सरकार के 47 लाख कर्मियों के वेतन और लगभग 53 लाख पेंशनरों की पेंशन में 2.57 गुना की बढ़ोतरी होगी। बढ़ोतरी का यह फैसला पहली जनवरी, 2016 से लागू होगा।

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सरकार ने कहा है कि हर तरह के बकाया राशि की अदायगी दिसंबर, 2016 तक कर दी जाएगी। इस फैसले का पूरी अर्थव्यवस्था पर बहुआयामी असर पड़ने की संभावना है क्योंकि केंद्र सरकार पर सालाना 1,02,100 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के फैसलों के बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि जनवरी से मार्च, 2016 तक के बकाये भत्ते के भुगतान के तौर पर 12 हजार करोड़ रुपये का बोझ सरकार पर आएगा। इस तरह से चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार पर 1,14,000 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। लेकिन इससे वित्तीय संतुलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि बजटीय गणना में इसका समायोजन पहले ही किया जा चुका है।

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उन्होंने बताया कि वेतन आयोग ने न्यूनतम वेतन में 2.57 गुना बढ़ोतरी की जो सिफारिश की थी, उसे स्वीकार कर लिया गया है। आयोग की अधिकांश सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है। लेकिन दो मुद्दों पर अलग से समितियां गठित की गई हैं।इनमें से एक समिति वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद विभिन्न पदों और विभिन्न वर्गो के कर्मचारियों के वेतनमान में जो विसंगतियां आती हैं, उन्हें दूर करने पर सिफारिश देगी।

एक अन्य समिति नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) को और आकर्षक बनाने पर सुझाव देने के लिए गठित की गई है। सरकार ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को एनपीएस देना चाहती है इसलिए इसे और बेहतर बनाने की जरूरत महसूस कर रही है। उन्होंने इस बात के भी साफ संकेत दिए कि अभी जितने तरह के भत्ते मिल रहे हैं, उन्हें अब ज्यादा दिनों तक जारी नहीं रखा जा सकता।

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वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति सरकारी भत्तों को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए बनाई गई है। अभी 196 तरह के भत्ते लागू हैं। लेकिन वेतन आयोग ने इनमें से 53 को खत्म करने की सिफारिश की है। हालांकि भत्तों पर समिति का फैसला आने तक मौजूदा भत्ते आदि लागू रहेंगे। जेटली ने बताया कि निजी और सरकारी क्षेत्र के बीच वेतनमान में बढ़ रहे अंतर को खत्म करना जरूरी है ताकि बेहतर प्रतिभाओं को सरकारी नौकरियों की तरफ आकर्षित किया जा सके।

सरकार ने पहले सेना के लोगों के लिए ओआरओपी लागू कर और अब न्यायाधीश एके माथुर की अध्यक्षता में गठित सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर सरकारी नौकरियों के आकर्षण को बनाए रखने की कोशिश की है।

बताते चलें कि इस फैसले से जिन एक करोड़ केंद्रीय कर्मियों और पेंशनरों को फायदा होगा, उनमें सेना में काम करने वाले 14 लाख जवान और अधिकारी और भारतीय सेना से सेवानिवृत्त 16 लाख पेंशन भोगी भी शामिल हैं।

इस तरह मिलेगा वेतन-पेंशन -

प्रभावी: 1 जनवरी, 2016 से

इजाफा: कर्मियों और पेंशनरों के मूल वेतन और पेंशन में 2.57 गुना बढ़ोतरी।

बढ़कर कितना होगा:-

सात हजार का न्यूनतम मूल वेतन होगा 18 हजार रुपये

90 हजार रुपये का अधिकतम मूल वेतन होगा 2.5 लाख रुपये

क्लास 1 अधिकारियों का शुरुआती वेतन 56,100 रुपये

एरियर:

एक जनवरी, 2016 से जून, 2016 तक का इसी साल मिलेगा।

अभी तय नहीं कि एकमुश्त मिलेगा या किस्तों में।

भत्तों का क्या होगा:

वेतन आयोग ने 196 में से 53 भत्तों को खत्म करने की सिफारिश की है। इसका यूनियनों ने विरोध किया था। इसलिए सचिवों की समिति को विचार के लिए सौंपा। इसकी रिपोर्ट के बाद अंतिम निर्णय। - कमेटी की सिफारिशें आने तक मौजूदा भत्ते जारी रहेंगे।

वन रैंक वन पेंशन:

केंद्रीय कर्मियों के लिए भी इस तरह की सिफारिश को सरकार ने सिद्धांत रूप में स्वीकार कर लिया है। लेकिन इसे लागू करने के तौर-तरीके का फैसला वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति करेगी।

ग्रुप इंश्योरेंस:

इसके लिए वेतन से डेढ़ हजार से पांच हजार की कटौती की आयोग की सिफारिश नहीं मानी।

सालाना भत्ता बढ़ोतरी: 3 फीसद जारी।

हाउस बिल्डिंग लोन: 7.5 लाख से बढ़ाकर 25 लाख

ब्याज मुक्त एडवांस:

मेडिकल चिकित्सा, ट्रैवल अलाउंस और एलटीसी के लिए यह जारी रहेगी।

ये सुविधाएं खत्म:

ब्याज रहित ऑटो और कार लोन।

ग्रैच्युटी:

इसकी राशि 10 लाख रुपये से बढ़ा कर 20 लाख रुपये।

सेवा के दौरान मृत्यु होने पर आश्रितों को मिलने वाली 10 से 20 लाख रुपये की मौजूदा सीमा बढ़ाकर 25 से 45 लाख रुपये ।

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