किंगफिशर, आइडीबीआइ बैंक की सीबीआइ जांच
केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआइ] ने आइडीबीआइ बैंक से किंगफिशर एयरलाइंस को मिले 950 करोड़ रुपये के कर्ज के मामले में प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। जांच एजेंसी मानती है कि यह कर्ज कंपनी की क्रेडिट रेटिंग और हैसियत को नजरंदाज कर दिया गया। यह मामला ऐसे समय सामने आया है, जब भूषण स्टील और प्रकाश इंडस्ट्री
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआइ] ने आइडीबीआइ बैंक से किंगफिशर एयरलाइंस को मिले 950 करोड़ रुपये के कर्ज के मामले में प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। जांच एजेंसी मानती है कि यह कर्ज कंपनी की क्रेडिट रेटिंग और हैसियत को नजरंदाज कर दिया गया। यह मामला ऐसे समय सामने आया है, जब भूषण स्टील और प्रकाश इंडस्ट्रीज के खिलाफ मामला दर्ज कर सीबीआइ ने सिंडिकेट बैंक के सीएमडी को गिरफ्तार किया है। इन दोनों कंपनियों पर सीएमडी को घूस देने का आरोप है।
सूत्रों ने बताया है कि आइडीबीआइ बैंक कर्ज तले दबी एयरलाइंस को और लोन देने के संबंध में ठोस जवाब नहीं दे सका है। भारतीय स्टेट बैंक [एसबीआइ] सहित 17 बैंकों के समूह का किंगफिशर पर सात हजार करोड़ से ऊपर बकाया है। विजय माल्या के नेतृत्व वाले यूबी समूह की इस एयरलाइंस ने अक्टूबर 2012 से परिचालन बंद कर दिए।
जांच से जुड़े एक वरिष्ठ सीबीआइ अधिकारी ने बताया कि बैंकों के समूह से अलग हटकर एयरलाइंस को और कर्ज देने के बैंक के निर्णय का कोई औचित्य नहीं बनता था। किंगफिशर एयरलाइंस के प्रबंधन और बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से मामले में जल्द पूछताछ हो सकती है। यूबी समूह के कॉरपोरेट कम्यूनिकेशंस के वाइस प्रेसीडेंट प्रकाश मीरपुरी ने इस संबंध में कोई सूचना मिलने से इन्कार किया है।
सूत्रों की मानें तो एजेंसी ने फंसे कर्जो के संबंध में 27 मामले दर्ज किए हैं। ये सभी सरकारी बैंकों की ओर से विभिन्न कॉरपोरेट हाउसों को दिए गए कर्ज से संबंधित हैं। सिंडिकेट बैंक में गोरखधंधे का मामला इन्हीं में एक है।
एसबीआइ की चेयरमैन अरुंधती भट्टाचार्य कह चुकी हैं कि किंगफिशर एयरलाइंस से वसूली की प्रक्रिया जारी है। लेकिन, इसमें कानूनी अड़चनें हैं। उन्होंने दावा किया था कि बैंक एयरलाइंस के शेयरों की बिक्री कर 350 से 400 करोड़ रुपये के बीच वसूल सकता है। इस साल अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने जानबूझकर डिफॉल्ट करने वालों [विलफुल डिफॉल्टरों] की एक सूची जारी की थी। इसमें किंगफिशर एयरलाइंस का नाम सबसे ऊपर था। संघ के अनुसार सरकारी बैंकों में सितंबर, 2013 तक एनपीए का स्तर 2.36 लाख करोड़ तक पहुंच गया था।
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