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केंद्र से मिले धन के मन मुताबिक इस्तेमाल की छूट

चुनाव से पहले राज्यों को मन मुताबिक खर्च की सहूलियत देने के लिए केंद्र ने अपने खजाने में नया गलियारा दे दिया है। अब राज्य केंद्रीय योजनाओं के लिए मिलने वाले धन का कुछ हिस्सा अपने राजनीतिक नफा-नुकसान को देखते हुए इस्तेमाल कर सकेंगे।

By Edited By: Published: Wed, 08 Jan 2014 10:33 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2014 10:33 PM (IST)

नई दिल्ली, नितिन प्रधान। चुनाव से पहले राज्यों को मन मुताबिक खर्च की सहूलियत देने के लिए केंद्र ने अपने खजाने में नया गलियारा दे दिया है। अब राज्य केंद्रीय योजनाओं के लिए मिलने वाले धन का कुछ हिस्सा अपने राजनीतिक नफा-नुकसान को देखते हुए इस्तेमाल कर सकेंगे। केंद्र ने इसके जरिये खासतौर से कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ज्यादा लोकलुभावन कदम उठाने के लिए इमदाद मुहैया करा दी है।

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सरकार ने केंद्रीय मदद वाली स्कीमों के लिए राज्यों को जारी होने वाली वित्तीय मदद में से दस फीसद राशि का इस्तेमाल अपने हिसाब से करने की छूट दे दी है। वित्त मंत्रालय ने इस आशय का आदेश भी जारी कर दिया है। फ्लेक्सी फंड के नाम से प्रचलित इस सहूलियत का इस्तेमाल राज्य सरकारें अपने विवेकाधिकार के मुताबिक कर सकेंगी। हालांकि यह सुविधा मनरेगा जैसे कानून के जरिये बनी स्कीम और पूरी तरह फ्लेक्सी फंड पर आधारित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए मिलने वाले धन पर नहीं मिलेगी।

राज्यों की ओर से केंद्रीय मदद वाली स्कीमों में मिलने वाले धन के इस्तेमाल में इस तरह की छूट की लंबे समय से मांग की जाती रही है। लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया था। अब जब लोकसभा चुनाव सिर पर हैं, सरकार ने यह फैसला कर राज्यों को बड़ी राहत दी है। लेकिन चुनाव से पहले लिए गए इस फैसले के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। देश में करीब एक दर्जन राज्यों में कांग्रेस या उसके समर्थन से सरकारें चल रही हैं। चुनाव से पहले धन के इस्तेमाल में यह छूट इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बड़ी सहूलियत देगी।

छह जनवरी को जारी इस आदेश में कहा गया है कि राज्य स्थानीय जरूरतों और स्कीम से संबंधित आवश्यकताओं को देखते हुए केंद्र पोषित स्कीम के लिए मिलने वाली राशि का दस फीसद अन्यत्र भी इस्तेमाल कर सकेंगे। अब बजट में इन सभी स्कीमों के तहत जारी होने वाली राशि के दस फीसद हिस्से को उन स्कीमों को संचालित करने वाले मंत्रालय को ही फ्लेक्सी फंड के तौर पर रखना होगा। योजना व्यय मंजूर होने के बाद मंत्रालयों को सभी राज्यों को इस राशि के बारे में सूचित करना होगा। यह राशि तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर जारी की जा सकेगी।

राज्यों को भी इस राशि का इस्तेमाल करते वक्त ध्यान रखना होगा कि यह उस स्कीम के उद्देश्यों को पूरा करने वाले क्षेत्रों या कार्यो पर ही खर्च हो। यानी जिस क्षेत्र की स्कीम के तहत फंड जारी हुआ है फ्लेक्सी फंड भी उसी क्षेत्र पर खर्च हो। इसका इस्तेमाल किसी अन्य क्षेत्र के लिए नहीं किया जा सकेगा।


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