15 अगस्त को कई और देश भी हुए थे आजाद
पंद्रह अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। आजादी के लिए यह दिन ही क्यों चुना गया, इसकी कई वजहें रहीं। वैसे संयोग की बात करें तो इतिहास में यह दिन काफी महत्वपूर्ण रहा है...
-पंद्रह अगस्त 1872 को महान स्वतंत्रता सेनानी और विचारक महर्षि अरबिंदो घोष का जन्म हुआ था।
- पंद्रह अगस्त 1772 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने विभिन्न जिलों में अलग सिविल और आपराधिक अदालतों के गठन का फैसला लिया था।
- पंद्रह अगस्त भारत के अलावा तीन अन्य देशों का भी स्वतंत्रता दिवस है।
- दक्षिण कोरिया जापान से 15 अगस्त, 1945 को आजाद हुआ। ब्रिटेन से बहरीन को 15 अगस्त, 1971 को आजादी मिली थी और फ्रांस ने कांगो को 15 अगस्त, 1960 को स्वतंत्र घोषित किया था।
- वर्ष 1947 की शुरुआत में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने यह निर्धारित किया था कि भारत को जून 1948 से पहले स्वतंत्र कर दिया जाएगा, लेकिन महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन के चलते अंग्रेजी हुकूमत को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उन्होंने देश को जल्द आजाद कर दिया।
- भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के प्रेस सचिव कैम्पबेल जॉनसन के मुताबिक मित्र देश की सेना के सामने जापान के समर्पण की दूसरी वर्षगांठ 15 अगस्त को पड़ रही थी। इसी दिन भारत को आजाद करने का फैसला हुआ।
- भारत के स्वाधीनता आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया था, लेकिन जब देश को 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली तो वे इसके जश्न में शामिल नहीं हुए।
- महात्मा गांधी आजादी के दिन दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर बंगाल के नोआखली में थे, जहां वे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन पर थे।
- जब तय हो गया कि भारत 15 अगस्त को आजाद होगा तो जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने महात्मा गांधी को खत भेजा। इस खत में लिखा था-15 अगस्त हमारा पहला स्वाधीनता दिवस होगा। आप राष्ट्रपिता हैं, इसमें शामिल हों अपना आशीर्वाद दें।
- गांधी ने इस खत का जवाब भिजवाया-जब कलकत्ते में हिंदू-मुस्लिम एक दूसरे की जान ले रहे हैं, ऐसे में मैं जश्न मनाने के लिए कैसे आ सकता हूं। मैं दंगा रोकने के लिए अपनी जान दे दूंगा।
- 15 अगस्त, 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन ने अपने दफ्तर में काम किया। दोपहर को नेहरू ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल की सूची सौंपी और बाद में इंडिया गेट के पास प्रिसेंज गार्डेन में एक सभा को संबोधित किया।
- हर स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं, लेकिन 15 अगस्त, 1947 को ऐसा नहीं हुआ था। नेहरू ने 16 अगस्त, 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था।
- जवाहर लाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण 'ट्रिस्ट विद डेस्टनी- 14 अगस्त की मध्यरात्रि को वायसराय लॉज (मौजूदा राष्ट्रपति भवन) से दिया था। तब नेहरू प्रधानमंत्री नहीं बने थे। इस भाषण को पूरी दुनिया ने सुना, लेकिन गांधी उस दिन नौ बजे ही सोने चले गए थे।
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