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मुंबई में भी बढ़ा प्रदूषण का स्तर चौंकाने वाला, काले हुए कृत्रिम फेफड़े

दिल्ली बेंगलुरु और लखनऊ की तरह मुंबई में भी प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए कृत्रिम फेफड़े लगाये गये थे जो एक सप्ताह में ही काले हो गये।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 12:07 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 12:07 PM (IST)
मुंबई में भी बढ़ा प्रदूषण का स्तर चौंकाने वाला,  काले हुए कृत्रिम फेफड़े
मुंबई में भी बढ़ा प्रदूषण का स्तर चौंकाने वाला, काले हुए कृत्रिम फेफड़े

मुंबई, एजेंसी। पूरे देश में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचता जा रहा है। दिल्ली के बाद अब देश की आर्थिक राजधानी मुंबई भी इससे अछूती नहीं रही यहां भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली, बेंगलुरु और लखनऊ की तरह मुंबई में भी लोगों को प्रदूषण के प्रति जागरुक करने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा बांद्रा में लगाए गये कृत्रिम फेफड़े मात्र छह दिन में ही काले पड़ गये। इससे यहां बढ़ रहे प्रदूषण का अंदाजा लगाया जा सकता है।  

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ये कृत्रिम फेफड़े बीते गुरुवार को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में लगवाये गये थे। हाइ-एफिशिएंसी पार्टिक्युलेट एयर फिल्टर के बनाए गए ये फेफड़े मात्र तीन दिन में ही प्रदूषण के कारण मटमैले रंग के हो गये थे और मंगलवार तक इनका रंग एक दम काला हो गया। बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 340 पार कर गया था। मुंबई का कर्मिशियल हब कहे जाने वाले इस इलाके में एयर क्वालिटी का 300 पार कर जाना वाकई चिंता का विषय है। 

मिली जानकारी के अनुसार मुंबई की सड़कों पर बढ़ रहे प्रदूषण का कारण निजी वाहनों को बताया जा रहा है। लगभग 3 लाख निजी कारों का प्रतिदिन बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में आवागमन होता है। जिसका सीधा असर वायु प्रदूषण पर पड़ रहा है। वहीं भवन निर्माण से संबंधित कार्यो के कारण भी प्रदूषण में इजाफा हो रहा है। 

पिछले दिनों पेड़ों को बचाने के लिए आरे में हुए प्रदर्शन से ये समझा जा सकता है कि बात मात्र तीन हजार पेड़ों की नहीं है बल्कि इस बात पर जोर देने की है कि मुंबई में हरियाली बढ़ायी जाये जिससे प्रदूषण पर लगाम लगायी जा सके। 

गौरतलब है कि लोगों को प्रदूषण से हो रहे नुकसान के प्रति जागरुक करने के लिए मुंबई से पहले दिल्ली, बेंगलुरु और लखनऊ में भी इसी तरह के कृत्रिम फेफड़े लगाये गये थे। लखनऊ के लालबाग में लगाये गये कृत्रिम फेफड़े मात्र 24 घंटे में ही काले पड़ गये थे। बता दें की दिल्ली में नवंबर में इसी तरह के कृत्रिम फेफड़े लगाये गये थे जो छह दिन में काले पड़ गये थे, जबकि बेंगलुरु में ये फेफड़े 25 दिन तक भी काले नहीं पड़े थे। 

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