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    बदलते समर कोर्सेस

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    Updated: Wed, 04 Apr 2012 12:00 AM (IST)

    समर वेकेशन्स का आगाज होने को है। अगर इन छुट्टियों को फायदेमंद बनाना चाहते हैं तो देश-विदेश में संबंधित कोर्स के काफी विकल्प हैं, जहां आप खेल-खेल में पढ़ाई करने के साथ ही नई जगह में नए लोगों और विभिन्न संस्कृतियों से अवगत हो सकते हैं। मगर कै से? बता रहे हैं हम..

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    न किताबों का बोझ, न होमवर्क का झंझट, न टीचर की डांट-डपट। गर्मी, लू-लपट के ये महीने कामकाजी लोगों के माथे पर भले ही पसीना ला देते हों, लेकिन स्टूडेंट्स के लिए तो ये साल में एक बार आने वाला त्योहार होता है। गर्मी की छुट्टियां, नाम से ही शरीर में हरकत आ जाती है। दिल में पुराने दिनों की खट्टी मीठी यादें एकाएक दस्तक देने लगती हैं। नानी, मौसी के यहां बिताई कई?गर्मियों के बेफिक्र , हुल्लडपने से भरे पल दिल को अजीब सकून देने लग जाते हैं। हालांकि, आज के बदले परिवेश में काफी विकल्प होने से युवाओं की सोच और रुचि में काफी परिवर्तन आए हैं। आज का युवा बार-बार किसी एक जगह न जाकर नई जगह व नए काम की तलाश करता है, जहां उसे डिफरेंट कल्चर से डिफरेंट एक्सपीरियंस मिले। वह उस काम को करना चाहता है, जहां वह अपनी रुचि और हॉबी को वरीयता दे। इसमें पैरेंट्स भी उनके साथ होते हैं। वे सपने को नई उडान देने के लिए देश ही नहीं विदेश भी जाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

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    मॉडर्न समर कैम्प

    खेल-खेल में बच्चे अक्सर कठिन से कठिन चीजों को भी आसानी से सीख लेते हैं, जबकि इसके उलट क्लास के बोझिल उबाऊ माहौल में उन्हें साधारण चीजों को भी जानने में समय लगता है। यही सिद्धांत मॉडर्न समर कैंप्स के पीछे है। यहां परीक्षा के उपरांत छात्रों को उनकी रुचि वाले उन क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है, जिन पर स्कूल के दिनों में फोकस करना शायद उतना आसान नहीं होता। इससे बच्चों के समय का तो सदुपयोग होता ही है, कॅरियर की नई-नई राहें भी खुलती हैं। उदाहरण के लिए अगर स्टूडेंट्स विदेश में समर कोर्स करते हैं, तो हमारे कल्चर से अलग उन्हें अलग अनुभूति होती है। वहां से आने के बाद सोच व्यापक हो जाती है और आगे बढने का जज्बा, कम्युनिकेशन स्किल भी काफी बढ जाती है।

    कामयाबी का रोडमैप

    आज का युवा कुछ अलग करना चाहता है। वह न केवल पढाई बल्कि खेल, म्यूजिक जैसे क्षेत्रों में भी बेहतर करने की काबिलियत को निखारना चाहता है। यही कारण है कि गर्मी की छुट्टियों में समर कैंप्स कॉन्सेप्ट लोकप्रिय हो रहा है। ये आज सही मायने में बच्चों में छिपी प्रतिभा को बाहर लाने का जरिया बन रहे हैं। वैसे भी आज के दौर में जब पैशन और प्रोफेशन के बीच की लकीर लगातार धुंधला रही हो, ये कैंप्स बच्चों के भविष्य को खुशनुमा रंगत दे रहे हैं। वहां बिना किसी दबाव के एक अलग माहौल और कुछ करने का जुनून अपने आप होता है। अगर आप किसी खास क्षेत्र में कुछ विशेष करना चाहते हैं या अपनी कमजोरियों को विशेष ट्रेनिंग के तहत स्ट्रॉन्ग बनाना चाहते हैं, तो यह कैंप्स कम समय की ट्रेनिंग में ही भविष्य में कामयाबी का रोडमैप बन सकते हैं।

    पढाई+इंज्वॉयमेंट= कॅरियर

    देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले छात्र अपना खाली समय कैसे बिताते हैं, यह अक्सर शोध का विषय रहा है। देखा गया है?कि उन जगहों पर जहां विद्यार्थी स्कूल के बाद खाली समय में किताबें पढना, ड्राइंग या फिर कुछ अन्य रचनात्मक कार्य करना पंसद करते हैं, उनके लिए कॅरियर स्कोप बडे हो जाते हैं। इसके इतर टीवी, वीडियो गेम्स, नेट सर्फिग में समय बिताने वाले बच्चों में क्रिएटिविटी खोने का भय रहता है। इन्हें ध्यान में रखते हुए समर कैंप्स में चलने वाले कोर्सो को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बच्चों, किशारों को तमाम तरह के विकल्प मिलें। इन कोर्सो के अंतर्गत वे एक ही कैंप में अलग-अलग सेशन में अपने इंट्रेस्ट वाले क्षेत्र में हाथ आजमा सकते हैं। यही नहीं, इसमें बच्चों के पास वीकेंड क्लासेस की भी च्वाइस होती है, जहां वे डांस, म्यूजिक, ड्रामा, स्पीकिंग, राइटिंग, पेटिंग, कंप्यूटर से संबधित टॉपिक जैसे एनीमेशन, प्रोग्रामिंग सीख सकते हैं, वो भी बेहद कम फीस में। कहने का आशय यह है कि यदि आप इन छुट्टियों का सदुपयोग करना चाहते हैं, तो आपके पास विकल्पों की कमी नहीं है। आप कोर्स के बहाने खेल-खेल में पढाई या स्किल डेवलपमेंट से संबंधित कोर्स कर सकते हैं।

    प्ला¨नग ऑफ समर वेकेशन

    बच्चे ऊर्जा का श्चोत होते हैं। यदि उन्हें ध्यान में रखकर समर वेकेशन प्लान की जाए तो उन्हें इसका फायदा मिलना तय है.

    बच्चे अपने आस-पास के माहौल से बहुत कुछ सीखते हैं और इस माहौल से मिले अनुभव पूरी जिंदगी उनके काम आते हैं। बच्चों के अनुभवों में कुछ कीमती नगीने जोडना चाहते हैं, तो ये वेबसाइट्स मददगार हो सकती हैं।

    empowercamp.com

    इम्पॉवर एक्टिविटी कैंप उन बच्चों के लिए एक बडा तोहफा है, जो स्वभाव से ऐडवेंचरस हैं। यहां उनक ो रिवर राफ्टिंग से लेकर विलेज टूर, ट्रैकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग जैसी चीजों का अनुभव मिलता है। इसमें चलने वालेदो दिवसीय वीकेंड प्रोगाम आपके बच्चे के लिए लाइफ टाइम एक्सपीरिंयस बन सकते हैं।

    trecknraft.com

    समर वेकेशन पर कहां जाएं, यह अक्सर गार्जियंस के लिए बडा सवाल होता है। यह पोर्टल इस समस्या का हल है। इस पोर्टल की मदद से आप ऑनलाइन फॉर्म भर मनचाही जगह की एडवंास बुकिंग करा सकते हैं। यदि आप इंटरनेट फ्रेंडली हैं, तो आप सही योजना बना सकते हैं।

    indiavacationpackages.co

    रोज के रुटीन से ऊब चुके बच्चे गर्मियों में बाहर घूमना पंसद करते हैं। उनके इस उबाऊ रुटीन में टूर ऑपरेटर मस्ती का रंग भर रहे हैं। आज देश के कई टूर ऑपेरटर्स खास तौर पर बच्चों के लिए थीम बेस्ड एडवेंचरस टूर पैकेज ऑफर करते हैं। इनमें बच्चा प्रकृति की गोद में अपनी छुट्टियां इंज्वाय कर सकता है।

    himadventures.net

    कल्पना करें कि गर्मियों में पहाड की वादियां, वो भी बहुत कुछ नया सीखने की च्वाइस के साथ। इससे बेहतर क्या हो सकता है। इस गर्मी की छुट्टी में बच्चों के लिए कुछ अलग प्लान कर रहे लोगों को इस पोर्टल पर काफी कुछ मिल सकता है।

    खेल-खेल में Learning

    समर वेकेशन इन दिनों स्टूडेंट्स के लिए अवसर बन रहे हैं। देश और विदेश के कई?संस्थान इन अवसरों को नई रंगत से नवाज रहे हैं. गर्मियों की आने वाली छुट्यिां ऐसा ही समय है। इस वक्त का यदि बच्चे सही इस्तेमाल करें तो वे बडे ही आराम से कई फील्ड्स में मास्टरी हासिल कर सकते हैं। उनके इस काम को आसान बनाने में समर कैंप्स का हालिया ट्रैंड काफी प्रभावी साबित हो रहा है।

    फिनिशिंग स्कूल- फिनिशिंग स्कूल कॉन्सेप्ट

    भारत के लिए भले ही नया हो, लेकिन विदेशों में इसकी शुरुआत काफी पहले ही हो चुकी थी। फिनिशिंग स्कूल मूलत: स्कूल व प्रोफेशनल कॉलेज के बीच की कडी होते हैं। इसमें अलग-अलग स्ट्रीम से आए छात्रों को वोकेशनल ट्रेनिंग देकर जॉब के लायक बनाया जाता है। गौरतलब है कि आज भी देश में हायर सेकेंडरी लेवल पर व्यवहारिक ट्रेनिंग का स्तर बेहतर नहीं है। अधिकांश छात्र कक्षाएं तो पार करते जाते हैं लेकिन जॉब के लायक नहीं बन पाते हैं। ऐसे में इन फिनिशिंग स्कूल की अहमयित और बढ जाती है। 11वीं और 12वीं के बाद कॅरियर की मंजिल तलाश रहे छात्र छुट्टियों में फिनिशिंग स्कूल का सहारा ले सकते हैं।

    राष्ट्रीय बाल भवन- ग्रीष्मावकाश की अवधि में छात्रों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण की महत्ता सरकार भी समझती है। राष्ट्रीय बाल भवन के जरिए सरकार अपनी इसी मंशा को परवान चढा रही है। यहां समाज के निचले व आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के छात्रों को वरीयता दी जाती है। संस्थान में प्रवेश पाने वाले छात्रों को बेहद कम फीस में वोकेशनल ट्रेनिंग का मौका मिलता है। राष्ट्रीय बाल भवन में चलने वाले प्रोग्राम अमूमन मई के प्रथम सप्ताह में शुरू होते हैं।

    इंडिया हैबीटेट सेंटर

    समर कैपिंग में इंडिया हैबीटेट सेंटर का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। यह हर साल तरह-तरह की समर वर्कशॉप की मेजबानी करता है। सेंटर में न केवल जॉब ओरिएंटेड बल्कि अनेक मनोरंजक वर्कशॉप/एक्टिविटीज का आयोजन होता है। खास बात है कि अलग-अलग क्षेत्रों की कई नामी शख्सियतें भी बतौर मार्गदर्शक यहां आती रहती हैं। म्यूजिक, डांस जैसे परंपरागत प्रोग्रामों के अलावा यहां कैलीग्राफी, मास्क मेकिंग, ग्लासपेटिंग, स्टोरी टेलिंग, पब्लिक स्पीकिंग ,इलेस्ट्रेशन, क्रिएटिव राइटिंग, सोशल अंडरस्टैंडिंग जैसी चीजें भी सिखाई? जाती हैं। इन वर्कशॉप्स में 5 से 18 साल की आयु वाले बच्चे/किशोर भाग ले सकते हैं। इसी तरह एनएसडी और त्रिवेणी कला संगम में भी कई तरह के समर वर्कशॉप होती हैं।

    साइंस उत्सव

    देश में साइंस टेक्नोलॉजी का हब कहा जाने वाला बेंगलुरु गर्मियों में स्टूडेंट्स का टॉप डेस्टिनेशन बन जाता है। इसका कारण है?यहां चलने वाले समर प्रोग्राम। इनमें साइंस उत्सव अपने आप में खास है। यहां पर 8 से 14 साल के बच्चों को दैनिक जीवन में काम आने वाली चीजों के जरिए विज्ञान के मजेदार प्रयोग सिखाए जाते हैं।इनसे बच्चों में सहज वैज्ञानिक बुद्धि का विकास तो होता ही है, साइंस में रुचि भी जगाती है।

    टॉप यूनिवर्सिटी टॉप समर कैंप्स

    अगर विदेश में कुछ सप्ताह या महीना रहकर समर कोर्स करना चाहते हैं, तो प्राय: सभी देशों में इस तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। औसतन खर्च ढाई लाख रुपये के आसपास होता है। अधिकतर समर कोर्स में लैग्वेज प्रमुख होते हैं। इसके अलावा लिटरेचर, क्रिएटिव राइटिंग आदि भी प्रमुख होते हैं।

    लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स

    कोर्स-अकांउट, फाइनेंस, लॉ, इकोनॉमिक्स, कोर्स अवधि-सेशन एक-2 से 20 जुलाई2012, सेशन 2, 23 जुलाई से 10 अगस्त

    कैम्ब्रिज विवि

    कोर्स-लिटरेचर, एंशियंट एंपायर, सांइस हिस्ट्री, मिडएवल हिस्ट्री, कोर्स अवधि-9 जुलाई से 15 सितंबर

    ऑक्सफोर्ड रॉयल एकेडमी

    हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, फॉरेन लैंग्वेज, एस्ट्रोनॉमी, क्रिएटिव राइटिंग, जर्नलिज्म आदि, अवधि-25 जून से 10 अगस्त

    सिंगापुर नेशनल यूनिवर्सिटी

    आईसीयू समर कोर्स इन जैपनीज, कोर्स-लैग्वेंज क्लासेस एंड कल्चरल प्रोग्राम, कोर्स अवधि- 4 अगस्त से 15 अगस्त

    जर्मन लैंग्वेज स्कूल, बर्लिन, कोर्स-बर्लिन कॉलेज, बर्लिन विला, बर्लिन रीवर, साइड, बर्लिन वाटर साइड, बर्लिन यंग एंड फन

    दि रियल ट्रांसफॉर्मर

    प्रतिभा हर बच्चे में होती है जरूरत है तो बस उसे ग्रूम करने की। समर वेकेशन इस मामले में एक बढिया अवसर है..

    हर बच्चा अपने आप में यूनिक होता है। उसके अंदर मौजूद खास क्वालिटीज उसे दूसरों से अलग बनाती हैं। ऐसे में उसकी प्रतिभा की दूसरे से तुलना ठीक नहीं होगी। समर कैंप्स में बच्चों में छिपी ऐसे ही प्रतिभा को अलग-अलग प्रोग्राम्स के जरिए उकेरा व संजोया जाता है।

    टेक कोर्सेस

    आने वाला दौर डिजिटल टेक्नोलॉजी का युग होगा। यदि आगे रहना है तो जरूरी है कि बच्चे शुरू से ही इसके हर बदलाव से परिचित हों। इस माहौल में अगर बच्चा आईटी की ओर झुकाव दिखाता है, तो बेहतर होगा कि उसे समर कैंप में चलने वाले टेक कोर्सेस में दाखिला दिलाएं। वहां वह ग्राफिक डिजाइन, वेब डिजाइन, एनीमेशन, प्रोग्रामिंग सीख सकता है वो भी बडे ही मनोरंजक अंदाज में।

    टैलेंट ओरिएंटेड

    कई स्टूडेंट्स अपनी पढाई के दौरान म्यूजिक, सिंगिंग, डांसिंग आदि में ज्यादा रुचि लेने के कारण अक्सर पैरेंट्स के गुस्से का शिकार होते हैं। पर गर्मी की इन छुट्टियों में उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं। वे समर कैंप्स में अपनी इन रुचियों का पूरा लुत्फ ले सकते हैं। आज इन कैंप्स में संचालित हो रहे टैलेंट ओरिएंटेड प्रोग्राम उनक क्षमताओं में चार चांद लगा रहे हैं।

    स्पो‌र्ट्स

    ज्यादातर बच्चे खेलों में रुचि रखते हैं। लेकिन पढाई के बोझ के चलते वे इसका पूरा मजा नहीं ले पाते। ऐसे बच्चों के लिए समर कैंप्स मन मांगी मुराद जैसे होते हैं। इन कैंप्स में सबसे ज्यादा संख्या में बच्चे इसी सेशन में देखे जाते हैं। यहां विशेषज्ञों द्वारा बच्चों को क्रि केट, फुटबॉल, टेनिस, स्विमिंग, राइडिंग, ट्रैकिंग से संबधित कोचिंग दी जाती हैं। देखा गया है कि ये समर कैंप्स बच्चों की लाइफ में टर्निग प्वांइट साबित होते हैं।

    सोशल स्किल्स व सेल्फ डेवलेपमेंट

    कामयाबी के लिए केवल एकेडमिक्स के भरोसे रहना ही काफी नहीं रह गया है, बल्कि इसके साथ सोशल स्किल्स यानि लोगों के साथ बेहतर इंटरेक्शन, पर्सनैलिटी, पब्लिक स्पीकिंग भी अहम है। यही कारण है कि इन दिनों समर क्लासेस में इनसे संबधित कोर्सो का महत्व बढ रहा है। इसके अंतर्गत बच्चों को उठने-बैठने से लेकर, सामान्य बोलचाल, श्रोताओं के सामने बोलने का भी प्रशिक्षण दिया जाता है।

    फॉरेन लैंग्वेज

    विदेशी भाषा को लेकर देश में बडा के्रज देखा जाता है। कारण इन कोर्सो के जरिए मिलने वाली सीधी जॉब ऑपच्र्युनिटी। यदि कोई इन भाषाओं की बारीकियों से उम्र केपहले ही पडाव में रुबरू हो जाए तो इस क्षेत्र में उसका भविष्य कितना बेहतर होगा। इन्हीं सबको देखते हुए देश में चलने वाले समर कैप्स में फॉरेन लैंग्वेज कोर्सो को भी शामिल किया गया है। यहां फ्रेंच, जर्मन, जापानी, रशियन, इंग्लिश जैसी भाषाओं के प्रति स्टूडेंट्स में खास आकर्षण देखा गया है।

    स्प्रिचुअलिटी कैंप्स

    आज की तेज रफ्तार जिंदगी में आध्यात्म एक प्रमुख जरूरत बनकर उभरा है। विशेषज्ञों के अनुसार, ध्यान, योगा से संबंधित छोटे-छोटे प्रयोग मानसिक एक ाग्रता में सहायक होते हैं। ऐसे में कई समर कैंप्स बच्चों में कॉन्सेनट्रेशन बढाने वाले मेडीटेशनल एक्टिविटीज, आर्ट ऑफ लिविंग जैसे प्रोग्राम चलाते हैं। बच्चे ही नहीं उनके पैरेट्स भी इन कोर्सो का ायदा उठा सकते हैं।

    जेआरसी टीम