Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Signal Of Success - CSAT

    By Edited By:
    Updated: Wed, 22 Feb 2012 12:00 AM (IST)

    सिविल सेवा एक कॅरियर मात्र ही नहीं बल्कि अवसर है। इसमें वो ताकत है जो आपक ी सोच को नियम की शक्ल दिलाने में ज्यादा वक्त नहीं लेती। ऐसे में आप चाहें तो इस सोच को देश की बेहतरी का कारण बना सकते हैं..

    Hero Image

    प्रशासन एक ऐसा ढांचा हैजो प्रगति के पहियों में रफ्तार का ईंधन भरता है

    डॉ. जिम बोरेन (पूर्व अमेरिकी ब्यूरोके्रट)

    चमत्कार और उपलब्धि दोनों ही शब्द जीवन में मिली सफलता को दर्शाते हैं। लेकिन दोनों में एक फर्क होता है। चमत्कार का अर्थ है कि वह जो आपको मिल रहा है, वह संयोगवश आपके पक्ष में हुआ। जबकि उपलब्धि का अर्थहैआपको जो कामयाबी मिली है, आप पूरी तरह उसके योग्य हैं। माना जाता है कि कॅरियर क ी राहों में दोनों की अपनी अलग अहमियत है। परेशानी तब शुरू होती है, जब हम चमत्कार को उपलब्धि पर अहमियत देने लगते हैं। ऐसे में बात जब भारतीय सिविल सेवा की हो, तब दोनों में साफ फर्क करना जरूरी हो जाता है। क्योंकि भारतीय सिविल सेवा युवा क्षमता को परखने का एक ऐसा मंच है, जिसमें चमत्कार की कोई गुंजाइश नहीं होती। कामयाबी उसी को हासिल होती है, जो यहां सबसे आगे रहने की जिद पाले क्षमताओं की आखिरी हद तक जाकर संघर्ष करने का दम रखता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खुद की पहचान से है क्रेज

    आईएएस परीक्षा एक ऐसा ही माध्यम है,जो आपको अलग पहचान बनाने के साथ देश में परिवर्तनों का वाहक बनने का अवसर भी देती है। शायद यही कारण है कि सालों बाद आज भी आईएएस परीक्षा का क्रेज बरकरार है। प्राइवेट सेक्टर की चकाचौंध, बेहतर सैलरी के सैकडों विकल्पों के बीच आज भी इस क्षेत्र का रुतबा कुछ ऐसा हैकि हर साल लाखों छात्र यहां खुद को आजमाते हैं। वे विफल हों या सफल, यह अलग मुद्दा हैलेकिन परीक्षा में उनकी वृहत हिस्सेदारी सिविल सर्विस के महत्व को बयां करने के लिए काफी है। स्वयं भारतीय संविधान, आदर्श प्रशासन की संकल्पना में इनके महत्व को रेखांकित करते हुए देश की पोर-पोर में व्यवस्था बहाली की कुंजी प्रशासनिक अधिकारियों को देता है। विकास की कोई भी परियोजना हो, जनकल्याण का कैसा भी मसौदा हो, प्राकृतिक आपदा के कितने भी कठिन क्षण हों, पहली प्रतिक्रिया प्रशासन की ओर से ही आती है। ऐसे में कहा जाए कि देश के विकास के ककहरे की शुरुआत सक्षम प्रशासन से होती है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।

    फेरबदल का एक साल

    हाल ही में एक समारोह में टाटा समूह के नवनियुक्त प्रमुख साइरस मिस्त्री की चर्चा चलने पर रतन टाटा का कहना था कि मैं साइरस के काम करने के तरीके, बुद्धिमत्ता, उनके तीक्ष्ण ऑब्जर्वेशन व विनम्रता जैसे गुणों से प्रभावित रहा हूं।यह कथन अपने उत्तराधिकारी के सम्मान में कसीदे पढना भर नहीं बल्कि देश भर के युवाओं के लिए एक नसीहत भी थी। यह ठीक है कि देश में आज बहुत से युवा होगे, जो साइरस की तरह हाई प्रोफाइल स्कूली शिक्षा व बडी-बडी विदेशी डिग्रियों से लैस होंगे, लेकिन ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए केवल इतना भर काफी नहीं है। विनम्रता, काम करने का अंदाज, नजरिया भी आज कामयाबी को उम्मीदों का दामन दे रही है। आईएएस प्रारभिक परीक्षा में आए बदलाव युवा उम्मीदवारों की योग्यता को इसी नए ढंग से देखे जाने का परिणाम है। पिछले साल सिविल सेवा परीक्षा (प्रांरभिक) प्रश्न पत्र में बडे बदलावों का गवाह बना। इस बदले फॉर्मेट में परीक्षार्थियों को अपनी तैयारियों का खाका नए सिरे से खींचना पडा। कुछ के लिए यह फायदेमेंद रहा तो कुछ के लिए परेशानी का सबब। इन सबके बीच एक बार फिर आईएएस परीक्षा का समय नजदीक आ चुका है। नए पैटर्न में यह परीक्षा का दूसरा साल है। अब चूंकि यह परीक्षा एक बार हो चुकी है, कैंडिडेट्स के पास पिछले साल के बरक्स अपनी तैयारी आंकने का अब ज्यादा बेहतर मौका है। देखना होगा कि एक साल के दरम्यान कैंडिडेट्स ने परीक्षा, तैयारी, मूल्यांकन क े लिहाज से क्यासबक लिए हैं।

    क्या होगा परीक्षा का स्वरूप

    4 फरवरी को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार सीसैट परीक्षा 20 मई को संपन्न होगी। फॉर्म भरने की अंतिम तारीख 5 मार्च है। इस बार केवल ऑनलाइन फॉर्म ही स्वीकृत होंगे। आनलाइन एप्लीकेशन के लिए आपको 666.4श्च2ङ्घश्रल्ल्रल्ली.ल्ल्रङ्घ.्रल्ल पर जाना होगा। परीक्षा में पिछली बार की ही तरह इस बार भी 2 घंटे समयावधि के 200-200 अंकों के दो प्रश्नपत्र होंगे। पहला पेपर जीएस व दूसरा पेपर एप्टीट्यूड का होगा। निगेटिव मार्किग का प्रावधान है। प्रारंभिक परीक्षा के बाद मुख्य परीक्षा होगी, जो सब्जेक्टिव होगी। इसमें उत्तीर्ण होने वाले स्टूडेंट्स का इंटरव्यू होगा। मेरिट मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के अंक को जोडकर बनाई जाएगी।

    समय का रखें ख्याल

    सीसैट पेपर हल करते वक्त समय का खास ध्यान रखें। सेकेंड पेपर में कॉम्प्रीहेंसन व कैलकुलेशन बेस्ड कई क्वेश्चन पूछे जाते हैं, जिनमें ज्यादा वक्त लगता है। इसलिए पेपर में समय प्रबंधन को नजरंदाज न करें। बेहतर होगा कि पहले ही समय लगनेवाले प्रश्नों को एक जगह कर लें और उसका अधिक से अधिक अभ्यास करें।

    डॉ. राजीव मिश्रा, प्रबंध निदेशक

    (कौटिल्या स्टडी सर्किल, कानपुर)

    विषय पर पकड देगी ख्वाबों को धार

    आईएएस का सिलेबस बेशक बडा है लेकिन सही स्ट्रेटेजी, विषय के सिलसिलेवार व नियमित अध्ययन के बल पर आप यहां विजेता बनकर उभर सकते हैं..

    भारतीय इतिहास व राष्ट्रीय आंदोलन

    जीएस के पिछले सालों के पेपर्सपर नजर डालें तो इसमें आधुनिक भारत व स्वतंत्रता आंदोलन से जुडे प्रश्नों की बहुतायत रही है। इसलिए जीएस पर कमांड के लिए अहम है कि मॉडर्न हिस्ट्री पर पकड बनाईजाए। इसके शुरुआती अध्ययन हेतु10वीं, 11वीं, 12वीं की एनसीईआरटी बुक्स का सहारा लें। गहन के अध्ययन के लिए सुमित सरकार, विपिन चंद्रा, जागरण वार्षिकी, स्पेक्ट्रम, ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ इंडिया पुस्तकें उल्लेखनीय हैं।

    इंडियन पॉलिटी एंड गवर्नेस - इस सेक्शन को भी प्रश्न पत्र में खास वेटेज मिलता रहा है। इसकेअंतर्गत राज्य व्यवस्था, पंचायती राज्य, संविधान, जन नीतियों से जुडे प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें बेहतर अंक के लिए एनसीईआरटी की किताबों के साथ सुभाष कश्यप (अवर कॉन्सटीट्यूशन), डीडी बसु (कॉन्सटीट्यूशन ऑफ इंडिया) लक्ष्मीकांत (इंडियन पॉलिटी), किताबें मददगार हो सकती हैं।

    जनरल साइंस - इस पेपर में ज्यादातर बायोलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री के साथ भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम, नोबेल विजेता वैज्ञानिकों के रिसर्च से जुडे सवाल जगह पाते हैं। इनमें बेहतर मा‌र्क्स के लिए हिंदू के साइंस सप्लीमेंट, विजार्ड के स्पेशल सप्लीमेंट फॉर साइंस का अध्ययन अनुशंसित है। इसके अलावा आप चाहें तो विकीपीडिया की भी मदद ले सकते हैं।

    इकोनॉमिक एंड सोशल डेवलपमेंट - प्रश्नपत्र के इस हिस्से को तैयारी के लिहाज से नजरंदाज नहीं किया जा सकता। अच्छे अंक लाने के लिए बजट, इकोनॉमिक सर्वे, सोशल सेक्टर स्पेडिंग, डब्लूटीओ टर्मनेलॉजी, स्टॉक मार्केट, फॉरेन इंवेस्टमेंट सरकारी नीतियों से संबधित प्रश्नों का अध्ययन करें। योजना, कुरुक्षेत्र,दत्त व सुंदरम की इकोनॉमी जागरण वार्षिकी, इकोनॉमिक सर्वे, बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार आपकी राह सुगम बना सकते हैं।

    भारत व विश्व का भूगोल - जीएस के लिए ज्योग्रॉफ ी सेक्शन हमेशा ही खास रहा है। ज्योग्राफी में प्रमुख नदियां, पर्वत, देशों की स्थिति, पत्तन, वायुमार्ग, फिजिकल ज्योग्राफी के प्रश्नो की संख्या ज्यादा रहती है। अध्ययन के लिहाज से जीसी लिओंग की सर्टिफिकेट फिजिकल एंड चूमन ज्याोग्राफी, जागरण वार्षिकी को वरीयता दें।

    करेंट अफेयर्स - एक राष्ट्रीय स्तर के अखबार के संपादकीय का गहन व नियमित अध्ययन इस प्रभाग से पार पाने का सबसे पुख्ता जरिया है। इस दौरान जोश मंथली का नियमित अध्ययन जरूरी है।

    एप्टीटयूड पेपर की कैसे करें तैयारी

    कॉम्प्रीहेंशन - इस सेक्शन में भाषा पर आपकी पकड देखी जाती है। कॅाम्प्रीहेंसन हिंदी व इंग्लिश दोनों में ही पूछे जाते हैं। यदि आप नियमित हिंदी व इंग्लिश अखबारों का अध्ययन करते हैं तो पैसेज सॉल्व करना आसान हो जाएगा। विशेषज्ञों का मानना हैकि पैसेज हल करने के पूर्व उसे दो से तीन बार पढें, उसकी वोक्योबुलरी समझें। पूरे पैसेज को कथानक के रूप में दिमाग में बैठाने की कोशिश करें। अध्ययन के लिए हाईस्कूल स्तर क ी किताबों पर फोकस से बात बन सकती है।

    इंटरपर्सनल स्किल्स - कैंडिडेट्स की क म्यूनिकेशन क्षमताओं को परखने के लिए इंटरपर्सनल स्किल्स उपयोगी होती हैं। वैसे इन्हें ज्यादातर इंटरव्यू व जीडी में ही परखा जाता है। लेकिन प्रश्नपत्र प्रारूप में फिल इन द ब्लैंक्स, सिनोनिम्स, एंटोनिम्स, एनालॉग, जंबल पैराग्राफ, वर्ड सब्सीट्यूशन के रूप में आती हैं। इस तरह के प्रश्नों का अभ्यास आप कभी भी कर सकते हैं।

    लॉजिकल रीजनिंग एंड एनालिटिकल एबिलिटी - इसके अंतर्गत भविष्य के प्रशासकों की व्यवहारिक क्षमता का आकलन होता है। यही कारण है कि इसमें पूछे जाने प्रश्नों का दायरा कैट, बैंक पीओ एग्जाम से थोडा अलग है। इस पार्ट में अच्छे अंक लाने के लिए ब्लड रिलेशनशिप, सिटिंग अरेंजमेंट, कोडिंग, डिकोडिंग पर खास ध्यान दें। तैयारी में आरएस अग्रवाल, टाटा मैग्रा एंड हिल व अन्य प्रतियोगी किताबें लाभप्रद साबित हो सकती हैं।

    डिसीजन मेकिं ग, प्रॉब्लम सॉल्विंग - दी गई सूचनाओं या स्थिति केआधार पर कैंडिडेंट्स की मानसिक तत्परता जानने में इस सेक्शन की भूमिका खास है। यहां आपक ो एप्लीकेशन बेस्ड क्वेश्चन हल करने होते हैं। अमूमन इन सवालो में आपको एक खास परिस्थिति में सही निर्णय लेने की चुनौती होती है, जिसके जवाब में व्यक्तिगत विविधता पाईजा सकती है।

    बेसिक न्यूमेरेसी (साधारण अंकगणित) - इस सेक्शन में कैंडिडेट्स की सामान्य गणितीय क्षमताओं की परख होती है। इसमें नंबर सिस्टम, एवरेज, टाइम व डिस्टेंस, प्रॉफिट एंड लॉस से संबधित प्रश्न आते हैं। डेटा इंटरप्रेटेशन के लिए ग्राफ ,चार्ट, टेबुल्स, बार डॉयग्राम के प्रश्नों पर जोर दें तो अच्छा होगा।

    जनरल मेंटल एबिलिटी - इस प्रभाग में उम्मीदवार से सामान्य मानसिक क्षमता प्रदर्शन की अपेक्षा की जाती है। इसमें एज, रिलेशन, सेट्स, डाइस (पांसा),डायरेक्शन, वेन आरेख, बेसिक कांउटिंग के सवालों पर ज्यादा ध्यान दें। इन सवालों को बेहतर एक्यूरेसी व टाइमिंग के बल पर हल किया जा सकता है। पुराने सैंपल पेपर्स को ज्यादा से ज्यादा हल करें।

    हमने कैसे किया

    सफलता कडी मेहनत और लगन के साथ-साथ विशेष रणनीतियों पर भी निर्भर करती है। यहां हम पहली बार सीसैट में सफल छात्रों के अनुभव और सीक्रेट्स के बारे में बता रहे हैं..

    पुराने सेट्स की करें प्रैक्टिस

    सीसैट पैटर्न में प्रश्नों को कु छ ऐसा स्वरूप दिया गया हैकि प्रैक्टिस ही जीत की इबारत लिखेगी। इसलिए बेहतर होगा कि तैयारी के लिए ज्यादा से ज्यादा मॉडल पेपर्स हल करें। इनको हल करने में आपको अपनी क्षमताओं के साथ अपनी टाइमिंग व एक्यूरेसी का पता चल सकेगा। आप चाहें तो इंटरनेट पर उपलब्ध सैंपल पेपर्स की भी सहायता ले सकते हैं।

    विनीत, सीसैट,आईएएस प्री क्वालीफायर

    स्टडी मैटीरियल चयन में रखें सावधानी

    आईएएस परीक्षा के अलग-अलग विषयों में स्टडी मैटीरियल की कमी नहीं है। देखा गया है कि किताबों की अधिकता में छात्र अध्ययन के मूल बिंदुओं से भटक जाते हैं। कैंडिडेट्स तैयारी को ज्यादा धार देने के लिए गिनी चुनी लेकिन अच्छे लेखकों की स्तरीयपुस्तकों का चयन करें। ये स्तरीय पुस्तकें बडे व उलझाऊ सिलेबस में कॉम्पैक्ट स्टडी के लिए आवश्यक हैं।

    अजीत कुमार यादव, आईएएस में चयनित

    सेलेक्टिव अध्ययन जरूरी

    नए पैटर्न के आ जाने से छात्रों की परेशानी कम हुई है, पहले जहां विषय पर पकड बनाने में ही कैंडिडेट्स की बडी ऊर्जा खप जाती थी तो अब एप्टीट्यूड टेस्ट में सेलेक्टिव अध्ययन से ही अच्छे परिणाम की उम्मीद है। वैसे भी सेकेंड पेपर में पूछी जाने वाली ज्यादातर चीजें सभी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। गंभीर प्रतियोगी के लिए आईएएस प्रिलिम्स का तिलिस्म सुलझाना अब आसान हुआ है।

    चंदन, आईएएस प्री क्वालीफायर

    csat - समग्र समझ और आत्मविश्वास की जांच

    बदलते परिवेश में लोकसेवाओं को हिट और फिट बनाए रखने के लिए यह जरूरी था कि नई सदी में उनके चेहरे और चरित्र में समयानुकूल परिवर्तन किया जाए। रटना वैसे भी इसके बूते के बाहर है। इसलिए बेहतर यही था कि सिविल सर्विस परीक्षा को बदला जाए। इसी के मद्देनजर सरकार ने अलघ कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार किया और संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में वर्ष 2010 में वैकल्पिक विषय समाप्त हो गया। इस साल से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने भी ऐसा ही निर्णय लिया है। समाप्त किए गए वैकल्पिक विषय के स्थान पर सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट (सी-सैट) का पेपर शामिल किया गया है। सीसैट परीक्षा में पिछले वर्ष कॉम्प्रीहेंशन या विस्तारीकरण, दी हुई परिस्थिति में निर्णय निर्माण, छात्र की संप्रेषण कला, अंतरवैयक्तिक क्षमता, तार्किक और विश्लेषण करने की योग्यता, सामान्य बौद्धिक योग्यता के प्रश्न पूछे गए थे। इस साल उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सीसैट का जो सिलेबस जारी किया है, उसमें हाईस्कूल स्तर तक की अंग्रेजी, हिंदी और गणित भी शामिल की गई है। गणित में स्पष्ट किया गया है कि अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति और त्रिकोणमिति पर प्रश्न पूछे जाएंगे। जहां तक यूपीएससी सी-सैट का प्रश्न है उसमें पिछले साल के पेपर में गणित के इन चार भागों पर ज्यादा जोर नहीं था। कुल मिलाकर जीवन में लिए गए समग्र ज्ञान की समझ, उसका अनुप्रयोग और आत्मविश्वास की जांच है सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट।

    भाषा पर पकड का मतलब सफलता

    पिछली बार सीसैट के पेपर में कुल 80 प्रश्न पूछे गए थे। इनमें 37 प्रश्न कॉम्प्रीहेंसन के थे। 28 हिंदी और 9 अंग्रेजी कॉम्प्रीहेंसन के। पारिभाषिक शब्दावली की कम जानकारी की वजह से छात्र परेशान हुए। कुंजीपटल न समझने वाले छात्र भी की-बोर्ड या की-स्टोन शब्द का अर्थ समझते हैं। पर कुंजीपटल शब्द की जानकारी न होने से एक उत्तर गलत हो गया। इसलिए भाषा पर कमांड हासिल होते ही सीसैट की आधी मुसीबत हल हो जाती है। पीसीएस 2009 का साक्षात्कार देकर आईएएस 2011 के परिणाम का इंतजार कर रहे विनीत सिंह कहते हैं कि हिंदी माध्यम के छात्रों को अंग्रेजी में थोडी मेहनत करनी होगी। पिछली बार चूंकि आयोग ने केवल डिसिजन मेकिंग से 8 प्रश्न पूछे थे लेकिन इस बार इसके बढने की संभावना है।

    प्रस्तुति: अखिलेश त्रिवेदी

    जेआरसी टीम