न्यू इयर बने सक्सेस इयर
हर व्यक्ति पुरानी गलतियों व संदेहों को छोड़कर नई शुरुआत इस उम्मीद के साथ आरंभ करता है कि नया वर्ष नई उम्मीदें और नए अवसर लेकर आता है। आइए जानते हैं कि कॅरियर की दृष्टि से 2012 में किस सेक्टर की रहेगी धूम और कौन से सेक्टर आपके लिए रहेंगे महत्वपूर्ण..

जीवन के किसी भी क्षेत्र में कामयाबी अर्जित करने के लिए हमें कठोर विल पावर की दरकार होती है। कॅरियर भी इसमें अपवाद नहीं है। विशेषज्ञ मानते हैं कि कॅरियर ऑप्शन चाहें कोई भी क्यों न हो, उसमें सफलता पाना मुश्किल नहीं है, बशर्ते चुनौतियों पर नजर रखते हुए लगातार कोशिशें की जाएं। ऐसी ही चुनौती देता हुआ एक और नया साल हमारे सामने है, जिसके चैलेंज को यदि हम सफलतापूर्वक पार कर सके तो बेशकन्यू इयर हमारे कॅरियर का सक्सेस इयर बन सकता है। चुनौतियों, निश्चयों की तमाम सक्सेस स्टोरी के बीच हम उम्मीदों भरा 2012 आपके सामने पेश कर रहे हैं, वह भी टॉप 12 राइजिंग कॅरियर ऑपशन्स के साथ। आशा है कि आने वाले कल की तेज आर्थिक रफ्तार के साथ ये कॅरियर, कदम ताल करते नजर आएंगे।
इंजीनियरिंग कायम रहेगा जलवा
इंजीनियरिंग एक ऐसा सेक्टर है, जो देश के विकास में भागीदार होता है। इधर पिछले कुछ सालों में देश के आधारभूत ढांचे की ओर बढे सरकारी रूझान के चलते इस क्षेत्र में कॅरियर ऑप्शन्स बढे हैं। समझा जा सकता हैकि जब तक देश में विकास का चक्का घूमता रहेगा, इस क्षेत्र में जॉब की संभावनाएं भी बनी रहेंगी। पिछले दिनों सीआईआई द्वारा आयोजित एक इंजीनियरिंग सम्मिट में सीआईआई-केपीएमजी सर्वे में यही बात उभरकर आईकि आने वाले सालों में देश केटॉप इंजीनियरिंग जायंट, बडी संख्या में युवाओं को अवसर देंगे। इन सभी तथ्यों से यह बात साफहो ही जाती है कि साल 2012 भी इंजीनियरिंग, कॅरियर के लिहाज से टॉप पर रहेगा। अगर आपकी रुचि इस सेक्टर में है, तो आप यहां सुनहरे भविष्य का ब्लूप्रिंट खींच सकते हैं।
बैंकिंग कॅरियर की बैकबोन
देखा गया हैकि पिछले 2-3 सालों में बैंकिग सेक्टर, सरकारी क्षेत्र के सबसे बडे जॉब प्रोवाइडर के तौर पर उभरा हैं। अब तो बडी संख्या मे होने वाली भर्ती प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सीडब्लूई यानि कॉमन रिटेन एग्जाम का प्रावधान रखा गया है, जिसके अंतर्गत देश की 19 राष्ट्रीयकृ त बैंक एक कॉमन एग्जाम के जरिए कैंडीडेट्स का चयन कर रही हैं, यही नहीं क्रेडिट कार्ड, कंज्यूमर लोन, म्यूचुअल फंड, गोल्ड, फॉरेन एक्सचेंज के क्षेत्र में बढे काम के चलते इस साल भी बैंकि गक्षेत्र में नौकरियों की कमी नहीं रहने वाली।
मेडिकल अवसरों का जहां
कॅरियर विशेषज्ञ मानते है कि हर साल की ही तरह इस साल भी मेडिकल व हैल्थ केयर सेक्टर छात्रों की टॉप प्रियोरेटी में होगा। इंवेस्टमेंट कमीशन ऑफ इंडिया के सर्वे से इन उम्मीदों को और बल मिलता है। इसके अनुसार देश में यह सेक्टर 12 फीसदी की दर से बढेगा, जिसके 2020 तक 280 बिलियन डॉलर के करीब पहुंचने का अनुमान है। उस पर देश में सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं, मेडिकल टूरिज्म का बढता स्कोप भी इस क्षेत्र का दायरा विस्तृत कर रहा है। ऐसे में अनुमान हैकि मेडिकल व हेल्थ केयर सेक्टर आने वाले वर्षमें भी हॉट रहकर अवसरों का पिटारा खोलेंगे।
शिक्षा बदलाव से भरा होगा दौर
कॅरियर के जिस एक क्षेत्र पर साल 2011 ने सबसे ज्यादा प्रभाव डाला, वह रहा शिक्षा का। गौरतलब हैकि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत आने वाले सालों में सरकारें देश में12 लाख नए शिक्षकों की नियुक्ति करेंगी। यही नहीं इस दौरान यदि सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की संस्तुतियां स्वीकृति हुईं तो 2012 में इस क्षेत्र की और उजली तस्वीर देखने को मिल सकती है।
आईटी कम नहीं है अवसर
देश में पिछले दो दशकों में आईटी सेक्टर ने जो रफ्तार पकडी है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि इस वर्ष भी यह नौकरियों के मामले में युवाओं के लिए हॉट केक रहेगा। नैसकॉम के एक सर्वे के मुताबिक, आने वाले साल में आईटी सेक्टर की टॉप कंपनियां करीब 2.5 लाख युवा प्रोफेशनल्स को हायर करेंगी, साथ ही बीपीओ, केपीओ सेक्टर भी इस समयावधि में 19 फीसदी की दर से आगे बढेंगे। इन आंकडों के बीच यदि 2012 में आप अपने कॅरियर को आईटी के सहारे परवाज देने की सोच रहे हैं तो आप सही राह पर हैं।
मैनेजमेंट आने वाले दौर में भी भरोसेमंद
मैनेजमेंट का क्षेत्र बहुत व्यापक है। बिजिनेस मैनेजमेंट से लेकर होटल, टूरिज्म, हैल्थ, इवेंट जैसे न जाने कितने सेक्टर्स मे आज कंपनियां एमबीए कैडीडेंट्स पर दांव लगा रही हैं। आज आपकी कंपनी का नेचर ऑफ वर्कचाहे जैसा भी हो, प्रभावी मैनेजमेंट का कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में मैनेजमेंट, इस वर्ष भी कॅरियर का पसंदीदा विकल्प रहेगा व एमबीए पास आउट युवाओं के सामने जॉब्स की कमी नहीं रहने वाली।
रिटेल बनेगा जॉब का एपीसेंटर
देश का विशाल कंज्यूमर मार्केट आज देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। कैबिनेट द्वारा पिछले दिनों देशी कंज्यूमर मार्केट में एफडीआईकी सीमा बढाने से शुरू बहस को इसी पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है। आकंडों की भाषा में बात करें तो आज रिटेल देश की कुल जीडीपी में 15 फीसदी हिस्सेदारी रखता है व इसका कुल बाजार 450 बिलियन डॉलर है। केवल यही नहीं देश का एफएमसीजी बाजार भी आज10 फीसदी कंपाउड ग्रोथ से 21 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की ओर है । अनुमान हैकि यह रफ्तार भारत को 2025 तक दुनिया का तीसरा सबसे बडा कंज्यूमर मार्केट बना देगी।
डिफेंस कॅरियर की सिक्योरिटी
26/11 के बाद देश बाच् व आतंरिक सुरक्षा दोनों ही मोर्च पर कोताही बरतने के मूड में नहीं है। एक ओर जहां सीमाओं को मजबूत बनाने के लिए युवाओं को रिक्रूट किया जा रहा हैं, तो अंदरूनी हालात सामान्य रखने के लिए भी पुलिस, अर्धसैनिक बलों की आधुनिकीकरण प्रक्रिया जारी है। सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि देश की सामरिक स्थिति, पडोसी देशों की आक्रामक गतिविधियां, उनके न्यूक्लियर स्टेटस के कारण अपनी सुरक्षा चाकचौंबद रखना आज हमारी जरूरत नहीं मजबूरी है। इन मजबूरियों के बीच डिफेंस सेक्टर, जुनूनी युवाओं के लिए अवसरों का सेफ जोन बन रहा है।
जर्नलिज्म कॅरियर में जज्बे की छाप
आज स्थिति यह हैकि पत्रकारिता, देश के सबसे इमर्जिग कॅरियर्स में गिना जाता है। यहां प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, वेब, रेडियो जैसे बहुत से माध्यम हैं, जिसमें युवा, अवसर तलाश सकते हैं। वहीं तेजी से लॉन्च होते टीवी चैनल, एफएम, पत्र-पत्रिकाओं, वेब पोर्टल भी आने वाले साल में युवाओं को कॅरियर का ग्लैमरस प्लेटफॉर्म देते रहेंगे। जिस तरह रोज कहीं न कहीं चैनल्स या अखबार लॉन्च हो रहे हैं, इसे देखकर कहा जा सकता है कि साल 2012 में भी जर्नलिज्म में अवसरों की भरमार रहेगी।
एग्रीकल्चर कॅरियर की उर्वर जमीन
भारत जैसे देश में जहां एग्रीकल्चर, इकोनॉमी का दूसरा नाम माना जाता हो, वहां इस सेक्टर को कॅरियर लिस्ट से कैसे दरकिनार कर सकते हैं। यदि आप कृषि की विविधतापूर्ण गतिविधियों में हिस्सा लेकर इसकी प्रॉफिट सेंट्रिक जमीन पर पैर जमा सकते हैं। उस पर बढे सरकारी रूझान, बढती सब्सिडी के चलते वे सभी लोग जो नए वर्षमें यहां कॅरियर की उपजाऊ जमीन तलाश कर रहे हैं, फायदे में रहेंगे।
रिसर्च एंड डेवलेपमेंट कॅरियर का ब्रेकथ्रू
आर्थिक तरक्की व रिसर्च डेवलेपमेंट एक दूसरे के पूरक होते हैं। यही कारण है कि आज भारत सरकार यूनिवर्सिटी से लेकर प्रोफेशनल स्तर तक रिसर्च एंड डेवलेपमेंट को बढावा दे रही है। इसका असर भी साफदिखाईदे रहा है। नैसकॉम के एक अध्ययन के मुताबिक, भारत ग्लोबल इंजीनियरिंग रिसर्च एंड डेवलेपमेंट व डिजाइन के क्षेत्र में इस समय दुनिया में टॉप पोजीशन पर है। माना भी जा रहा है कि 2020 तक इस सेक्टर से संबधित मार्केट 40-45 बिलियन डॉलर के आसपास पहुंच जाएगा। ऐसे में यदि आप नए साल में इस हाई पोटेंशियल सेक्टर का रूख करते हैं तो कॅरियर के तेज ग्रोथ की पूरी उम्मीद है।
अकाउंटिंग अकाउंट का रहेगा जोर
यह ऐसा क्षेत्र है, जिसमें नौकरियां काफी संख्या में रहती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार आनेवाले वर्ष में भी इसमें नौकरियां काफी संख्या में रहेंगी। इस क्षेत्र की सबसे बडी खासियत यह है कि इसमें सभी तरह की नौकरियां सभी तरह के डिग्री वालों के लिए उपलब्ध रहती हैं। जिस तरह कंपनियां अपने विस्तार में लगी हैं और नई-नई कंपनियां भारत में दस्तक दे रहीे हैं, उससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस तरह के प्रोफेशनल्स की आनेवाले समय में काफी मांग रहेगी। इसके अलावा देश की इकोनॉमी को बढत दिलाने में इस सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान है। सरकारी के अलावा प्राइवेट संस्थानों के सालाना आडिट में इनकी बडी भूमिका है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि यह साल युवाओं के लिए नौकरी की दृष्टि से जोरदार होने जा रहा है।
एंटरप्रेन्योरशिप का बढेगा जलवा
आजकल के युवा किसी के अधीन नौकरी करने की अपेक्षा खुद बॉस बनकर दूसरों को नौकरी दे रहे हैं। इस वर्ष इस तरह के लोगों की संख्या बढने की उम्मीद है..
बदलते माहौल में युवाओं की सोच में काफी परिवर्तन आ गया है। आज का युवा अच्छी सैलरी, बेहतरीन लाइफस्टाइल को छोड खुद के रोजगार को वरीयता दे रहा है, हालांकि इसमें मेहनत है, पूंजी निवेश है, रिस्क है,लेकिन इसके साथ कामयाबी का कल्पनातीत संसार भी है जिसने देश को अंबानी, बिरला, नारायण मूर्ति, टाटा, जैसों पर गर्व करने की वजह भी दी। इस वर्ष इस तरह के प्रोफेशनल्स की संख्या बढने की संभावना है। विशेषज्ञों की मानें, तो आज का युवा अच्छे संस्थानों से डिग्री, अच्छी कंपनियों में नौकरी करने के लिए नहीं, बल्कि स्वरोजगार करने के लिए ले रहे हैं। इसकी बडी खासियत यह है कि यहां आप अपने साथ-साथ दूसरों के लिए भी रोजगार जुटा सकते हैं।इस फील्ड को बढावा देने के लिए भारत सरकार ने एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का गठन किया है, जो युवाओं की क्षमता निखारने के साथ उन्हें वित्तीय मदद देता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि इस साल उन युवाओं की संख्या बढेगी, जो अपने प्रोफेशन में पैशन का स्कोप तलाशेंगे। यह नजरियों में आ रहे बदलाव की एक बानगी भर है। पिछले कुछ दशकों में आया यह परिवर्तन भारतीय युवाओं कीकडी मेहनत और सराहनीय कार्यो से ही संभव हुआ है। इन्हीं क्षमताओं के बल पर अन्य क्षेत्रों की ही तरह स्वरोजगार में भी वे बडी दूरी नापेंगे। उदाहरणों की कमी नहीं है किछोटे कदम व नाममात्र की पूंजी के साथ की गई शुरु की गई एक युवा की एक अदद कोशिश, आज न जाने कितने दूसरे युवाओं क ी हसरतों में रंग भर रही है।
सोशल वेंचर रहेगा हॉट
देश में युवाओं का एक बडा वर्ग सोशल एंटरप्रेन्योरशिप की ओर आकर्षित हो रहा है। भारत जैसे देश में जहां बडी आबादी अभी भी गरीबी रेखा के नीचे रहने को मजबूर हो, सोशल वैंचरिंग स्वरोजगार का उपयुक्त विकल्प है। इसकी खासियत यह है कि इसमें सभी तरह के लोग अपनी-अपनी सेवाएं दे सकते हैं। यही कारण है कि स्वरोजगार का एक बहुत बडा दायरा इसमें आता है। साल भर के रूझानों की रौशनी में देंखें तो आने वाले साल में यहां तेज ग्रोथ रहने वाली है। ऐसे मे यदि आप सोशल वर्क में स्वरोजगार के विकल्प को आजमाना चाहते हैं, तो संभावनाएं अकूत हैं।
एग्रीकल्चर एंड एलाइड सेक्टर
सोशल के बाद इस सेक्टर का भी जलवा बने रहने की उम्मीद की जा रही है। दरअसल इसका क्षेत्र काफी व्यापक है। इस कारण इसमें सभी एकेडमिक बैकग्राउंड के प्रोफेशनल्स को अवसर मिल रहा है। इसमें आपके पास फिशरीज, सेरीकल्चर, हॉर्टीकल्चर, डेयरी टेक्नोलॉजी के अलावा एग्री बिजनेस में अवसर हैं। ऑर्गेनिक प्रोडेक्ट की ग्लोबल मांग के बीच देश में भी ऑर्गेनिक फॉर्मिग का व्यवसाय बढा है। यदि आप कुछ पूंजी लगाकर इस क्षेत्र में आ रहे हैं तो इस लाइन में बेशुमार फायदे हैं।
एजुकेशन में बढेंगे एंटरप्रेन्योर
शिक्षा, समाज के सर्वागीण विकास के लिए जरूरी है। सभी को शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने इसे मौलिक अधिकार में शामिल किया है। लेकिन अभी भी तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद सभी को क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल पा रही है। यही कारण हैकि इसमें स्वरोजगार के अवसर पनपे हैं। असल में आजकल कंपटीशन लेवल काफी बढ गया है। सीमित सीट और बढती प्रतिस्पर्धा के कारण पढाई का स्टैंडर्ड भी काफी हाई हो गया है। इसमें सफलता उन्हीं स्टूडेंट्स को मिल रही है, जो किसी कोचिंग संस्थान से जुडे हैं या प्राइवेट पढाई करते हैं।
अवसर हैं, तो चुनौतियां भी
सन 2012 बेहतर अवसर के साथ ही काफी चुनतियां भी लेकर आ रहा है। अब सफलता उन्हीं को मिल सकती है, जो नए जमाने के साथ नए स्किल्स डेवलप करेंगे और अपनी कमियों को दूर करेंगे। किसी भी वर्क को आप सबसे अलग और बेहतर तभी कर पाएंगे, जब आपके पास उस जॉब से संबंधित संपूर्ण जानकारी हो। विशेषज्ञों के अनुसार स्किल्स कोई भी हो, कहीं न कहीं हमें उसका फायदा मिलता ही है। अगर जॉब की बात की जाए तो भी ये स्किल्स सेट खासे महत्वपूर्ण होते हैं। यहां हम उन स्किल्स के बारे में बात करेंगे, जिसकी बदौलत आप 2012 में कॅरियर को ऊंची उडान दे सकते हैं।
कम्यूनिकेशन नहीं है कोई अल्टरनेटिव
कम्यूनिकेशन आज न सिर्फ नौक री पाने, बल्कि नौकरी के दौरान भी तरक्की का जरिया है। बात चाहें इंटरव्यू की हो या फिर बॉस के सामने अपना व्यू रखने की, अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल्स की जरूरत नए साल में कॅरियर के हर कदम पर पडने वाली है।
टेक्नोसेवी स्मार्ट वर्क है जरूरी
नौकरी कोई भी हो। लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर, इंटरनेट की बढिया नॉलेज तो हर कैंडिडेट्स को होनी ही चाहिए। ये चीजें स्मार्ट वर्किंग में तो मदद करती ही हैं, साथ ही कार्यक्षेत्र में आपको लोकप्रिय भी बनाती हैं। अगर आप लंबी रेस का घोडा बनना चाहते हैं, तो आपके लिए जरूरी है कि आप लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से हमेशा अपडेट रहें।
टेक्निकल स्किल्स बढेगी डिमांड
देखा गया हैकि कईछात्रों का एकेडमिक रिकॉर्ड तो गजब का होता है, लेकिन बात जब टेक्निकल स्किल्स की आती है तो वे मात खा जाते हैं। ऐसे में यदि आप एकेडमिक नॉलेज के साथ संबधित इंडस्ट्री व उसके व्यावहारिक पहलुओं की समझ रखेंगे, तो बेशक कॅरियर का बेहतर खाका खींच पाऐंगे।
पॉजीटिव एटीट्यूड प्रेशर जॉब में कारगर
आज हाईली प्रेशराइज्ड जॉब्स में वही कैंडीडेट्स सफल हो रहे हैं, जो दबाव में बेहतर करने की क्षमता रखते हैं। इसके लिए कैंडीडेट्स को हमेशा सकारात्मक रहना जरूरी होता है। यदि आप में यह गुण हैतो आने वाला दौर आपका है।
थिंक ग्लोबली, एक्ट लोकली
नए साल में कामयाबी का यह एक बडा मंत्र है, जिसमें आप काम तो स्थानीय स्तर पर ही करते हैं, लेकिन नजर पूरी दुनिया पर रखते हैं। अगर आप इस तरह की सोच नहीं रखेंगे, तो किसी भी फील्ड में अधिक दिनों तक नहीं टिक पाएंगे।
मैथमेटिकल स्किल्स समय की जरूरत
गणितीय क्षमताएं आज किसी भी नौकरी की अहम शर्तबन चुकी हैं। पहले तक देश की कई परीक्षाएं ऐसी होती थीं, जिसमें मैथ्स नहीं होती थी। अब सभी परीक्षाओं में परोक्ष या अपरोक्ष रूप से मैथ्स का टेस्ट लिया जाता है। अगर आप अच्छी नौकरी की तलाश में हैं, तो मैथ्स का ज्ञान का अहम रोल होगा
इंग्लिश लैंग्वेज नीड ऑफ ऑवर
अंग्रेजी भाषा आज कामयाबी की भाषा बन चुकी है। बीपीओ,पीओ व प्राइवेट सेक्टर तो ऐसे हैं, जहां पहली व आखिरी इलेजिबिलटी आपकी बेहतर इंग्लिश ही है। आनेवाले समय में इंग्िलश की बेहतर नॉलेज रखने वालों को वरीयता मिलेगी।
जेआरसी टीम
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