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    झारखंड में नौ अगस्त को विधानसभा घेरेगी कांग्रेस, बनाई रणनीति

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Mon, 24 Jul 2017 04:49 PM (IST)

    झारखंड कांग्रेस के नए प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा है कि नौ अगस्त को पार्टी के कार्यकर्ता विधानसभा का घेराव करेंगे।

    झारखंड में नौ अगस्त को विधानसभा घेरेगी कांग्रेस, बनाई रणनीति

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के नए प्रभारी आरपीएन सिंह संगठन को धारदार बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि तीन दिनों तक लगातार कांग्रेसियों संग मंथन के बाद उन्होंने एलान किया कि नौ अगस्त को पार्टी के कार्यकर्ता विधानसभा का घेराव करेंगे। विरोध की वजह सीएनटी-एसपीटी में संशोधन की राज्य सरकार की कवायद है। प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि कृषि भूमि की प्रकृति बदलने संबंधी प्रस्ताव को रद करने के बाद सरकार फिर से विधेयक लाना चाहती है।

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    कांग्रेस चाहती है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किसी प्रकार का संशोधन नहीं हो। यह पूछे जाने पर कि टीएसी की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत के शामिल होने पर विधायक इरफान अंसारी ने आपत्ति जताई है, उन्होंने कहा कि टीएसी की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के विचार से सरकार को अवगत कराया है। नए प्रदेश प्रभारी ने दावा किया कि कांग्रेस को प्रखंड से लेकर बूथ स्तर तक मजबूती प्रदान की जाएगी। इसके लिए व्यापक रणनीति बनाई गई है। पार्टी विधानसभा की सभी 81 सीटों पर लड़ेगी।

    तमाम वरीय नेताओं समेत कांग्रेस के अग्रिम संगठनों ने भरोसा दिलाया है कि वे एकजुट होकर काम करेंगे। संगठन में गुटबाजी पर भी उन्होंने लगाम लगाने की बात कही। बोले, पुरानी बातें इतिहास हो गई। उसपर बातचीत करने का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोपों की बौैछार करते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बदतर है। राजधानी में रोजाना हत्याएं हो रही है।

    कई घटनाओं में सत्ता संरक्षित लोगों के शामिल होने का भी खुलासा हुआ है। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश सह प्रभारी उमंग सिंघर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. अजय कुमार और प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप तुलस्यान भी मौजूद थे।

    विधायक बिट्टू सिंह पर टालमटोल

    हर बात का साफगोई से जवाब देने वाले आरपीएन सिंह ने पांकी के विधायक देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह से संबंधित सवाल पर गोलमोल जवाब दिया। गौरतलब है कि पांकी के विधायक पर पार्टी लाइन से बाहर जाकर काम करने का आरोप है। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भी पार्टी के आदेश को दरकिनार किया। प्रदेश प्रभारी की बैठक में भी वे नजर नहीं आए।

    एलायंस अभी दूर की कौड़ी

    विपक्षी दलों के गठबंधन से संबंधित सवाल पर आरपीएन सिंह ने कहा कि चुनाव में अभी दो साल शेष है। उनका पूरा ध्यान संगठन की मजूबती पर केंद्रित है। चुनाव करीब आएगा तो गठबंधन पर चर्चा संभव है। फिलहाल पार्टी की मजबूती सबका लक्ष्य है।

    अनुशासन दिखा

    प्रदेश कांग्रेस कार्यालय मेंआरपीएन सिंह की प्राथमिकताओं में दलीय अनुशासन है। रविवार को इसका असर भी दिखा। अमूमन दफ्तर में काबिज रहने वाले नेता प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कक्ष में प्रवेश नहीं कर पाए। पूर्व में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कक्ष ऐसे नेताओं से भरा रहता था। आरपीएन सिंह ने वैसे नेताओं को चेतावनी दी है जो बगैर संगठन की अनुमति के बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने प्रदेश नेतृत्व को ऐसे तत्वों पर लगाम लगाने को कहा है। 

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