राम माधव टटोल गए झारखंड में भाजपा की नब्ज, तालमेल पर जोर
झारखंड में राम माधव ने पदाधिकारियों से फीडबैक लिया, जिसमें पार्टी की अंतर्कलह भी उजागर हुई।

राज्य ब्यूरो, रांची। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव का झारखंड दौरा प्रदेश भाजपा में सुगबुगाहट पैदा कर गया। अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान राम माधव ने भाजपा पदाधिकारियों, कोर कमेटी और सांसद व विधायकों के साथ हुई बैठक में भाजपा नेताओं की शंकाओं का समाधान किया। सत्ता और संगठन में समन्वय की नसीहत भी दी।
माधव ने पदाधिकारियों से फीडबैक लिया जिसमें पार्टी की अंतर्कलह भी उजागर हुई। सीएनटी-एसपीटी संशोधन एक्ट पर भ्रम की स्थिति के अलावा सरकार और संगठन के आपसी तालमेल जैसी बातें उनके संज्ञान में लाई गई, जिसे उन्होंने काफी सहजता से लेते हुए कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया। नरम शब्दों में सांसदो व विधायकों को संगठन के कार्यो में हस्तक्षेप न करने की नसीहत दी। वहीं प्रदेश पदाधिकारियों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते हैं, माधव ने साफ कहा कि यदि वे नहीं सुनते हैं तो कमी आपकी है।
पदाधिकारियों के यह कहने पर कि बाहर से आए लोगों को अधिक महत्व मिल रहा है, माधव ने कहा कि जिसमें दम होगा वह आगे बढ़ेगा। यदि मणिपुर में भी हम यही देखते तो सरकार नहीं बन सकती थी। अपने प्रवास के दूसरे दिन रविवार को राम माधव ने सरायकेला-खरसावां और पश्चिम सिंहभूम कार्यसमिति की बैठकों में भाग लेकर जमीनी स्तर पर संगठन की जानकारी ली और देर शाम दिल्ली के लिए लौट गए।
पिछले 20 दिनों में पांच केंद्रीय मंत्रियों के राज्य में दौरे हुए हैं, लेकिन माधव का दौरा इससे इतर था। उन्होंने अपनी तमाम बैठकों में निचले स्तर तक संगठन की नब्ज टटोली, जिसकी रिपोर्ट वह केंद्रीय नेतृत्व को देंगे।
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