झारखंड में अब नहीं चलेगा छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा: लुइस मरांडी
बकौल मंत्री, योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने तथा बिचौलियावाद को खत्म करने के लिए लाभुकों के खाते में सीधे राशि भेजी जा रही है।

झारखंड की आधी आबादी के साथ-साथ बच्चों और किशोरियों के विकास की प्रतिनिधि संस्था के रूप में नामित महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग कई योजनाओं के साथ राज्य के अंतिम व्यक्ति तक को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है। इसी तरह राज्य की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आदिम जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के कल्याण को केंद्र में रखकर कल्याण विभाग की दर्जनों योजनाएं धरातल पर है। कुछ योजनाओं का सीधा लाभ लाभुकों तक पहुंच रहा है, जबकि कई योजनाओं में फर्जीवाड़े की चर्चा परवान पर है। दोनों ही विभागों की मंत्री डॉ. लुइस मरांडी का इस मामले में स्पष्ट सोच है। बकौल मंत्री, योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने तथा बिचौलियावाद को खत्म करने के लिए लाभुकों के खाते में सीधे राशि भेजी जा रही है। सूचना तकनीक के अभिनव प्रयोगों से उसकी मॉनीटरिंग की जा रही है। जागरण के वरिष्ठ संवाददाता विनोद श्रीवास्तव से मंत्री लुइस मरांडी के बातचीत के मुख्य अंश-
फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए छात्रवृत्ति लेने का मामला पिछले दिनों सुर्खियों में रहा है? क्या कहेंगी आप?
-भरोसा रखें, छात्रवृत्ति में घालमेल अब नहीं चलने वाला। फर्जीवाड़े के इस खेल में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। सरकार किसी को नहीं बख्शेगी। छात्रवृत्ति के लिए आएआवेदनों की कई स्तरों पर जांच हो रही है। जांच की इसी कड़ी में छात्रवृत्ति में गड़बड़ी का खेल उजागर हुआ है। पदाधिकारियों की टीम कई राज्यों के दौरे पर है, जो वहां के तकनीकी संस्थानों की जमीनी हकीकत का मुआयना कर रही है। छात्रवृत्ति के लिए नियमावली तैयार की जा रही है।'
आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है? फिर गुणवत्तायुक्त शिक्षा की बात हम कैसे कर सकते हैं?
- आप पिछला रिकार्ड देख लें, आवासीय विद्यालयों के प्रदर्शन में नितांत सुधार हुआ है। शिक्षकों का टोटा कभी था। वैकल्पिक तौर पर वहां घंटी आधारित शिक्षक प्रतिनियुक्त किए गए हैं। शिक्षक नियुक्ति नियमावली तक बनकर तैयार है। सरकार बच्चों को न सिर्फ गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के प्रति गंभीर है, बल्कि उसे उनके स्वास्थ्य की भी चिंता है। सभी बच्चों का स्वास्थ्य कार्ड बनाया जा रहा है। और तो और उन्हें दी जाने वाली तमाम सुविधाओं के मद की राशि में 15 गुना तक की वृद्धि की गई है।'
आंगनबाड़ी केंद्रों के प्रदर्शन पर भी सवाल उठते रहे हैं? सरकार के उद्देश्यों पर ये केंद्र कैसे खरा उतरेंगे?
- देखिए राज्य में 38432 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। सभी केंद्रों पर एक साथ नजर रखना मुश्किल जरूर है। इससे इतर इसकी मानिटरिंग की नई तरकीब विकसित की गई है। केंद्रों की हर दिन की गतिविधियों की तस्वीरें मंगाई जा रही हैं। केंद्रों का औचक निरीक्षण जारी है। केंद्रों पर नजर रखने के लिए अलग से सेल गठित है, जो रैंडमली केंद्रों से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर उसकी जमीनी हकीकत की रिपोर्ट तैयार कर रही है।'
समाज में व्याप्त डायन कुप्रथा, ट्रैफिकिंग, बाल विवाह आदि पर रोक लगाने की जवाबदेही भी आपके विभाग की है? इस दिशा में क्या कुछ हो रहा है?
- डायन कुप्रथा पर कई स्तर से प्रहार हो रहा है। जागरूकता रथ, नुक्कड़ नाटक आदि माध्यमों से सरकार जहां लोगों को जागरूक कर रही है, वहीं थानों को ऐसे मामले में त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए पांच जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट खोले गए हैं। गैर सरकारी संस्थाओं को भी इस कार्य में लगाया गया है। ट्रैफिकिंग की शिकार युवतियों और बच्चों को मुक्त कराने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों को पत्र लिखा गया है। मुक्त कराई गई युवतियों का कौशल विकास किया जा रहा है, जबकि बच्चियों का कस्तूरबा विद्यालयों में नामांकन कराया जा रहा है। बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए स्कूलों को विशेष दायित्व सौंपा गया है। बाल विवाह की सुगबुगाहट मात्र पर स्कूलों को इसकी प्रारंभिक सूचना से थानों को अवगत कराने का निर्देश दिया गया है।'
सामाजिक सुरक्षा की दिशा में विभागीय स्तर पर क्या खास प्रयास किए जा रहे हैं?
- 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की महिला-पुरुषों को वृद्धावस्था पेंशन दिया जा रहा है। 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी विधवाओं को पेंशन देने की शुरुआत की गई है। दिव्यांगों के लिए सरकारी कार्यालयों में बाधारहित वातावरण का निर्माण किया जा रहा है। उनके लिए सिंगल विंडो स्थापित किए जाने की योजना है। किशोरियों के लिए तेजस्विनी योजना की शुरुआत की गई है। पांच वर्षो की इस योजना के तहत 14 से 24 वर्ष की किशोरियों और महिलाओं को हर स्तर पर सशक्तकिया जाएगा।
प्रोफाइल
नाम : डॉ. लुइस मरांडी
जन्म : बरतली, दुमका
पूर्व के कार्य : शिक्षक से लेकर लेक्चरर तक की भूमिका निभाई। प्रदेश महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष रहीं तो महिला आयोग और टीएसी के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दी।
शिक्षा : एमए, पीएचडी।
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