ज्यादा पी रखी है तो नहीं मिलेगी शराब
ज्यादा शराब पीकर अगर कोई दुकान पर गया तो दुकानदार उसे शराब देने से इन्कार कर देगा।

राज्य ब्यूरो, रांची। अब झारखंड में शराब के शौकीनों को समय देखकर शराब की दुकानों पर जाना होगा। वहीं, ज्यादा शराब पीकर अगर कोई दुकान पर गया तो दुकानदार उसे शराब देने से इन्कार कर देगा। नए झारखंड उत्पाद अधिनियम में इसका प्रावधान है। मंगलवार को कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है।
शहरी क्षेत्र में दिन के एक बजे से चार बजे और फिर शाम पांच बजे से रात्रि 10 बजे तक शराब दुकानें खुली रहेंगी। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में दिन के 12 बजे से रात्रि के आठ बजे तक ही शराब दुकानों से शराब मिल सकेगी। इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि 21 वर्ष से कम उम्र के लोगों को शराब नहीं मिलेगी।
एक अगस्त से सरकारी स्तर पर विदेशी और देशी शराब की बिक्री के पूर्व नियमावली की मंजूरी अहम मानी जा रही है। इसमें उत्पाद विभाग, स्थानीय प्रशासन और पुलिस की जवाबदेही भी तय की गई है। नियमावली एक अगस्त 2017 से प्रभावी होगी। यह मसालेदार देशी शराब, विदेशी शराब, बीयर और सरकार की कंपोजिट दुकानों में शराब की खुदरा बिक्री पर प्रभावी होगी। नियमावली में शराब बिक्री के लिए लाइसेंस देने का विशेषाधिकार झारखंड राज्य बिवरेज कॉरपोरेशन को दिया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य
-शराब दुकानों में दुकान प्रबंधक होगा।
-विदेशी शराब की दुकानों में व्हिसकी, ब्रांडी, रम, जिन, वाइन, आयातित विदेशी मदिरा, बीयर, ब्रीजर और झारखंड मीडियम लीकर आदि मिलेगी।
-कंपोजिट दुकानों में देशी मसालेदार शराब, देशी शराब, विदेशी शराब और आयातित विदेशी शराब की बिक्री होगी।
-देशी शराब की दुकानों में देशी के अलावा मसालेदार शराब भी बेची जाएगी।
5 से 10 फीसद लाभ लेगा कॉरपोरेशन
प्रदेश में विभिन्न प्रकार के शराब की बिक्री पर झारखंड राज्य बिवरेज कॉरपोरेशन पांच से 10 फीसद तक लाभ लेगा। इसमें से कुछ राशि वह अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए संसाधन को मजबूत करने के साथ ही वाहन और कम्प्यूटर आदि पर खर्च करेगा।
ज्यादा शराब लेने पर ऑनलाइन पेमेंट:
शराब दुकानों से कौन सी शराब किसी व्यक्ति को कितनी मात्र में मिल सकती है यह भी तय कर दिया गया है। विदेशी शराब प्रति व्यक्ति तीन लीटर, वीयर व वाइन : प्रति व्यक्ति 5.5 लीटर, देशी और मसालेदार शराब : 1.2 लीटर। वहीं उक्त सीमा से अगर कोई व्यक्ति ज्यादा शराब की खरीद करेंगे तो उन्हें आनलाइन पेमेंट करना होगा।
ट्रांसपोर्टिग और लाइसेंस शुल्क तय
नियमावली में ट्रांसपोर्टिग और लाइसेंस शुल्क तय कर दी गई है। इसके तहत सभी प्रकार के खुदरा शराब दुकानों के लिए प्रति दुकान लाइसेंस शुल्क 50 हजार रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा बिवरेज के गोदाम से खुदा दुकानों तक भारत निर्मित विदेशी शराब पहुंचाने के एवज में उत्पाद परिवहन कर प्रति एलपी लीटर 300 रुपये, वीयर एवं वाइन प्रति ब्लक लीटर 15 रुपये, देशी और मसालेदार शराब प्रति एलपी लीटर 75 रुपये और आयातित विदेशी शराब प्रति ब्लक 20 रुपये तय की गई है। उत्पाद परिवहन कर पर 10 फीसद की दर से विभाग सर चार्ज भी लेगा। टांसपोर्टिंग शुल्क पूर्व में किलोमीटर के आधार पर तय था, इसे अब खत्म कर दिया गया है।

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