झारखंड के झरिया में भू-धंसान, पिता और पुत्र समाए
अचानक जमीन धंस गई और उसमें पिता और पुत्र समा गए। इस घटना के विरोध में गुस्साए लोगों ने सड़क जाम की।

जागरण संवाददाता, धनबाद। जैसी की वर्षो से आशंका थी, बुधवार को सुबह एकाएक हो गया। झारखंड में झरिया (धनबाद) के अग्नि प्रभावित इंदिरा चौक पर झरिया-सिंदरी मार्ग के किनारे सुबह एकाएक गड्ढा बन गया और उसमें पिता और पुत्र जमींदोज हो गए। टेंपो मरम्मत करनेवाले 40 वर्षीय बबलू खान व उसका 13 वर्षीय पुत्र रहीम खान गड्ढे में समा गए।
रहीम दुकान का खूंटा पकड़कर खड़ा था। अचानक नीचे की जमीन खिसक गई और वह उसके अंदर चला गया। उसे बचाने के लिए आए उसके पिता बबलू खान भी गड्ढे में समा गए। अपने चाचा और भाई को आंखों के सामने जमींदोज होता देख अरमान ने चिल्लाना शुरू किया। भीड़ जुटने लगी। उसके बाद हो हल्ला व रोड जाम के बाद रेस्क्यू का काम शुरू हुआ मगर शाम तक दोनों का पता नहीं चल सका। शाम छह बजे राहत कार्य बंद कर दिया गया। अब गुरुवार को फिर राहत कार्य शुरू होगा। इसके लिए रांची से एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच रही है।
इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। गड्ढे का दायरा लगभग 10 फीट व्यास का है। इसकी गहराई कितनी है, इसका आकलन लोग नहीं कर पा रहे। हालांकि सैकड़ों फीट गहरा गड्ढा होने की बात कही जा रही है। गड्ढे से लगातार जहरीली कार्बन मोनोक्साइड गैस का रिसाव हो रहा है। राहत कार्य में विलंब पर रोड जाम राहत कार्य में विलंब होने पर नाराज लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। करीब आधा दर्जन वाहनों को नुकसान पहुंचाया। गुस्साए लोगों ने झरिया-¨सदरी मार्ग जाम कर दिया। कैसे बना गड्ढा झरिया में जमीन के नीचे वर्षो से आग लगी हुई है और यहां ज्यादातर हिस्से में जमीन के नीचे कोयले की परत अब राख का रूप ले चुकी है।
यही वजह है कि अक्सर यहां जमीन धंस जाती है और वह गड्ढे का रूप ले लेती है। पूर्व में भी गड्ढे बनने से कई मौतें हो चुकी हैं। इस खतरे के मद्देनजर झरिया की एक बड़ी आबादी को विस्थापित कर सरकार दूसरी जगह बसाने की तैयारी कर रही है।
सीएम ने की मुआवजे की घोषणा
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झरिया दुर्घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए आर्थिक सहायता के रूप में दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की है।
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