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    जहर ऐसा कि छलनी हो गया दिल

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Thu, 07 Sep 2017 04:14 PM (IST)

    जहरीली शराब से हुई मौत के मामलों में सभी का दिल बुरी तरह से छलनी होता दिख रहा था।

    जहर ऐसा कि छलनी हो गया दिल

    आशीष झा, रांची। तीन दिनों में शहर के अलग-अलग इलाकों में जहरीली शराब से हुई मौत के मामलों में एक आश्चर्यजनक बात सामने आई है और वह यह कि इस जहर के कारण सभी का दिल बुरी तरह से छलनी होता दिख रहा था। दिल पर छोटी-छोटी रक्त कोशिकाएं कुछ इस तरह से बनी हुई दिखीं जैसे सैकड़ों छिद्रों (पिन प्वाइंट फेटेचियल हेमरेज) से एक साथ रक्तस्राव हुआ हो। स्पष्ट है कि इस प्रकार का जहरीला असर रिम्स के डॉक्टर भी कम ही देखते हैं। मामले में अब सीनियर डॉक्टर अध्ययन कर दूसरे राज्यों के चिकित्सकों के लिए भी अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे।

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    रिम्स पहुंचे शवों के पोस्टमार्टम के बाद प्रारंभिक रिपोर्ट तो बन ही गई है, लेकिन आगे के लिए भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसमें उन खास बातों का भी जिक्र होगा जो इस मामले में सामने आया है। मरने वाले सभी लोगों की आंखें खराब हो गई थीं। दृष्टि बाधित होने के भी मामले सामने आए हैं। आंत से लेकर पैंक्रियाज तक में जहर का असर देखने को मिला। डॉक्टरों के अनुसार आंख पर बुरा प्रभाव शराब में मिथाइल अल्कोहल की अधिकता के कारण हुआ है। मौत का कारण भी यही माना गया।

    पुस्तकों में ऐसा कोई जिक्र नहीं

    पोस्टमार्टम करनेवाले डॉक्टरों ने बताया कि जहरीली शराब से मौत के मामलों में जो तथ्य अब तक पोस्टमार्टम में सामने आते रहे हैं उनमें कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि इससे दिल पर भी इस तरह का प्रभाव पड़ता है। यही बात है कि डॉक्टर इस विषय पर और शोध करना चाहते हैं।

    पेट में बम होने का पता चला था

    इसी टीम को कुछ वर्ष पूर्व नक्सलियों के हाथों शहीद हुए जवान के पेट को चीरकर नक्सलियों ने बम डाल दिया था और फिर उसे सिलकर जंगल में रख दिया गया। यह काम इतनी चालाकी से की गई थी कि किसी को पता नहीं चला और पुलिस ने जवान के शव को उठाकर रिम्स पहुंचा दिया। डॉक्टरों ने देर रात ही पुलिस को बता दिया था कि पेट में बम जैसा कोई सामान रख दिया गया है और समय रहते इसे डिस्पोज किया गया। पूरे देश के नक्सल प्रभावित इलाकों के अस्पतालों के लिए यह मामला केस स्टडी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

    शराब माफिया सिंधिया का पूर्व चालक हिरासत में

    शराब माफिया प्रहलाद सिंधिया के पूर्व चालक प्रकाश को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस ने उसे डोरंडा के घाघरा से उठाया है। पुलिस उससे सिंधिया के ठिकानों और शराब सप्लाई किए जाने वाले क्षेत्र की पूछताछ कर रही है। हालांकि प्रकाश ने सिंधिया का काम छोड़ देने की बताई है। उसका कहना है कि डेढ़ वर्ष पहले शराब के साथ पकड़ा गया था। इसके बाद से वह सिंधिया का काम छोड़ चुका है।

    हाई कोर्ट में अधिवक्ता ने कहा, गंभीर नहीं सरकार

    जहरीली शराब से लगातार हो रही मौत पर अधिवक्ता राजीव कुमार ने हाई कोर्ट में बताया कि अवैध शराब का कारोबार कोई नई बात नहीं है लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। सरकार गंभीर होती और पहले ही सख्त कदम उठाती तो शायद ऐसी घटना नहीं घटती। इसके बाद कोर्ट ने अखबार को अपने पास रख लिया। उन्होंने दैनिक जागरण सहित अन्य अखबारों को कोर्ट में पेश कर संज्ञान लेने का आग्रह किया गया। उन्होंने कोर्ट को बताया गया कि यह घटना पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर रही है।

    मौत के लिए सरकार जिम्मेदार : हेमंत

    राज्य ब्यूरो, रांची। हेमंत सोरेन ने जहरीली शराब से हुई मौत पर सरकार की आलोचना की है। कहा कि सरकार द्वारा शराब बेचने का निर्णय गलत था। स्थिति यह है कि पुलिस शराब बिकवा रही है। सरकार राजस्व में बढ़ोतरी की दुहाई दे रही थी लेकिन इससे कोई राजस्व नहीं बढ़ने वाला है। पैसे अधिकारी और नेताओं की जेब में जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की।

    शराबबंदी करे सरकार: कांग्रेस

    कांग्रेस ने राज्य में शराबबंदी की वकालत की है। पार्टी विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि सरकार को शराब बेचने की क्या आवश्यकता है? एक तरफ सरकार शराब को हानिकारक बताती है तो दूसरी ओर पुलिस की सुरक्षा में शराब बेचती है। अगर शराबबंदी नहीं की गई तो इसके और बुरे नतीजे आएंगे। जहरीली शराब के स्त्रोत का पता भी सरकार को लगाना चाहिए। 

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